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आधार-पैन और अंगूठे के निशान से धोखाधड़ी करने वाले गिरफ्तार - आधार पैन और अंगूठे के निशान

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के गजुवाका में एक गिरोह सामने आया है, जो लोगों से विवरण और उंगलियों के निशान एकत्र कर रहा था. साथ ही आधार और पैन विवरण के लिए लोगों को 500 रुपये का लालच भी दे रहे थे.

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Published : Jun 20, 2021, 8:01 PM IST

हैदराबाद : जालसाजी करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब एक स्थानीय युवक को गिरोह पर शक हुआ. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने लोगों को इस तरह के लोगों पर विश्वास न करने की चेतावनी भी दी है.

गिरोह ने विशाखापत्तनम जिले के गजुवाका में अनपढ़ और गरीबों को निशाना बनाया है. गजुवाका क्षेत्र में जहां ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं. तीन लोगों ने विज्ञापन दिया कि जिनके पास पैन और आधार कार्ड हैं, उन्हें 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

स्थानीय महिलाओं ने उनकी बातों पर विश्वास कर लिया क्योंकि उन्हें उम्मीद हो गई कि नकदी मुफ्त में आ जाएगी. गिरोह लोगों से आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी और उनके फिंगरप्रिंट भी जुटा रहा था. कुछ स्थानीय युवकों ने देखा तो गिरोह के दोनों सदस्य वहां से फरार हो गए. संदिग्धों में से एक को लोगों ने पेड़ से बांध दिया और न्यूपोर्ट पुलिस को सूचना दी गई.

आरोपी को हिरासत में लेने वाली पुलिस उससे कई तरह से पूछताछ कर रही है. पुलिस इस तरह से जांच कर रही है कि आखिर जनता से आधार और पैन की डिटेल क्यों जुटा रहे हैं? इनका क्या करते हैं? क्या वे उनका दुरुपयोग करने जा रहे हैं? क्या ये अपने नाम से अवैध रूप से सिम कार्ड बनवाने के लिए ऐसा कर रहे हैं?

यह भी पढ़ें-पंजाब : विधायकों के बेटों को नौकरी देने पर हंगामा, सरकार को बर्खास्त करने की मांग

या क्या वे इन विवरणों का उपयोग कोई साइबर अपराध करने और अवैध लेनदेन करने के लिए करते हैं? अगर फरार हुए अन्य दो आरोपियों को पकड़कर पूछताछ की जाती है तो और भी तथ्य सामने आने की संभावना है.

हैदराबाद : जालसाजी करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब एक स्थानीय युवक को गिरोह पर शक हुआ. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. उन्होंने लोगों को इस तरह के लोगों पर विश्वास न करने की चेतावनी भी दी है.

गिरोह ने विशाखापत्तनम जिले के गजुवाका में अनपढ़ और गरीबों को निशाना बनाया है. गजुवाका क्षेत्र में जहां ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से पिछड़े हैं. तीन लोगों ने विज्ञापन दिया कि जिनके पास पैन और आधार कार्ड हैं, उन्हें 500 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

स्थानीय महिलाओं ने उनकी बातों पर विश्वास कर लिया क्योंकि उन्हें उम्मीद हो गई कि नकदी मुफ्त में आ जाएगी. गिरोह लोगों से आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी और उनके फिंगरप्रिंट भी जुटा रहा था. कुछ स्थानीय युवकों ने देखा तो गिरोह के दोनों सदस्य वहां से फरार हो गए. संदिग्धों में से एक को लोगों ने पेड़ से बांध दिया और न्यूपोर्ट पुलिस को सूचना दी गई.

आरोपी को हिरासत में लेने वाली पुलिस उससे कई तरह से पूछताछ कर रही है. पुलिस इस तरह से जांच कर रही है कि आखिर जनता से आधार और पैन की डिटेल क्यों जुटा रहे हैं? इनका क्या करते हैं? क्या वे उनका दुरुपयोग करने जा रहे हैं? क्या ये अपने नाम से अवैध रूप से सिम कार्ड बनवाने के लिए ऐसा कर रहे हैं?

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या क्या वे इन विवरणों का उपयोग कोई साइबर अपराध करने और अवैध लेनदेन करने के लिए करते हैं? अगर फरार हुए अन्य दो आरोपियों को पकड़कर पूछताछ की जाती है तो और भी तथ्य सामने आने की संभावना है.

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