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काला पत्थर समुद्र तट पर G20 के प्रतिनिधियों ने किया योग, बैठक के लिए तैयार है अंडमान का स्वराज द्वीप - Swaraj Dweep

G20 के भारत समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि पीएम ने पर्यावरण के लिए जीवन शैली पर जोर दिया है कि हमारा वर्तमान जीवन स्तर टिकाऊ नहीं है और हमें पर्यावरण के लिए मिलकर कुछ करना होगा.

G20 delegates did yoga at Kala Patthar beach
काला पत्थर समुद्र तट पर G20 के प्रतिनिधियों ने किया योग
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Published : Nov 26, 2022, 9:27 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 2:56 PM IST

पोर्ट ब्लेयर : अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित हैवलॉक द्वीप के रूप में लोकप्रिय स्वराज द्वीप को जी-20 प्रेसीडेंसी की बहुप्रतीक्षित बैठकों में से एक की मेजबानी के लिए तैयार किया गया है, जो शनिवार दोपहर को होगी. स्वराज द्वीप 92.2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसकी आबादी 5,500 की है. पोर्ट ब्लेयर से सरकारी जहाजों और निजी जहाजों में समुद्र के रास्ते इस द्वीप तक पहुंचने में ढाई घंटे का समय लगता है.

जी-20 में भारत के समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला और जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने विभिन्न देशों के लगभग 40 प्रतिनिधियों के लिए शनिवार सुबह काला पत्थर समुद्र तट पर एक योग सत्र का आयोजन किया. यह समुद्र तट उस निजी होटल से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर है जहां वे ठहरे हुए हैं. इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस, रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव, जर्मन दूत डॉ. पी एकरमैन, भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल और अन्य सहित प्रतिनिधि शुक्रवार शाम लगभग 7.30 बजे पोर्ट ब्लेयर में सेलुलर जेल के दौरे के बाद द्वीप पहुंचे.

  • Andaman & Nicobar Islands | Heads of Mission and International Organization delegates perform Yoga at Kala Pathar Beach in Swaraj Dweep. pic.twitter.com/YWgVLWfsyS

    — ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: सरकार को सुप्रीम कोर्ट पर वैधानिक अपीलों का बोझ डालना बंद करना चाहिए: अटॉर्नी जनरल

इन लोगों ने उस सेल का दौरा किया जहां स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर बंद थे. शनिवार सुबह करीब छह बजे प्रतिनिधियों ने काला पत्थर समुद्र तट पर जाकर योग सत्र में हिस्सा लिया. अधिकारी ने बताया कि सत्र के बाद प्रतिनिधियों ने समुद्र तट की सफाई गतिविधि में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि वे अपराह्न करीब एक बजे होटल में एकत्रित होंगे, जब बैठक शुरू होगी. अधिकारी ने कहा कि सत्र शाम चार बजे तक जारी रहने की संभावना है और प्रतिभागियों द्वारा संस्कृति एवं पर्यटन, जलवायु वित्तपोषण, चक्रीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन, विकास सहयोग, शिक्षा, वाणिज्य, कौशल-मानचित्रण, आर्थिक अपराध के खिलाफ लड़ाई और बहुपक्षीय सुधार सहित अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि बैठक के बाद प्रतिनिधियों को सूर्यास्त देखने के लिए राधानगर समुद्र तट पर ले जाया जाएगा. रविवार को प्रतिनिधि दोपहर करीब 12.30 बजे चार्टर्ड उड़ान से पोर्ट ब्लेयर से रवाना होंगे. वे शाम करीब चार बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचेंगे. श्रृंगला ने पहले कहा था कि अंडमान महत्वपूर्ण है. बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से कहा कि दोनों देशों के बीच 90 समुद्री मील की दूरी है. 90 समुद्री मील दूर नहीं हैं. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इंडोनेशिया के सबसे करीब है. इसलिए यह स्थान बैठक के लिए प्रतीकात्मक है.

पढ़ें: जम्मू कश्मीर: उपेंद्र द्विवेदी ने नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम क्षेत्र का दौरा किया

इस महीने की शुरुआत में, बाली शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया ने आने वाले वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी थी. स्थानीय लोगों ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में बैठक की मेजबानी करने की केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से द्वीपसमूह के विकास में मदद मिलेगी.

पोर्ट ब्लेयर : अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में स्थित हैवलॉक द्वीप के रूप में लोकप्रिय स्वराज द्वीप को जी-20 प्रेसीडेंसी की बहुप्रतीक्षित बैठकों में से एक की मेजबानी के लिए तैयार किया गया है, जो शनिवार दोपहर को होगी. स्वराज द्वीप 92.2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. इसकी आबादी 5,500 की है. पोर्ट ब्लेयर से सरकारी जहाजों और निजी जहाजों में समुद्र के रास्ते इस द्वीप तक पहुंचने में ढाई घंटे का समय लगता है.

जी-20 में भारत के समन्वयक हर्षवर्धन श्रृंगला और जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने विभिन्न देशों के लगभग 40 प्रतिनिधियों के लिए शनिवार सुबह काला पत्थर समुद्र तट पर एक योग सत्र का आयोजन किया. यह समुद्र तट उस निजी होटल से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर है जहां वे ठहरे हुए हैं. इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस, रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव, जर्मन दूत डॉ. पी एकरमैन, भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल और अन्य सहित प्रतिनिधि शुक्रवार शाम लगभग 7.30 बजे पोर्ट ब्लेयर में सेलुलर जेल के दौरे के बाद द्वीप पहुंचे.

  • Andaman & Nicobar Islands | Heads of Mission and International Organization delegates perform Yoga at Kala Pathar Beach in Swaraj Dweep. pic.twitter.com/YWgVLWfsyS

    — ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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इन लोगों ने उस सेल का दौरा किया जहां स्वतंत्रता सेनानी वी डी सावरकर बंद थे. शनिवार सुबह करीब छह बजे प्रतिनिधियों ने काला पत्थर समुद्र तट पर जाकर योग सत्र में हिस्सा लिया. अधिकारी ने बताया कि सत्र के बाद प्रतिनिधियों ने समुद्र तट की सफाई गतिविधि में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि वे अपराह्न करीब एक बजे होटल में एकत्रित होंगे, जब बैठक शुरू होगी. अधिकारी ने कहा कि सत्र शाम चार बजे तक जारी रहने की संभावना है और प्रतिभागियों द्वारा संस्कृति एवं पर्यटन, जलवायु वित्तपोषण, चक्रीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, हरित हाइड्रोजन, आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन, विकास सहयोग, शिक्षा, वाणिज्य, कौशल-मानचित्रण, आर्थिक अपराध के खिलाफ लड़ाई और बहुपक्षीय सुधार सहित अन्य क्षेत्रों पर चर्चा करने की संभावना है.

उन्होंने कहा कि बैठक के बाद प्रतिनिधियों को सूर्यास्त देखने के लिए राधानगर समुद्र तट पर ले जाया जाएगा. रविवार को प्रतिनिधि दोपहर करीब 12.30 बजे चार्टर्ड उड़ान से पोर्ट ब्लेयर से रवाना होंगे. वे शाम करीब चार बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचेंगे. श्रृंगला ने पहले कहा था कि अंडमान महत्वपूर्ण है. बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो से कहा कि दोनों देशों के बीच 90 समुद्री मील की दूरी है. 90 समुद्री मील दूर नहीं हैं. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह इंडोनेशिया के सबसे करीब है. इसलिए यह स्थान बैठक के लिए प्रतीकात्मक है.

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इस महीने की शुरुआत में, बाली शिखर सम्मेलन के दौरान इंडोनेशिया ने आने वाले वर्ष के लिए जी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपी थी. स्थानीय लोगों ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में बैठक की मेजबानी करने की केंद्र की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से द्वीपसमूह के विकास में मदद मिलेगी.

Last Updated : Nov 26, 2022, 2:56 PM IST
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