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G20 Foreign Ministers Meeting : जी20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त विज्ञप्ति जारी करने पर सहमति नहीं बनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष को लेकर मतभेदों की वजह से संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका. वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secy of State Antony Blinken) ने कहा कि रूस और चीन ने संयुक्त वक्तव्य का समर्थन नहीं किया.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Mar 2, 2023, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : जी-20 के विदेश मंत्रियों की गुरुवार को हुई बैठक में यूक्रेन संघर्ष को लेकर मतभेदों के कारण संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका जबकि मेजबान देश भारत ने आम-सहमति बनाने के लिए सतत प्रयास किए. भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज स्वीकार किए गए. विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दे बैठक में आए. कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका नीत पश्चिमी जगत और रूस-चीन के बीच गहरा विभाजन देखा गया.

जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार दो ध्रुवों में बंटे हुए थे. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर अलग-अलग धारणाएं सामने आईं. उन्होंने कहा कि इस बाबत दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन सकी. विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 का परिणाम दस्तावेज मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के जी-20 के संकल्प को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गयी. जयशंकर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि 'ग्लोबल साउथ' की आवाज सुनी जाए. उन्होंने कहा कि बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी।

रूस, चीन ने नहीं किया संयुक्त वक्तव्य का समर्थन : ब्लिंकन- अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secy of State Antony Blinken) ने कहा कि रूस और चीन दो देश हैं जिन्होंने भारत की मेजबानी में हुई जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी करने का समर्थन नहीं किया. रूस के हमले का उल्लेख करने पर दोनों देशों के विरोध का नतीजा यह हुआ कि भारत के मतभेद दूर करने के प्रयासों के बावजूद बैठक संयुक्त वक्तव्य जारी हुए बिना समाप्त हो गयी.

  • #WATCH | US Secy of State Antony Blinken responds to a question on India funding restrictions on Ford foundation and other American agencies and possibility of a consensus on G20 statement in the future. pic.twitter.com/x4oBALbB40

    — ANI (@ANI) March 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ब्लिंकन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वे हस्ताक्षर नहीं करेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 के लिए भारत के एजेंडा का अमेरिका पुरजोर समर्थन करता है. ब्लिंकन ने कहा कि बैठक में एक परिणाम दस्तावेज स्वीकार किया गया जिसमें विभिन्न विषयों पर सभी विदेश मंत्रियों की साझा सहमति झलकी. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करता रहेगा.

जी-20 की बैठक में वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी यह बात सही है कि बहुपक्षीय प्रणाली में चुनौतियां होती हैं. ब्लिंकन ने कहा, 'कई मायनों में ये चुनौतियां सीधे रूस से आ रही हैं, जो इस प्रणाली के केंद्र में रहने वाले सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है.' भारत में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर के सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. ब्लिंकन ने यह भी बताया कि उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त बातचीत की और उनसे अपने फैसले को बदलकर नयी स्टार्ट संधि को लागू करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें - India China discuss border areas issue : भारत-चीन ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली पर की चर्चा

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : जी-20 के विदेश मंत्रियों की गुरुवार को हुई बैठक में यूक्रेन संघर्ष को लेकर मतभेदों के कारण संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका जबकि मेजबान देश भारत ने आम-सहमति बनाने के लिए सतत प्रयास किए. भारत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अध्यक्षता सारांश और परिणाम दस्तावेज स्वीकार किए गए. विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दे बैठक में आए. कई राजनयिकों ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष को लेकर अमेरिका नीत पश्चिमी जगत और रूस-चीन के बीच गहरा विभाजन देखा गया.

जयशंकर ने कहा कि इस मुद्दे पर विचार दो ध्रुवों में बंटे हुए थे. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर अलग-अलग धारणाएं सामने आईं. उन्होंने कहा कि इस बाबत दो पैराग्राफ पर सहमति नहीं बन सकी. विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 का परिणाम दस्तावेज मौजूदा वैश्विक चुनौतियों से निपटने के जी-20 के संकल्प को प्रदर्शित करता है. उन्होंने कहा कि बैठक में आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा की गयी. जयशंकर ने कहा कि हमारा प्रयास है कि 'ग्लोबल साउथ' की आवाज सुनी जाए. उन्होंने कहा कि बैठक में अनेक मुद्दों पर सहमति बनी।

रूस, चीन ने नहीं किया संयुक्त वक्तव्य का समर्थन : ब्लिंकन- अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secy of State Antony Blinken) ने कहा कि रूस और चीन दो देश हैं जिन्होंने भारत की मेजबानी में हुई जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में संयुक्त वक्तव्य जारी करने का समर्थन नहीं किया. रूस के हमले का उल्लेख करने पर दोनों देशों के विरोध का नतीजा यह हुआ कि भारत के मतभेद दूर करने के प्रयासों के बावजूद बैठक संयुक्त वक्तव्य जारी हुए बिना समाप्त हो गयी.

  • #WATCH | US Secy of State Antony Blinken responds to a question on India funding restrictions on Ford foundation and other American agencies and possibility of a consensus on G20 statement in the future. pic.twitter.com/x4oBALbB40

    — ANI (@ANI) March 2, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ब्लिंकन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'रूस और चीन ही ऐसे देश हैं जिन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वे हस्ताक्षर नहीं करेंगे.' उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 के लिए भारत के एजेंडा का अमेरिका पुरजोर समर्थन करता है. ब्लिंकन ने कहा कि बैठक में एक परिणाम दस्तावेज स्वीकार किया गया जिसमें विभिन्न विषयों पर सभी विदेश मंत्रियों की साझा सहमति झलकी. उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन का समर्थन करता रहेगा.

जी-20 की बैठक में वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का उल्लेख करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी यह बात सही है कि बहुपक्षीय प्रणाली में चुनौतियां होती हैं. ब्लिंकन ने कहा, 'कई मायनों में ये चुनौतियां सीधे रूस से आ रही हैं, जो इस प्रणाली के केंद्र में रहने वाले सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहा है.' भारत में बीबीसी के कार्यालयों में आयकर के सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर ब्लिंकन ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. ब्लिंकन ने यह भी बताया कि उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से संक्षिप्त बातचीत की और उनसे अपने फैसले को बदलकर नयी स्टार्ट संधि को लागू करने का आग्रह किया.

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(पीटीआई-भाषा)

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