नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने कहा है कि विदेश मंत्रालय को बजटीय आवंटन उसकी नीतियों और भारत की कूटनीतिक पहुंच के व्यापक स्तर को देखते हुए अपर्याप्त है.
लोकसभा में बुधवार को पेश विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार, बजटीय आवंटन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिये भारत के प्रयासों में निर्णायक भूमिका निभायेगा, क्योंकि वैश्विक उपस्थिति और कूटनीतिक पहुंच के लिये यह आवश्यक तत्व है.
समिति ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विदेश मंत्रालय की मांग 22,888 करोड़ रुपये थी, लेकिन उसका बजटीय आवंटन 18,154 करोड़ रुपये रहा, जो सम्पूर्ण बजट का महज 0.52 प्रतिशत है.
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समिति ने कहा कि विदेश मंत्रालय को बजटीय आवंटन उसकी नीतियों और भारत की कूटनीतिक पहुंच के व्यापक स्तर को देखते हुए अपर्याप्त है.