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अटल बिहारी वाजपेयी को बहुत पसंद था लिट्टी-चोखा, बक्सर आने पर जरूर खाते थे पापड़ी और मिठाई

Atal Bihari Vajpayee Birthday: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है. इस मौके पर देश उन्हें याद कर रहा है. इसी के उनसे जुड़ी कई बातें भी याद आ रही हैं. अटल जी को बिहार और बिहारी व्यंजन से खासा लगाव था. वह जब भी बक्सर आते थे, तब वहां की पापड़ी और लिट्टी-चोखा जरूर खाते थे.

अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 25, 2023, 7:42 AM IST

देखें रिपोर्ट

बक्सर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बिहार से विशेष लगाव था. वह जहां भी जाते थे, वहीं के हो जाते थे. यही वजह है कि हर जिले से जुड़ी उनकी अलग-अलग यादें हैं. बक्सर से तो उनका बहुत ही गहरा संबंध रहा था. बक्सर के खान-पान उन्हें खूब पसंद थे. वैसे तो उनको दूध और खीर भी पसंद थे लेकिन बिहार का लिट्टी-चोखा और बक्सर की पापड़ी उनके दो खास डिश थे. यही कारण है कि अटल जी जीवन भर न तो बक्सर को भूल पाए और न ही बक्सर उनको कभी भुला पाएगा.

अटल बिहारी वाजपेयी
बिहार का लिट्टी चोखा

अटल बिहारी वाजपेयी को लिट्टी चोखा पसंद: बक्सर के सिविल लाइन के रहने वाले विनोद उपाध्याय पूर्व पीएम से जुड़ी यादों को साझा करते हुए बतातें हैं कि बात वर्ष 1968 की है. मेरे पिताजी उस समय जिला संघ संचालक थे. तब अटल जी ट्रेन से यात्रा करते हुए बक्सर से गुजरने वाले थे तो मैं अपने पिताजी स्वर्गीय राम उदार राय के साथ थर्मस में दूध लेकर स्टेशन गया और अटल जी को पीने के लिए दिया. वह यहां आकर लिट्टी-चोखा और पापड़ी जरूर खाते थे.

"सन् 1974 में अटल जी मेरे घर भी आए थे. खूब सेवा सत्कार हुआ. अटल जी की आवोभगत हुई. प्रातः का जलपान करने के बाद मेरे घर के बगल में ही स्वर्गीय मोहन जी सहाय के यहां बैठक हुई. इसके बाद चूंकि उनको लिट्टी-चोखा और पापड़ी खूब पसंद थी, इसलिए भोजन में यही परोसा गया. इन दोनों डिश का उन्होंने भरपूर आनंद लिया था"- विनोद उपाध्याय, स्थानीय निवासी

अटल बिहारी वाजपेयी
बक्सर की पापड़ी अटल जी को बेहद पसंद

अटल बिहारी वाजपेयी का बक्सर से गहरा संबंध: बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर बताती हैं कि एक समय की बात है जब वो बक्सर के ब्रह्मपुर में आए थे. उस समय वहां के विधायक स्वामीनाथ तिवारी हुआ करते थे. विधायक ने कोइलवर तटबंध का नक्शा बदलवाने के लिए अनशन किया था और पत्र के माध्यम से वाजपेयी को इस समस्या से अवगत करवाया था. इसके बाद खुद उन्होंने इसे संज्ञान में लिया और समस्या के निदान के लिए आश्वस्त किया. बाद में वह कार्य पूरा भी हुआ. अटलजी एक दफा और बक्सर उस वक्त आए थे, जब स्वामी सहजानंद सरस्वती की मूर्ति का अनावरण होना था.

अटल बिहारी वाजपेयी
बक्सर की चर्चित मिठाई

"श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का बक्सर से खासा लगाव थी. वे बक्सर कई बार आए थे. भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी 1968-79 में बक्सर के सिमरी कालेज में, 1973 में बक्सर में शारदा प्रसाद मोदवाल जी के यहां आए थे तो 1977 और 1988-89 में ऐतिहासिक किला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए अपना खास अंदाज वाला भाषण दिया था"- माधुरी कुंवर, पूर्व जिलाध्यक्ष, बीजेपी, बक्सर

क्या-क्या पसंद था अटल जी को?: 1984 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद भोजन मे लिट्टी-चोखा और खीर खाया था. लिट्टी-चोखा खाकर भला कौन इसकी तारीफ नहीं करेगा. अटल जी ने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि आप जब कभी भी मिलने आएं तो लिट्टी-चोखा जरूर लाएं. इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुर में बाबा ब्रम्हेश्वर नाथ के दर्शन किए. कार्यकर्ताओं ने उन्हें बक्सर की मशहूर पापड़ी भेंट की.

निधन पर रोया था बक्सर: बक्सर से अटल जी के रिश्ते की गहराई और मिठास का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया तो जिले के ही एक आरएसएस कार्यकर्ता मंटु सिंह ने खुद को अटल जी का मानस पुत्र बताते हुए श्राद्धकर्म किया था. अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी और बक्सर से चार बार सांसद रहे लाल मुनि चौबे के सुपुत्र और पत्रकार शिशिर चौबे ने भी अटल जी के लिट्टी-चोखा और पापड़ी से प्रेम को बताया.

अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य (फाइल)

"अटल जी सिर्फ बक्सर में ही नहीं, बल्कि दिल्ली से जब अपने घर भी आते थे तो यहां की पापड़ी मंगवाकर जरूर खाते थे. अटल जी उनके घर भी एक बार आए थे. यहां भी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी और भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ लिट्टी चोखा ही खाया था. खिलाने वालों में आज के जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा भी थे. ऐसी कई यादें हैं जो बक्सर से अटल जी के अपनत्व का अनुभव कराती है."- शिशिर चौबे, पूर्व सांसद लाल मुनि चौबे के बेटे

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जब अटल बिहारी वाजपेयी ने नीतीश कुमार को फोन कर शपथ लेने को कहा था... वह पल आज भी नहीं भूल पाए...

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अटल बिहारी वाजपेयी
बिहार का लिट्टी चोखा

अटल बिहारी वाजपेयी को लिट्टी चोखा पसंद: बक्सर के सिविल लाइन के रहने वाले विनोद उपाध्याय पूर्व पीएम से जुड़ी यादों को साझा करते हुए बतातें हैं कि बात वर्ष 1968 की है. मेरे पिताजी उस समय जिला संघ संचालक थे. तब अटल जी ट्रेन से यात्रा करते हुए बक्सर से गुजरने वाले थे तो मैं अपने पिताजी स्वर्गीय राम उदार राय के साथ थर्मस में दूध लेकर स्टेशन गया और अटल जी को पीने के लिए दिया. वह यहां आकर लिट्टी-चोखा और पापड़ी जरूर खाते थे.

"सन् 1974 में अटल जी मेरे घर भी आए थे. खूब सेवा सत्कार हुआ. अटल जी की आवोभगत हुई. प्रातः का जलपान करने के बाद मेरे घर के बगल में ही स्वर्गीय मोहन जी सहाय के यहां बैठक हुई. इसके बाद चूंकि उनको लिट्टी-चोखा और पापड़ी खूब पसंद थी, इसलिए भोजन में यही परोसा गया. इन दोनों डिश का उन्होंने भरपूर आनंद लिया था"- विनोद उपाध्याय, स्थानीय निवासी

अटल बिहारी वाजपेयी
बक्सर की पापड़ी अटल जी को बेहद पसंद

अटल बिहारी वाजपेयी का बक्सर से गहरा संबंध: बीजेपी की पूर्व जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर बताती हैं कि एक समय की बात है जब वो बक्सर के ब्रह्मपुर में आए थे. उस समय वहां के विधायक स्वामीनाथ तिवारी हुआ करते थे. विधायक ने कोइलवर तटबंध का नक्शा बदलवाने के लिए अनशन किया था और पत्र के माध्यम से वाजपेयी को इस समस्या से अवगत करवाया था. इसके बाद खुद उन्होंने इसे संज्ञान में लिया और समस्या के निदान के लिए आश्वस्त किया. बाद में वह कार्य पूरा भी हुआ. अटलजी एक दफा और बक्सर उस वक्त आए थे, जब स्वामी सहजानंद सरस्वती की मूर्ति का अनावरण होना था.

अटल बिहारी वाजपेयी
बक्सर की चर्चित मिठाई

"श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी का बक्सर से खासा लगाव थी. वे बक्सर कई बार आए थे. भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी 1968-79 में बक्सर के सिमरी कालेज में, 1973 में बक्सर में शारदा प्रसाद मोदवाल जी के यहां आए थे तो 1977 और 1988-89 में ऐतिहासिक किला मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए अपना खास अंदाज वाला भाषण दिया था"- माधुरी कुंवर, पूर्व जिलाध्यक्ष, बीजेपी, बक्सर

क्या-क्या पसंद था अटल जी को?: 1984 में भारतीय जनता पार्टी के गठन के बाद भोजन मे लिट्टी-चोखा और खीर खाया था. लिट्टी-चोखा खाकर भला कौन इसकी तारीफ नहीं करेगा. अटल जी ने भी प्रसन्नता जाहिर करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि आप जब कभी भी मिलने आएं तो लिट्टी-चोखा जरूर लाएं. इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुर में बाबा ब्रम्हेश्वर नाथ के दर्शन किए. कार्यकर्ताओं ने उन्हें बक्सर की मशहूर पापड़ी भेंट की.

निधन पर रोया था बक्सर: बक्सर से अटल जी के रिश्ते की गहराई और मिठास का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया तो जिले के ही एक आरएसएस कार्यकर्ता मंटु सिंह ने खुद को अटल जी का मानस पुत्र बताते हुए श्राद्धकर्म किया था. अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी और बक्सर से चार बार सांसद रहे लाल मुनि चौबे के सुपुत्र और पत्रकार शिशिर चौबे ने भी अटल जी के लिट्टी-चोखा और पापड़ी से प्रेम को बताया.

अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य (फाइल)

"अटल जी सिर्फ बक्सर में ही नहीं, बल्कि दिल्ली से जब अपने घर भी आते थे तो यहां की पापड़ी मंगवाकर जरूर खाते थे. अटल जी उनके घर भी एक बार आए थे. यहां भी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी और भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ लिट्टी चोखा ही खाया था. खिलाने वालों में आज के जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा भी थे. ऐसी कई यादें हैं जो बक्सर से अटल जी के अपनत्व का अनुभव कराती है."- शिशिर चौबे, पूर्व सांसद लाल मुनि चौबे के बेटे

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