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विदेशों में गणेश चतुर्थी का है क्रेज, इन देशों में भी लोग करते हैं गणपति की पूजा

Ganesh Chaturthi 2022 के अवसर पर आपको बताते हैं कि किन किन देशों में किस तरह के भगवान गणेश की पूजा की जाती है और किन किन देशों में उनके मंदिर भी स्थापित हैं.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022
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Published : Aug 29, 2022, 4:46 PM IST

नई दिल्ली : आमतौर पर लोग यह जानते होंगे कि गणेश भगवान की पूजा (Ganpati Puja) केवल भारत में होती है और इनको केवल यहीं के लोग मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. गणेश चतुर्थी 2022 (Ganesh Chaturthi 2022) के अवसर पर आपको बताते हैं कि किन किन देशों में किस तरह के भगवान गणेश की पूजा की जाती है और किन किन देशों में उनके मंदिर भी स्थापित हैं.

वैसे तो अगर देखा जाय तो भगवान गणेश की मूर्तियां आपको म्यामार, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, चीन, मंगोलिया, वियतनाम, बुल्गारिया, अमेरिका, मैक्सिको, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस व रूस सहित अन्य देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय तो पूजा करते ही हैं, लेकिन कुछ देशों में खासतौर पर इनकी पूजा होती है. वहां पर त्योहार संक्षिप्त में मनाया जाता है. इतना ही नहीं गणेश भगवान की मूर्ति विश्व के लगभग हर आर्ट गैलरी और म्यूजियम में देखी जा सकती है.

कहा जाता है कि भले ही विदेशों के लोग लोग हिंदू धर्म के अनुसार विधि विधान से पूजा पाठ न करते हों, लेकिन कई देशों के लोग गणेश जी की मूर्ति को या तो अपने पास रखते हैं या अपने घरों में लगाते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि विश्व के धार्मिक प्रवृत्ति के लेखकों, कलाकारों, व्यापारियों के पास यह मूर्ति देखी जा सकती है. इसके साथ कई यूरोपियन देशों में भी इसके प्रमाण देखे जा सकते हैं.

Ganesha in Kyoto Japan
जापान के क्योटो शहर में भगवान गणेश

ऐसा देखा जा रहा है कि देश के कोने कोने में रहने वाले अप्रवासी भारतीय भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Chaturthi Celebration in Foreign Countries) विधि विधान से करते हैं. इसके साथ साथ भारत के कई पड़ोसी देशों में भगवान गणेश की मूर्तियों व मंदिरों को देखा जा सकता है. यहां पर भारत की ही तरह भगवान गणेश की पूजा होती है.

नेपाल

नेपाल में गणेश मंदिर की स्थापना सबसे पहले सम्राट अशोक की पुत्री चारूमित्रा ने की थी. वहां के लोग भगवान गणेश को सिद्धिदाता और संकटमोचन के रूप में मानते और पूजते हैं. वहां के लोगों के द्वारा परेशानियों से बचने के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है.

चीन

जानकारों का कहना है कि चीन के प्राचीन हिन्दू मंदिरों में चारों दिशाओं के द्वारों पर गणेश जी स्थापित दिखायी देते हैं. इसके अलावा तिब्बत में गणेश जी को दुष्टात्माओं के दुष्प्रभाव से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है.

इसे भी देखें : यह है गणेश प्रतिमा स्थापित करने का शुभ मुहूर्त व तरीका, जानिए कैसे हुयी थी गणेश चतुर्थी की शुरुआत

kangiten Ganesha in Japan
भगवान गणेश का कांगितेन स्वरूप

जापान

जापान में बहुत सारे बुद्ध धर्म के अनुयायी रहते हैं. वहां के लोग भगवान गणेश को 'कांगितेन' (kangiten) के नाम से जानते हैं. जापान में बौद्ध धर्म को मानने वाले कांगितेन को कई रूपों में पूजते (Ganpati Puja in Japan) हैं. कहा जाता है कि जापान में इनका दो शरीर वाला स्वरूप सर्वाधिक प्रचलित है. यहां पर चार भुजाओं वाले गणपति का भी जिक्र मिला करता है. जापान में भगवान गणेश के करीब 250 मंदिर हैं, जहां पर वह kangiten के रूप में पूजे जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि वह भगवान गणेश का ही एक रूप हैं. kangiten को हमारे देश में गणेश भगवान की ही तरह सुख, शांति और समृद्दि प्रदान करने वाला देवता माना जाता है. अभी कुछ दिनों पहले ऑक्सफोर्ड पब्लिकेशन ने भी इस बात का दावा किया था कि आज से कई सालों पहले मध्य एशिया में गणेश की पूजा होती थी.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022

श्रीलंका

पड़ोसी देश श्रीलंका में तमिल बहुल क्षेत्रों में काले पत्थर से निर्मित भगवान पिल्लयार अर्थात् गणेश की पूजा की जाती है. श्रीलंका में गणेश के 14 अति प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं. वहां के बड़े शहर कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के तट पर स्थित केलान्या में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित दिखायी देती हैं.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया भी एक ऐसा देश है जहां पर कई हिन्दू धर्म के मानने वाले लोगों के साथ साथ बौद्ध धर्म वाले लोग रहते हैं. माना जाता है कि इंडोनेशियन द्वीप पर भारतीय धर्म का प्रभाव पहली शताब्दी से है. यहां के भारतीयों के लिए भगवान गणेश की मूर्तियां ख़ासतौर पर भारत से मंगाई जाती हैं. इतनी ही नहीं यहां के 20 हज़ार के नोट पर भी गणेशजी की तस्वीर दिखायी देती है. इंडोनेशिया में उन्हें ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इंडोनेशिया में गणेश पूजा की जाती है.

इसे भी देखें : गणेश चतुर्थी 2022 पर जानिए भगवान गणेश से जुड़े ये 11 फैक्ट्स

Ganesha in Thailand
थाइलैंड में फ्ररा फिकानेत की पूजा

थाईलैंड

थाइलैंड में गणपति को 'फ्ररा फिकानेत' के रूप में जाना जाता है. इंडोनेशिया में 'फ्ररा फिकानेत' को सभी बाधाओं को हरने वाला और सफलता प्रदान करने वाला देवता माना जाता है. 'फ्ररा फिकानेत' की पूजा नए व्यवसाय और शादी के मौके पर पर भी की जाती है. इतना ही नहीं गणेश चतुर्थी के साथ ही वहां गणेश जी का जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता है. इस तरह से थाइलैंड में गणेश पूजा का भी प्रचलन है.

इसे भी देखें : बड़ी दिलचस्प हैं भगवान गणेश के एकदंत होने की कथाएं, जानिए 4 पौराणिक प्रसंग

Ganesh Puja Pakistan Ratneshwar Mandir
पाकिस्तान का रत्नेश्वर महादेव मंदिर

पाकिस्तान

पाकिस्तान के रत्नेश्वर महादेव मंदिर में पाकिस्तान में गणेश चतुर्थी की पूजा की जाती है. भारत से वहां पर मूर्तियां भेजने की परंपरा रही है, लेकिन जब किन्हीं कारणों से मूर्ति वहां नहीं जा पाती है तो लोग दुबई से मूर्तियां मंगाकर पाकिस्तान में पूजा करते हैं. रत्नेश्वर महादेव मंदिर क्लिफ़टन इलाक़े में समुद्र के किनारे स्थित है. मान्यता है कि यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है. गणेश चतुर्थी के दौरान मुख्य कार्यक्रम का आयोजन इसी मंदिर में होता है.

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नई दिल्ली : आमतौर पर लोग यह जानते होंगे कि गणेश भगवान की पूजा (Ganpati Puja) केवल भारत में होती है और इनको केवल यहीं के लोग मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. गणेश चतुर्थी 2022 (Ganesh Chaturthi 2022) के अवसर पर आपको बताते हैं कि किन किन देशों में किस तरह के भगवान गणेश की पूजा की जाती है और किन किन देशों में उनके मंदिर भी स्थापित हैं.

वैसे तो अगर देखा जाय तो भगवान गणेश की मूर्तियां आपको म्यामार, अफगानिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, थाईलैंड, चीन, मंगोलिया, वियतनाम, बुल्गारिया, अमेरिका, मैक्सिको, ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस व रूस सहित अन्य देशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय तो पूजा करते ही हैं, लेकिन कुछ देशों में खासतौर पर इनकी पूजा होती है. वहां पर त्योहार संक्षिप्त में मनाया जाता है. इतना ही नहीं गणेश भगवान की मूर्ति विश्व के लगभग हर आर्ट गैलरी और म्यूजियम में देखी जा सकती है.

कहा जाता है कि भले ही विदेशों के लोग लोग हिंदू धर्म के अनुसार विधि विधान से पूजा पाठ न करते हों, लेकिन कई देशों के लोग गणेश जी की मूर्ति को या तो अपने पास रखते हैं या अपने घरों में लगाते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि विश्व के धार्मिक प्रवृत्ति के लेखकों, कलाकारों, व्यापारियों के पास यह मूर्ति देखी जा सकती है. इसके साथ कई यूरोपियन देशों में भी इसके प्रमाण देखे जा सकते हैं.

Ganesha in Kyoto Japan
जापान के क्योटो शहर में भगवान गणेश

ऐसा देखा जा रहा है कि देश के कोने कोने में रहने वाले अप्रवासी भारतीय भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Chaturthi Celebration in Foreign Countries) विधि विधान से करते हैं. इसके साथ साथ भारत के कई पड़ोसी देशों में भगवान गणेश की मूर्तियों व मंदिरों को देखा जा सकता है. यहां पर भारत की ही तरह भगवान गणेश की पूजा होती है.

नेपाल

नेपाल में गणेश मंदिर की स्थापना सबसे पहले सम्राट अशोक की पुत्री चारूमित्रा ने की थी. वहां के लोग भगवान गणेश को सिद्धिदाता और संकटमोचन के रूप में मानते और पूजते हैं. वहां के लोगों के द्वारा परेशानियों से बचने के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है.

चीन

जानकारों का कहना है कि चीन के प्राचीन हिन्दू मंदिरों में चारों दिशाओं के द्वारों पर गणेश जी स्थापित दिखायी देते हैं. इसके अलावा तिब्बत में गणेश जी को दुष्टात्माओं के दुष्प्रभाव से रक्षा करने वाला देवता माना जाता है और उनकी पूजा की जाती है.

इसे भी देखें : यह है गणेश प्रतिमा स्थापित करने का शुभ मुहूर्त व तरीका, जानिए कैसे हुयी थी गणेश चतुर्थी की शुरुआत

kangiten Ganesha in Japan
भगवान गणेश का कांगितेन स्वरूप

जापान

जापान में बहुत सारे बुद्ध धर्म के अनुयायी रहते हैं. वहां के लोग भगवान गणेश को 'कांगितेन' (kangiten) के नाम से जानते हैं. जापान में बौद्ध धर्म को मानने वाले कांगितेन को कई रूपों में पूजते (Ganpati Puja in Japan) हैं. कहा जाता है कि जापान में इनका दो शरीर वाला स्वरूप सर्वाधिक प्रचलित है. यहां पर चार भुजाओं वाले गणपति का भी जिक्र मिला करता है. जापान में भगवान गणेश के करीब 250 मंदिर हैं, जहां पर वह kangiten के रूप में पूजे जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि वह भगवान गणेश का ही एक रूप हैं. kangiten को हमारे देश में गणेश भगवान की ही तरह सुख, शांति और समृद्दि प्रदान करने वाला देवता माना जाता है. अभी कुछ दिनों पहले ऑक्सफोर्ड पब्लिकेशन ने भी इस बात का दावा किया था कि आज से कई सालों पहले मध्य एशिया में गणेश की पूजा होती थी.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022

श्रीलंका

पड़ोसी देश श्रीलंका में तमिल बहुल क्षेत्रों में काले पत्थर से निर्मित भगवान पिल्लयार अर्थात् गणेश की पूजा की जाती है. श्रीलंका में गणेश के 14 अति प्राचीन मंदिर भी स्थित हैं. वहां के बड़े शहर कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के तट पर स्थित केलान्या में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित दिखायी देती हैं.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी 2022

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया भी एक ऐसा देश है जहां पर कई हिन्दू धर्म के मानने वाले लोगों के साथ साथ बौद्ध धर्म वाले लोग रहते हैं. माना जाता है कि इंडोनेशियन द्वीप पर भारतीय धर्म का प्रभाव पहली शताब्दी से है. यहां के भारतीयों के लिए भगवान गणेश की मूर्तियां ख़ासतौर पर भारत से मंगाई जाती हैं. इतनी ही नहीं यहां के 20 हज़ार के नोट पर भी गणेशजी की तस्वीर दिखायी देती है. इंडोनेशिया में उन्हें ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इंडोनेशिया में गणेश पूजा की जाती है.

इसे भी देखें : गणेश चतुर्थी 2022 पर जानिए भगवान गणेश से जुड़े ये 11 फैक्ट्स

Ganesha in Thailand
थाइलैंड में फ्ररा फिकानेत की पूजा

थाईलैंड

थाइलैंड में गणपति को 'फ्ररा फिकानेत' के रूप में जाना जाता है. इंडोनेशिया में 'फ्ररा फिकानेत' को सभी बाधाओं को हरने वाला और सफलता प्रदान करने वाला देवता माना जाता है. 'फ्ररा फिकानेत' की पूजा नए व्यवसाय और शादी के मौके पर पर भी की जाती है. इतना ही नहीं गणेश चतुर्थी के साथ ही वहां गणेश जी का जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया जाता है. इस तरह से थाइलैंड में गणेश पूजा का भी प्रचलन है.

इसे भी देखें : बड़ी दिलचस्प हैं भगवान गणेश के एकदंत होने की कथाएं, जानिए 4 पौराणिक प्रसंग

Ganesh Puja Pakistan Ratneshwar Mandir
पाकिस्तान का रत्नेश्वर महादेव मंदिर

पाकिस्तान

पाकिस्तान के रत्नेश्वर महादेव मंदिर में पाकिस्तान में गणेश चतुर्थी की पूजा की जाती है. भारत से वहां पर मूर्तियां भेजने की परंपरा रही है, लेकिन जब किन्हीं कारणों से मूर्ति वहां नहीं जा पाती है तो लोग दुबई से मूर्तियां मंगाकर पाकिस्तान में पूजा करते हैं. रत्नेश्वर महादेव मंदिर क्लिफ़टन इलाक़े में समुद्र के किनारे स्थित है. मान्यता है कि यह मंदिर सैंकड़ों साल पुराना है. गणेश चतुर्थी के दौरान मुख्य कार्यक्रम का आयोजन इसी मंदिर में होता है.

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