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केंद्र ने कोवैक्सिन और कोविशील्ड की 44 करोड़ खुराक खरीदने के लिए आदेश दिया - नीति आयोग से सदस्य वी के पॉल

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सरकार को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच लोगों को निशुल्क टीका और खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 1.45 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा.

वी के पॉल
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Published : Jun 8, 2021, 7:09 PM IST

नई दिल्ली : देश में कोविड- 19 के दैनिक संक्रमण के मामले भी दो माह में पहली बार एक लाख से नीचे आ गये हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 86,498 नये मामले सामने आये हैं, जबकि इससे पहले 7 मई को एक दिन के अंतराल में सर्वाधिक 4,14,188 नये मामले दर्ज किये गये थे. वहीं कोविड-19 से पिछले 24 घंटे में 2,123 लोगों की मौत हुई. इसके साथ ही मौत का कुल आंकड़ा 3,51,309 पर पहुंच गया है.

नीति आयोग से सदस्य वी के पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी वयस्कों को निशुल्क टीका प्रदान करने की घोषणा से सरकारी खजाने पर 45,000 करोड़ रुपए से 50,000 करोड़ रुपए के बीच का बोझ पड़ेगा. यह सरकार द्वारा तय किए गए 35,000 करोड़ रुपए के बजट से ज्यादा है.

साथ ही करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को नवंबर तक हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराने पर 1.1 लाख करोड़ रुपए से 1.3 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इन दोनों पर कुल खर्च 1.45 लाख करोड़ रुपए के करीब बैठता है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के पिछले फैसले को पलटते हुए सोमवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार अब सभी वयस्कों के लिए टीके खरीदेगी और 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को 21 जून से निशुल्क टीके लगाये जायेंगे. इसके साथ ही जून में समाप्त होने वाली निशुल्क खाद्यान्न योजना को नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

सरकार को रिजर्व बैंक के उम्मीद से ज्यादा 99,122 करोड़ रुपए के लाभांश मिलने और पेट्रोल एवं डीजल पर लागू ऊंचे कर से इन कार्यों को पूरा करने के लिये पर्याप्त धनराशि मिल गयी होगी. सूत्रों ने हालांकि यह नहीं बताया कि टीके कैसे और कहां से खरीदे जाएंगे.

सरकार इस समय सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऐस्ट्राजेनेका टीका और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित एक स्वदेशी टीका खरीदती है. इस महीने के मध्य से रूस का स्पुतनिक 5 टीका भी देश में व्यावसायिक तौर पर उतार दिया जाएगा.

सरकार अतिरिक्त टीके खरीदने के लिए दूसरे विदेशी टीका निर्माताओं से भी बात कर रही है.

पढ़ें - कोरोना पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय, हालात सुधरे, रिकवरी दर 94.3 फीसद, जून में पॉजिटिविटी रेट 6.3 %

भारत में अब तक कुल मिलाकर 23 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था.

मोदी ने देश के 80 करोड़ वंचित और गरीब लोगों को इस साल नवंबर तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है ताकि लोगों को कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कुछ राहत दी जा सके. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर के समय अप्रैल- नवंबर 2020 के दौरान शुरू की गई थी. इसी योजना को इस साल भी मई से नवंबर 2021 की अवधि के लिये जारी रखा गया है.

चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्यान्न सब्सिडी 2.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी 2020- 21 के बजट अनुमान 1.15 लाख करोड़ रुपये से तेजी से बढ़कर 4.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

नई दिल्ली : देश में कोविड- 19 के दैनिक संक्रमण के मामले भी दो माह में पहली बार एक लाख से नीचे आ गये हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 86,498 नये मामले सामने आये हैं, जबकि इससे पहले 7 मई को एक दिन के अंतराल में सर्वाधिक 4,14,188 नये मामले दर्ज किये गये थे. वहीं कोविड-19 से पिछले 24 घंटे में 2,123 लोगों की मौत हुई. इसके साथ ही मौत का कुल आंकड़ा 3,51,309 पर पहुंच गया है.

नीति आयोग से सदस्य वी के पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी वयस्कों को निशुल्क टीका प्रदान करने की घोषणा से सरकारी खजाने पर 45,000 करोड़ रुपए से 50,000 करोड़ रुपए के बीच का बोझ पड़ेगा. यह सरकार द्वारा तय किए गए 35,000 करोड़ रुपए के बजट से ज्यादा है.

साथ ही करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को नवंबर तक हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल उपलब्ध कराने पर 1.1 लाख करोड़ रुपए से 1.3 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इन दोनों पर कुल खर्च 1.45 लाख करोड़ रुपए के करीब बैठता है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के पिछले फैसले को पलटते हुए सोमवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार अब सभी वयस्कों के लिए टीके खरीदेगी और 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को 21 जून से निशुल्क टीके लगाये जायेंगे. इसके साथ ही जून में समाप्त होने वाली निशुल्क खाद्यान्न योजना को नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

सरकार को रिजर्व बैंक के उम्मीद से ज्यादा 99,122 करोड़ रुपए के लाभांश मिलने और पेट्रोल एवं डीजल पर लागू ऊंचे कर से इन कार्यों को पूरा करने के लिये पर्याप्त धनराशि मिल गयी होगी. सूत्रों ने हालांकि यह नहीं बताया कि टीके कैसे और कहां से खरीदे जाएंगे.

सरकार इस समय सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऐस्ट्राजेनेका टीका और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित एक स्वदेशी टीका खरीदती है. इस महीने के मध्य से रूस का स्पुतनिक 5 टीका भी देश में व्यावसायिक तौर पर उतार दिया जाएगा.

सरकार अतिरिक्त टीके खरीदने के लिए दूसरे विदेशी टीका निर्माताओं से भी बात कर रही है.

पढ़ें - कोरोना पर बोला स्वास्थ्य मंत्रालय, हालात सुधरे, रिकवरी दर 94.3 फीसद, जून में पॉजिटिविटी रेट 6.3 %

भारत में अब तक कुल मिलाकर 23 करोड़ टीके की खुराक दी जा चुकी है. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था.

मोदी ने देश के 80 करोड़ वंचित और गरीब लोगों को इस साल नवंबर तक मुफ्त राशन देने की घोषणा की है ताकि लोगों को कोरोना महामारी की दूसरी लहर में कुछ राहत दी जा सके. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पिछले साल कोरोना वायरस की पहली लहर के समय अप्रैल- नवंबर 2020 के दौरान शुरू की गई थी. इसी योजना को इस साल भी मई से नवंबर 2021 की अवधि के लिये जारी रखा गया है.

चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्यान्न सब्सिडी 2.42 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है. पिछले वित्त वर्ष में खाद्य सब्सिडी 2020- 21 के बजट अनुमान 1.15 लाख करोड़ रुपये से तेजी से बढ़कर 4.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

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