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Mangla Gauru Vrat 2023 : चौथा मंगला गौरी व्रत आज, जानिए किन उपायों से मंगल दोष होगा दूर, जल्द बनेगा शादी का योग

सावन महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है. आज चौथा मंगला गौरी व्रत है. जानिए इस व्रत के पीछे क्या है मान्यता. पढ़ें पूरी खबर..

Mangla Gauru Vrat 2023 :
मंगला गौरी व्रत
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Published : Jul 25, 2023, 12:07 AM IST

हैदराबाद : हिंदू पंचागं के अनुसार हर साल सावन महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है. इस साल अधिकमास के कारण सावन एक माह के बदले सावन 2 महीने का हो गया है. इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत होगा. 25 जुलाई यानि मंगलवार को चौथा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) में होगा. इसके बाद यह व्रत अगस्त महीने में 5 मंगला गौरी व्रत पड़ेगा. सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त को, छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को, सातवां मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त को, आठवां मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त को और नौवां व अंतिम मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त को पड़ेगा.

मंगला गौरी व्रत कथा
धार्मिक मामलों के जानकारों के मुताबिक सामान्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए मंगला गौरी व्रत कथा करती हैं. इसके अलावा कुंवारी कन्याएं शीध्र विवाह के लिए मां गौरी व्रत रखती हैं. मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है, जिसकारण यथाशीध्र योग्य जातक से विवाह संपन्न होता है. इस संबंध में धर्मपाल नाम के एक व्यापारी से संबंधित कथा प्रचलित है.

मंगला गौरी पूजन विधि
मंगलवार सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने साफ-सुथरा कपड़ा पहनकर पूजा के लिए तैयार हो जायें. लकड़ी की चौकी पर साफ-सुथरा लाल रंग के कपड़ा बिछा कर आसन पर माता गौरी या पार्वती की तस्वीर या प्रतिमा को स्थापित करें. माता गौरी को याद कर मिट्टी का दीपक या गेहूं के आटे से दीपक पूजा स्थल पर जला कर रख दें. इसके बाद मिठाई या नैवेद्य या मौसमी फल मां के सामने रख दें. इसके बाद मां के सामने पुष्प अर्पित कर मां गौरी का पूजन करें. संभव को मंगला गौरी व्रत कथा या मंत्र जाप कर मां की पूजा करें. पूजा के बाद मां गौरी को प्रसाद चढ़ा का स्वयं ग्रहण करें और घर-परिवार और आसपास के लोगों के बीच अर्पित करें.

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हैदराबाद : हिंदू पंचागं के अनुसार हर साल सावन महीने के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है. इस साल अधिकमास के कारण सावन एक माह के बदले सावन 2 महीने का हो गया है. इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत होगा. 25 जुलाई यानि मंगलवार को चौथा मंगला गौरी व्रत (अधिकमास) में होगा. इसके बाद यह व्रत अगस्त महीने में 5 मंगला गौरी व्रत पड़ेगा. सावन का पांचवा मंगला गौरी व्रत 1 अगस्त को, छठा मंगला गौरी व्रत 8 अगस्त को, सातवां मंगला गौरी व्रत 15 अगस्त को, आठवां मंगला गौरी व्रत 22 अगस्त को और नौवां व अंतिम मंगला गौरी व्रत 29 अगस्त को पड़ेगा.

मंगला गौरी व्रत कथा
धार्मिक मामलों के जानकारों के मुताबिक सामान्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए मंगला गौरी व्रत कथा करती हैं. इसके अलावा कुंवारी कन्याएं शीध्र विवाह के लिए मां गौरी व्रत रखती हैं. मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है, जिसकारण यथाशीध्र योग्य जातक से विवाह संपन्न होता है. इस संबंध में धर्मपाल नाम के एक व्यापारी से संबंधित कथा प्रचलित है.

मंगला गौरी पूजन विधि
मंगलवार सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने साफ-सुथरा कपड़ा पहनकर पूजा के लिए तैयार हो जायें. लकड़ी की चौकी पर साफ-सुथरा लाल रंग के कपड़ा बिछा कर आसन पर माता गौरी या पार्वती की तस्वीर या प्रतिमा को स्थापित करें. माता गौरी को याद कर मिट्टी का दीपक या गेहूं के आटे से दीपक पूजा स्थल पर जला कर रख दें. इसके बाद मिठाई या नैवेद्य या मौसमी फल मां के सामने रख दें. इसके बाद मां के सामने पुष्प अर्पित कर मां गौरी का पूजन करें. संभव को मंगला गौरी व्रत कथा या मंत्र जाप कर मां की पूजा करें. पूजा के बाद मां गौरी को प्रसाद चढ़ा का स्वयं ग्रहण करें और घर-परिवार और आसपास के लोगों के बीच अर्पित करें.

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