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पूर्व मंत्री टीटी ने गहलोत सरकार पर लगाया घोटाले का आरोप, सीबीआई जांच कराने की मांग

भाजपा के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी ने खान आवंटन के मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में टीटी ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

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Published : Sep 14, 2021, 8:23 PM IST

जयपुर : भाजपा ने अब प्रदेश में खनन विभाग में चल रहे कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरा है. इसके लिए पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सीकर में कांग्रेस नेता और प्रतापगढ़ में आवंटित की गई खान में घोटाले का आरोप लगाया और इसकी सीबीआई जांच करवाने की मांग भी की.

सुरेंद्र पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की शह पर खान विभाग के अधिकारियों ने सीकर में कांग्रेस के दिग्गज नेता को लाभ पहुंचाने के लिए चेजा पत्थर की खान की कैटेगरी बदल दी और उसे संगमरमर की खान बता दिया गया. मामला खुला तो इसे चेजा पत्थर की खान की कैटेगरी में डाला गया और 243 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई. मामला कोर्ट पहुंचा तो विभाग को मामले पर निर्णय करने के लिए आदेश दिया गया.

पूर्व मंत्री टीटी ने गहलोत सरकार पर लगाया घोटाले का आरोप

इसी दौरान हमारी सरकार बदल गई और कांग्रेस की सरकार बन गई. नेताजी ने दोबारा अपील की मगर विभाग ने जवाब नहीं दिया और 243 करोड़ की पेनल्टी माफ हो गई. टीटी ने यह पेनल्टी कांग्रेस के नेता से वापस वसूलने के लिए अपील करने की मांग की.

प्रतापगढ़ का भी मामला उठाया

प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी ने प्रतापगढ़ का भी मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में भी चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइमस्टोन की खान को मार्बल का बताया गया और आवंटन कर दिया गया. इस खान में अन्य मिनरल्स भी मिले थे. इस पर सरकार ने 4 सदस्यों की एक कमेटी बनाई. कमेटी ने भी माना कि खान लाइमस्टोन की है, लेकिन सरकार ने जूनियर अधिकारियों की एक कमेटी बनाई, जिसने सरकार के इशारे पर इस खान को मार्बल का बताया.

इसके पीछे वजह यह थी कि अगर लाइमस्टोन की खान बताई जाती तो केंद्र सरकार से इसकी अनुमति लेनी पड़ती है. यही नहीं, नीलामी में कई बड़ी सीमेंट कंपनियां भी हिस्सा लेती जिससे सरकार के चहेते व्यक्ति को यह काम नहीं मिल पाता. सरकार के इस निर्णय से न केवल करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ, बल्कि आदिवासी क्षेत्र के लोगों का हक भी मारा गया. भाजपा नेता ने इन दोनों ही मामलों में आवंटित की गई खान रद्द करने की मांग की. इसके अलावा पेनल्टी वसूली के लिए भी सरकार से अपील की. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसा नहीं होने पर वे कोर्ट की शरण लेंगे.

टिकैत को बताया कांग्रेस की बी टीम.

राकेश टिकैत को बताया कांग्रेस की बी टीम

केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सुरेंद्र पाल टीटी ने कहा कि मौजूदा आंदोलन के स्वरूप के बाद अब आम लोगों की किसानों के प्रति जो श्रद्धा और भाव थे वो धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं, क्योंकि राकेश टिकैत जैसे लोग कांग्रेस की 'बी' टीम के रूप में काम कर रहे हैं. टीटी ने कहा कि यही कारण है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार और राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार कथित किसान आंदोलन में शामिल लोगों को संरक्षण दे रही है.

उन्होंने कहा कि हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अब समझ में आने लगा है कि राजनीतिक मोड़ ले चुका किसान आंदोलन उन्हें कितना नफा या नुकसान पहुंचाएगा. इसीलिए उन्होंने यह कहा कि पंजाब से किसानों को दिल्ली और हरियाणा में जाकर प्रदर्शन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब किसानों को यह सोचना चाहिए कि वो देश की उनके प्रति श्रद्धा को कम करायेंगे या किसान हित में सरकार से वार्ता करेंगे क्योंकि जब से किसान आंदोलन का राजनीतिकरण हुआ है तब से देश के लोगों का नजरिया भी इस आंदोलन के प्रति बदल रहा है. जब तक यह आंदोलन किसान हितैषी था तब तक देश के लोगों की सहानभूति अब इसके राजनीतिकरण के बाद आंदोलन भी बदल गया है.

पढ़ेंः केजरीवाल राम के आदर्शों पर चल रहे, बीजेपी के लोग न राम के न आम के : सिसोदिया

जयपुर : भाजपा ने अब प्रदेश में खनन विभाग में चल रहे कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रदेश की गहलोत सरकार को घेरा है. इसके लिए पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर सीकर में कांग्रेस नेता और प्रतापगढ़ में आवंटित की गई खान में घोटाले का आरोप लगाया और इसकी सीबीआई जांच करवाने की मांग भी की.

सुरेंद्र पाल ने कहा कि प्रदेश सरकार की शह पर खान विभाग के अधिकारियों ने सीकर में कांग्रेस के दिग्गज नेता को लाभ पहुंचाने के लिए चेजा पत्थर की खान की कैटेगरी बदल दी और उसे संगमरमर की खान बता दिया गया. मामला खुला तो इसे चेजा पत्थर की खान की कैटेगरी में डाला गया और 243 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई. मामला कोर्ट पहुंचा तो विभाग को मामले पर निर्णय करने के लिए आदेश दिया गया.

पूर्व मंत्री टीटी ने गहलोत सरकार पर लगाया घोटाले का आरोप

इसी दौरान हमारी सरकार बदल गई और कांग्रेस की सरकार बन गई. नेताजी ने दोबारा अपील की मगर विभाग ने जवाब नहीं दिया और 243 करोड़ की पेनल्टी माफ हो गई. टीटी ने यह पेनल्टी कांग्रेस के नेता से वापस वसूलने के लिए अपील करने की मांग की.

प्रतापगढ़ का भी मामला उठाया

प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल टीटी ने प्रतापगढ़ का भी मामला उठाया. उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में भी चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए लाइमस्टोन की खान को मार्बल का बताया गया और आवंटन कर दिया गया. इस खान में अन्य मिनरल्स भी मिले थे. इस पर सरकार ने 4 सदस्यों की एक कमेटी बनाई. कमेटी ने भी माना कि खान लाइमस्टोन की है, लेकिन सरकार ने जूनियर अधिकारियों की एक कमेटी बनाई, जिसने सरकार के इशारे पर इस खान को मार्बल का बताया.

इसके पीछे वजह यह थी कि अगर लाइमस्टोन की खान बताई जाती तो केंद्र सरकार से इसकी अनुमति लेनी पड़ती है. यही नहीं, नीलामी में कई बड़ी सीमेंट कंपनियां भी हिस्सा लेती जिससे सरकार के चहेते व्यक्ति को यह काम नहीं मिल पाता. सरकार के इस निर्णय से न केवल करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ, बल्कि आदिवासी क्षेत्र के लोगों का हक भी मारा गया. भाजपा नेता ने इन दोनों ही मामलों में आवंटित की गई खान रद्द करने की मांग की. इसके अलावा पेनल्टी वसूली के लिए भी सरकार से अपील की. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसा नहीं होने पर वे कोर्ट की शरण लेंगे.

टिकैत को बताया कांग्रेस की बी टीम.

राकेश टिकैत को बताया कांग्रेस की बी टीम

केंद्रीय कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन पर पूर्व मंत्री और भाजपा नेता सुरेंद्र पाल टीटी ने कहा कि मौजूदा आंदोलन के स्वरूप के बाद अब आम लोगों की किसानों के प्रति जो श्रद्धा और भाव थे वो धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं, क्योंकि राकेश टिकैत जैसे लोग कांग्रेस की 'बी' टीम के रूप में काम कर रहे हैं. टीटी ने कहा कि यही कारण है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार और राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार कथित किसान आंदोलन में शामिल लोगों को संरक्षण दे रही है.

उन्होंने कहा कि हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह को अब समझ में आने लगा है कि राजनीतिक मोड़ ले चुका किसान आंदोलन उन्हें कितना नफा या नुकसान पहुंचाएगा. इसीलिए उन्होंने यह कहा कि पंजाब से किसानों को दिल्ली और हरियाणा में जाकर प्रदर्शन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब किसानों को यह सोचना चाहिए कि वो देश की उनके प्रति श्रद्धा को कम करायेंगे या किसान हित में सरकार से वार्ता करेंगे क्योंकि जब से किसान आंदोलन का राजनीतिकरण हुआ है तब से देश के लोगों का नजरिया भी इस आंदोलन के प्रति बदल रहा है. जब तक यह आंदोलन किसान हितैषी था तब तक देश के लोगों की सहानभूति अब इसके राजनीतिकरण के बाद आंदोलन भी बदल गया है.

पढ़ेंः केजरीवाल राम के आदर्शों पर चल रहे, बीजेपी के लोग न राम के न आम के : सिसोदिया

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