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मिलिटेरिया कॉन्फ्रेंस में राजीव महर्षि ने बताया, चीन से कैसे निपटा भारत ?

जयपुर के नारायण निवास में मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है. देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर हो रही इस कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत, टाटा डिफेंस के एमडी सुकरन और डीसीएम श्रीराम के आलोक बी श्रीराम जैसे स्पीकर ने कॉन्फ्रेंस में चर्चा-परिचर्चा की.

मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस
मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस
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Published : Mar 13, 2021, 3:10 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 3:21 PM IST

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के नारायण निवास में आयोजित मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स जैसे विषयों पर परिचर्चा हुई है. यह कॉन्फ्रेंस भारत में डिफेंस इंडस्ट्री को लेकर नए आयाम स्थापित करेगी. भारत को मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट्स के साथ एक सुपर पावर बनाने में यह कॉन्फ्रेंस काफी मददगार साबित होगी.

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि जब भी सुरक्षा को लेकर चुनौती की बात की जाती है, तब एक बड़ी चुनौती छोड़ दी जाती है और वे आर्थिक ग्रोथ की सबसे बड़ी चुनौती है, जिस पर चर्चा नहीं की जाती है.

राजीव महर्षि का बयान.

उन्होंने कहा कि हाल ही में चीन की सेना को वापस भेजने के लिए उन्होंने तीन बड़े उपाय किए हैं. जिसमें चीन के साथ उन्होंने सशस्त्र सेना, मैन पावर, आर्थिक उपाय और कूटनीति सहित तीन उपाय किए.

पढ़ें- मानवीय हालात का राजनीतिकरण का बढ़ता चलन दुर्भाग्यपूर्ण: भारत

वहीं, कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि 1991 के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए और बड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे, जो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाए हैं. इसके तहत कृषि, खनन और कोयला उत्पाद में ग्रोथ की संभावना बढ़ी है. वहीं, इकोनॉमिक ग्रोथ सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र को इकोनॉमिक ग्रोथ के केंद्र में लाना जरूरी है.

जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर के नारायण निवास में आयोजित मिलिटेरिया 2021 कॉन्फ्रेंस में आत्मनिर्भर भारत और साइबर थ्रेट्स जैसे विषयों पर परिचर्चा हुई है. यह कॉन्फ्रेंस भारत में डिफेंस इंडस्ट्री को लेकर नए आयाम स्थापित करेगी. भारत को मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट्स के साथ एक सुपर पावर बनाने में यह कॉन्फ्रेंस काफी मददगार साबित होगी.

इस मौके पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि जब भी सुरक्षा को लेकर चुनौती की बात की जाती है, तब एक बड़ी चुनौती छोड़ दी जाती है और वे आर्थिक ग्रोथ की सबसे बड़ी चुनौती है, जिस पर चर्चा नहीं की जाती है.

राजीव महर्षि का बयान.

उन्होंने कहा कि हाल ही में चीन की सेना को वापस भेजने के लिए उन्होंने तीन बड़े उपाय किए हैं. जिसमें चीन के साथ उन्होंने सशस्त्र सेना, मैन पावर, आर्थिक उपाय और कूटनीति सहित तीन उपाय किए.

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वहीं, कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि 1991 के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए और बड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे, जो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठाए हैं. इसके तहत कृषि, खनन और कोयला उत्पाद में ग्रोथ की संभावना बढ़ी है. वहीं, इकोनॉमिक ग्रोथ सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र को इकोनॉमिक ग्रोथ के केंद्र में लाना जरूरी है.

Last Updated : Mar 13, 2021, 3:21 PM IST
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