ETV Bharat / bharat

DPI ने एसडीजी की दिशा में विकास को तेज करने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : पटनायक

राज्यसभा सांसद अमर पटनायक के अनुसार, ग्लोबल साउथ के देश भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की नकल करके संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि को तेजी से ट्रैक कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए, इन देशों को आवश्यक नीतिगत प्रोत्साहन को समझना चाहिए. ईटीवी भारत के अरुणिम भुइयां की रिपोर्ट.

MP Amar Patnaik
राज्यसभा सांसद अमर पटनायक
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 18, 2023, 5:03 PM IST

नई दिल्ली: बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सांसद अमर पटनायक (MP Amar Patnaik) ने कहा कि भारत ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) को अपनाने में मदद करने के लिए जी20 की नई दिल्ली घोषणा में वन फ्यूचर अलायंस (ओएफए) का प्रस्ताव रखा है. डीपीआई के उपयोग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए ग्लोबल साउथ के संस्थानों के लिए सक्रिय होना महत्वपूर्ण है.

पटनायक ने सीयूटीएस इंटरनेशनल थिंक टैंक द्वारा वर्चुअल मोड में आयोजित 'एसडीजी हासिल करने के लिए वैश्विक स्तर पर भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की पुनर्कल्पना' विषय पर एक पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए कहा ये बात कही. उन्होंने कहा कि 'डीपीआई को अपनाने से भारत को काफी फायदा हुआ है और उसने खुद को एसडीजी की उपलब्धि की दिशा में तेजी लाने के लिए तैयार किया है.'

उन्होंने कहा कि 'आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसे भारत के डीपीआई ने एसडीजी की दिशा में विकास को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.' पटनायक ने कहा कि लोगों को अपने दैनिक जीवन में एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए डीपीआई के बारे में जानकारी रखने की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने कहा कि ' डीपीआई के माध्यम से जो लोग लाभ प्राप्त कर रहे हैं जैसे किसान उन्हें डिजिटल बुनियादी ढांचे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारत में लोग इसके पीछे की तकनीक के बारे में जाने बिना ही डीपीआई को अपना रहे हैं.'

उन्होंने इस महीने की शुरुआत में जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा की भी सराहना की जिसमें भारत ने ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी (जीडीपीआईआर) बनाने और बनाए रखने की योजना बनाई है. नई दिल्ली घोषणा के अनुसार, जीडीपीआईआर, डीपीआई का एक आभासी भंडार, 'स्वेच्छा से जी20 सदस्यों और उससे आगे द्वारा साझा किया जाना चाहिए.'

डीपीआई को ग्लोबल साउथ और अन्य देशों में ले जाने के मुद्दे पर, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह महत्वपूर्ण है कि अन्य देश डीपीआई को अपनाने से पहले आवश्यक नीतिगत प्रोत्साहन को समझें.

पटनायक ने कहा कि 'इस विचार को बाकी दुनिया तक ले जाने के लिए इसे अंतर-संचालित करना होगा.' उन्होंने कहा कि 'यह एक सार्वजनिक भलाई है जो प्रत्येक वैश्विक नागरिक के लिए उपलब्ध होनी चाहिए. एसडीजी को प्राप्त करने में डीपीआई की वैश्विक स्वीकृति को बढ़ावा देने में बड़ा बदलाव लाने के लिए दक्षिण-दक्षिण संस्थानों को प्रेरित किया जा सकता है. दक्षिण-दक्षिण परिदृश्य में संस्थागत जड़ता में सुधार करना होगा.'

उल्लेखनीय है कि अफ्रीकी संघ ग्लोबल साउथ का बहुमत है. उसको भारत की पहल पर नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था.

पटनायक ने कहा कि एसडीजी में गरीबी उन्मूलन, अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आश्वासन, साथ ही अच्छे काम और आर्थिक विकास की सुविधा और असमानताओं में कमी शामिल है. इसके बाद हुई पैनल चर्चा के दौरान, पैनलिस्टों ने डीपीआई में शासन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, डिजिटल बुनियादी ढांचे को स्थानीय आवश्यकताओं के प्रति तटस्थ और समायोजनकारी बनाने की आवश्यकता पर चर्चा की.

पैनलिस्टों में डेटास्फेयर इनिशिएटिव के सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक लोरेन पोर्सियुनकुला, डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक ओसामा मंज़र, डिजिटल सोसाइटी शोधकर्ता परमिंदर जीत सिंह और रिसर्च आईसीटी अफ्रीका (आरआईए) के हनानी हलोमनी शामिल थे.

पैनलिस्ट ने डीपीआई की वैश्विक यात्रा को बदलने के लिए अंतरसंचालनीयता, अनुकूलनशीलता, समावेशिता और बुनियादी ढांचे और सेवा के बीच अंतर बनाए रखने जैसे डिजाइन सिद्धांतों को रेखांकित किया. डिजिटल बुनियादी ढांचे की पहचान यह है कि यह लोगों की नज़रों से ओझल है. डीपीआई लागू करने से पहले, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी के लिए एक व्यापक ढांचा आवश्यक है. इन समाधानों को अंतिम उपयोगकर्ता को प्राथमिकता देनी चाहिए और राष्ट्रों के बीच सीमा पार सहयोग को बढ़ावा देते हुए सीमाओं के पार कठोर परीक्षण से गुजरना चाहिए.

सीयूटीएस इंस्टीट्यूट ऑफ रेगुलेशन एंड कॉम्पिटिशन के महानिदेशक नवनीत शर्मा ने पैनल चर्चा का संचालन किया. उन्होंने बताया कि एसडीजी लक्ष्यों का केवल 12 प्रतिशत ही पटरी पर है. उऩ्होंने कहा कि 'डीपीआई एसडीजी को गति देने में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में उभरा है.भारत के डीपीआई का कई देशों ने समर्थन किया है.'

ये भी पढ़ें

अब फ्रांस में भी UPI से कर सकेंगे पेमेंट, एफिल टावर से होगी शुरुआत

नई दिल्ली: बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सांसद अमर पटनायक (MP Amar Patnaik) ने कहा कि भारत ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (डीपीआई) को अपनाने में मदद करने के लिए जी20 की नई दिल्ली घोषणा में वन फ्यूचर अलायंस (ओएफए) का प्रस्ताव रखा है. डीपीआई के उपयोग के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए ग्लोबल साउथ के संस्थानों के लिए सक्रिय होना महत्वपूर्ण है.

पटनायक ने सीयूटीएस इंटरनेशनल थिंक टैंक द्वारा वर्चुअल मोड में आयोजित 'एसडीजी हासिल करने के लिए वैश्विक स्तर पर भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की पुनर्कल्पना' विषय पर एक पैनल चर्चा को संबोधित करते हुए कहा ये बात कही. उन्होंने कहा कि 'डीपीआई को अपनाने से भारत को काफी फायदा हुआ है और उसने खुद को एसडीजी की उपलब्धि की दिशा में तेजी लाने के लिए तैयार किया है.'

उन्होंने कहा कि 'आधार, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन जैसे भारत के डीपीआई ने एसडीजी की दिशा में विकास को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.' पटनायक ने कहा कि लोगों को अपने दैनिक जीवन में एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए डीपीआई के बारे में जानकारी रखने की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने कहा कि ' डीपीआई के माध्यम से जो लोग लाभ प्राप्त कर रहे हैं जैसे किसान उन्हें डिजिटल बुनियादी ढांचे के बारे में कोई जानकारी नहीं है. भारत में लोग इसके पीछे की तकनीक के बारे में जाने बिना ही डीपीआई को अपना रहे हैं.'

उन्होंने इस महीने की शुरुआत में जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा की भी सराहना की जिसमें भारत ने ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपोजिटरी (जीडीपीआईआर) बनाने और बनाए रखने की योजना बनाई है. नई दिल्ली घोषणा के अनुसार, जीडीपीआईआर, डीपीआई का एक आभासी भंडार, 'स्वेच्छा से जी20 सदस्यों और उससे आगे द्वारा साझा किया जाना चाहिए.'

डीपीआई को ग्लोबल साउथ और अन्य देशों में ले जाने के मुद्दे पर, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह महत्वपूर्ण है कि अन्य देश डीपीआई को अपनाने से पहले आवश्यक नीतिगत प्रोत्साहन को समझें.

पटनायक ने कहा कि 'इस विचार को बाकी दुनिया तक ले जाने के लिए इसे अंतर-संचालित करना होगा.' उन्होंने कहा कि 'यह एक सार्वजनिक भलाई है जो प्रत्येक वैश्विक नागरिक के लिए उपलब्ध होनी चाहिए. एसडीजी को प्राप्त करने में डीपीआई की वैश्विक स्वीकृति को बढ़ावा देने में बड़ा बदलाव लाने के लिए दक्षिण-दक्षिण संस्थानों को प्रेरित किया जा सकता है. दक्षिण-दक्षिण परिदृश्य में संस्थागत जड़ता में सुधार करना होगा.'

उल्लेखनीय है कि अफ्रीकी संघ ग्लोबल साउथ का बहुमत है. उसको भारत की पहल पर नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था.

पटनायक ने कहा कि एसडीजी में गरीबी उन्मूलन, अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आश्वासन, साथ ही अच्छे काम और आर्थिक विकास की सुविधा और असमानताओं में कमी शामिल है. इसके बाद हुई पैनल चर्चा के दौरान, पैनलिस्टों ने डीपीआई में शासन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, डिजिटल बुनियादी ढांचे को स्थानीय आवश्यकताओं के प्रति तटस्थ और समायोजनकारी बनाने की आवश्यकता पर चर्चा की.

पैनलिस्टों में डेटास्फेयर इनिशिएटिव के सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक लोरेन पोर्सियुनकुला, डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक ओसामा मंज़र, डिजिटल सोसाइटी शोधकर्ता परमिंदर जीत सिंह और रिसर्च आईसीटी अफ्रीका (आरआईए) के हनानी हलोमनी शामिल थे.

पैनलिस्ट ने डीपीआई की वैश्विक यात्रा को बदलने के लिए अंतरसंचालनीयता, अनुकूलनशीलता, समावेशिता और बुनियादी ढांचे और सेवा के बीच अंतर बनाए रखने जैसे डिजाइन सिद्धांतों को रेखांकित किया. डिजिटल बुनियादी ढांचे की पहचान यह है कि यह लोगों की नज़रों से ओझल है. डीपीआई लागू करने से पहले, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता की गारंटी के लिए एक व्यापक ढांचा आवश्यक है. इन समाधानों को अंतिम उपयोगकर्ता को प्राथमिकता देनी चाहिए और राष्ट्रों के बीच सीमा पार सहयोग को बढ़ावा देते हुए सीमाओं के पार कठोर परीक्षण से गुजरना चाहिए.

सीयूटीएस इंस्टीट्यूट ऑफ रेगुलेशन एंड कॉम्पिटिशन के महानिदेशक नवनीत शर्मा ने पैनल चर्चा का संचालन किया. उन्होंने बताया कि एसडीजी लक्ष्यों का केवल 12 प्रतिशत ही पटरी पर है. उऩ्होंने कहा कि 'डीपीआई एसडीजी को गति देने में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक के रूप में उभरा है.भारत के डीपीआई का कई देशों ने समर्थन किया है.'

ये भी पढ़ें

अब फ्रांस में भी UPI से कर सकेंगे पेमेंट, एफिल टावर से होगी शुरुआत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.