बरनाला: जर्मनी के जूलिच शहर में अक्टूबर के पहले सप्ताह में एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञान सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें बरनाला के एक कामकाजी घर से एक लड़के का चयन किया गया है. इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञान सम्मेलन में प्लंबर का काम करने वाले कृष्ण कुमार के बेटे निखिल का चयन हुआ है. पूरे भारत से इस सम्मेलन में केवल दो लोग जा रहे हैं, जिनमें से निखिल एक है.
इस उपलब्धि पर निखिल का परिवार और उनके कॉलेज स्टाफ खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. किराए के मकान में रहने वाला निखिल आर्थिक रूप से इतना कमजोर है कि वह जर्मनी जाने के लिए हवाई जहाज का टिकट भी नहीं ले सकता, जिससे उसका खर्चा उसके एसडी कॉलेज बरनाला का प्रबंधन वहन कर रहा है. निखिल की पारिवारिक परिस्थितियाँ ऐसी हैं कि उसके माता-पिता उसे 12वीं कक्षा से आगे भी नहीं पढ़ा पा रहे थे, लेकिन वह बच्चों को पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च उठा रहा है.
इस बारे में बात करते हुए निखिल ने कहा कि उसने एसडी कॉलेज बरनाला से बीएससी नॉन मेडिकल किया है. जर्मनी के जूलिच रिसर्च सेंटर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का विज्ञान सम्मेलन होने जा रहा है. जिसमें मेरा चयन हो गया है. उन्होंने कहा कि इस शोध केंद्र के वैज्ञानिक को पिछले वर्षों के दौरान नोबेल पुरस्कार मिला है. इस विज्ञान सम्मेलन में दुनिया भर के विज्ञान के प्रोफेसर और वैज्ञानिक शामिल होते हैं.
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उसने बताया कि यह भौतिकी सम्मेलन से संबंधित है, जिसमें मैं अपना एक शोध पत्र पढ़ूंगा. इससे पहले कई राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय विज्ञान सम्मेलनों में भाग ले चुके हैं, लेकिन यह पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन है. उनकी उपलब्धि के पीछे उनके विज्ञान के प्रोफेसर संजय सिंह का योगदान रहा है. निखिल ने कहा कि इस सम्मेलन में चुनाव के बाद उनके ठहरने का खर्च अनुसंधान केंद्र को वहन करना होगा.