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स्कूलों के बंद होने से छात्रों का मौलिक ज्ञान कमजोर हुआ होगा: संसदीय समिति

कोरोना महामारी ने जहां रोजी रोजगार को चोट पहुंचाई है तो देश के भविष्य यानी बच्चों की शिक्षा भी काफी प्रभावित हुई है. क्योंकि इसकी वजह बच्चों में भाषा संबंधी विषयों में मौलिक ज्ञान कमजोर हुआ है. ये जानकारी एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में दी है.

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Published : Aug 8, 2021, 5:20 AM IST

Parliament, corona pandemic
स्कूल

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते एक साल से अधिक समय से स्कूलों के बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है. इसमें खासकर गणित, विज्ञान और भाषा संबंधी विषयों में मौलिक ज्ञान (Basic Knowledge) कमजोर हुआ है.

शिक्षा, महिला, बाल, युवा और एवं खेल संबंधी संसद की स्थायी समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है. समिति ने कहा कि एक साल से अधिक भी समय से पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है, उसमें छात्रों का गणित, विज्ञान और भाषा संबंधी विषयों में मौलिक ज्ञान कमजोर हुआ है.

पढ़ाई का यह नुकसान बड़ा है और इससे बच्चों की ज्ञान संबंधी क्षमता कमजोर हो सकती है. उसने यह भी कहा कि इससे समाज के कमजोर तबकों के बच्चों पर ज्यादा बड़ा असर हुआ है, जो महामारी के दौरान डिजिटल माध्यम से पढ़ाई नहीं कर सके. समिति के अनुसार, स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई, आहार, मानसिक स्वास्थ्य और चौतरफा विकास को खतरा पैदा हुआ है.

यह भी आशंका है कि कुछ छात्र खासकर लड़कियां शायद अब स्कूल नहीं लौट पाएं. समिति ने सिफारिश की है कि पढ़ाई के डिजिटल स्वरूप को देखते हुए हर स्कूल को इसके लिए उपयुक्त बनाया जाए और इसका दायरा पूरे देश में बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन का आवंटन किया जाए.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: संसद की एक समिति ने कहा कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते एक साल से अधिक समय से स्कूलों के बंद होने के कारण छात्रों की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है. इसमें खासकर गणित, विज्ञान और भाषा संबंधी विषयों में मौलिक ज्ञान (Basic Knowledge) कमजोर हुआ है.

शिक्षा, महिला, बाल, युवा और एवं खेल संबंधी संसद की स्थायी समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में यह टिप्पणी की है. समिति ने कहा कि एक साल से अधिक भी समय से पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है, उसमें छात्रों का गणित, विज्ञान और भाषा संबंधी विषयों में मौलिक ज्ञान कमजोर हुआ है.

पढ़ाई का यह नुकसान बड़ा है और इससे बच्चों की ज्ञान संबंधी क्षमता कमजोर हो सकती है. उसने यह भी कहा कि इससे समाज के कमजोर तबकों के बच्चों पर ज्यादा बड़ा असर हुआ है, जो महामारी के दौरान डिजिटल माध्यम से पढ़ाई नहीं कर सके. समिति के अनुसार, स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई, आहार, मानसिक स्वास्थ्य और चौतरफा विकास को खतरा पैदा हुआ है.

यह भी आशंका है कि कुछ छात्र खासकर लड़कियां शायद अब स्कूल नहीं लौट पाएं. समिति ने सिफारिश की है कि पढ़ाई के डिजिटल स्वरूप को देखते हुए हर स्कूल को इसके लिए उपयुक्त बनाया जाए और इसका दायरा पूरे देश में बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन का आवंटन किया जाए.

(पीटीआई-भाषा)

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