लखनऊ : बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेने के लिए यूपी पुलिस की टीम बांदा से पंजाब गई है. इस टीम में पुलिस के सौ जवान शामिल बताए जा रहे हैं. वहीं टीम का नेतृत्व एडीजी प्रेम प्रकाश कर रहे हैं .तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश के ऊपर शासन ने बड़ा भरोसा जताया है. क्योंकि एनआरसी को लेकर कानपुर में मचे बवाल पर उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई थी.
वहीं लखनऊ में डकैतों के सफाई में भी प्रेम प्रकाश का बड़ा योगदान रहा है. उनके कार्यकाल में कानपुर जोन में 67 शातिर किस्म के अपराधियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है. फिलहाल यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने भी खुलासा किया है कि मुख्तार को वापस लेते समय उसके गुर्गे पुलिस की गाड़ियों का पीछा कर सकते हैं. ऐसे में टीम को भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.
इस बीच रोपड़ पुलिस की तरफ से सुरक्षा के इंतज़ामों को सख़्त करना शुरू कर दिया गया रोपड़ जेल के बाहर सड़क पर बैरीकेडिंग शुरू कर दी गई है. बैरीकेटिंग जेल के दोनों दरवाजों से करीब सौ सौ मीटर की दूरी पर की गई है जिससे सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया जा सके.
एडीजी प्रेम प्रकाश को आखिर क्यों दी गई मुख्तार को लाने की जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश के पहले के रिकॉर्ड को देखते हुए शासन ने पंजाब के रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को लाने की जिम्मेदारी उनको सौंपी है. वहीं सुबह बांदा से 10 गाड़ियों के काफिले के साथ टीम निकल चुकी है. इस टीम में जहां कमांडो के स्पेशल दस्ते को भी शामिल किया गया है, वहीं जिलों से गुजरने पर वहां की पुलिस को भी अलर्ट रहने को कहा गया है, जिससे कि सुरक्षित तरीके से मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में दाखिल किया जा सके.
वहीं, दूसरी ओर मुख्तार अंसारी द्वारा प्रयोग की गई एम्बुलेंस के पंजाब में एक ढाबे के पास पाए जाने के बाद उस एम्बुलेंस की वेरिफिकेशन शुरू कर दी गई है. बाराबंकी से रोपड़ पहुंची पुलिस की एक टीम के सामने ही एम्बुलेंस की पड़ताल की जा रही है. अगर ये वही एम्बुलेंस होगी जिसका बाराबंकी में केस रजिस्टर है तो उसे रोपड़ पुलिस से बाराबंकी पुलिस कस्टडी में लेकर उसे बाराबंकी लाएगी.
मुख्तार अंसारी के कब्जे में थी एम्बुलेंस
बताते चलें कि बीते बुधवार को माफिया मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल से मोहाली अदालत ले जाया गया था. जिस वाहन से मुख्तार को ले जाया गया वो निजी एम्बुलेंस थी. एम्बुलेंस की नंबर प्लेट ने भूचाल ला दिया. फिर जब पड़ताल शुरू हुई तो एक-एक कर जो परतें खुलीं, उससे सूबे में हड़कंप मच गया.
बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकृत है एम्बुलेंस
दरअसल, इस एम्बुलेंस पर जो नम्बर प्लेट थी, उस पर यूपी 41 एटी 7171 दर्ज था. ये नंबर बाराबंकी का था. लिहाजा बाराबंकी प्रशासन में हड़कंप मच गया. यहां के परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस के कागजात खंगाले गए तो हैरान कर देने वाले खुलासे हुए. ये एम्बुलेंस डॉ. अलका राय के नाम से पंजीकृत थी. इसका 21 दिसम्बर 2013 को बाराबंकी परिवहन विभाग में पंजीकरण कराया गया था. वाहन स्वामी का नाम डॉ. अलका राय निवासी 56, रफीनगर बाराबंकी दर्ज था. एम्बुलेंस का संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर प्राइवेट लिमिटेड के लिए होता था.
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एम्बुलेंस की हो रही पड़ताल
पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने बताया कि बाराबंकी से सीओ हैदरगढ़ नवीन सिंह के नेतृत्व में एक टीम एम्बुलेंस की बाबत छानबीन करने और केस प्रॉपर्टी का होने के चलते उसे लाने पंजाब के रोपड़ गई थी. बताया की ढाबे के पास लावारिस हालत में मिली एम्बुलेंस की छानबीन की जा रही है. अगर ये वही एम्बुलेंस होगी जिसका केस बाराबंकी में दर्ज है तो वो केस प्रॉपर्टी होगी और उसे लाया जाएगा.
मुख्तार अंसारी का अपराधिक इतिहास
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने मुख्तार अंसारी का क्राइम रिकॉर्ड जारी किया है. उत्तर प्रदेश भर में मुख्तार अंसारी पर 52 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. वहीं अब तक मुख्तार अंसारी और उसके गैंग की 192 करोड रुपये की संपत्ति को ज़ब्त और ध्वस्त भी किया जा चुका है. इस गैंग के अभी तक 96 अभियुक्त गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि 75 गुर्गों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है. वहीं मुख्तार गैंग के 72 सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण भी किया गया है.