नई दिल्ली : कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर 50 से अधिक लोगों की राजनीतिक रैलियों, विरोध प्रदर्शनों, धार्मिक और उत्सव मंडली पर प्रतिबंध लगाने के लिए हस्तक्षेप की मांग की है
मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए, कुमार ने कहा कि देश में कोविड मामलों ने प्रति दिन दो लाख का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें निकट भविष्य में सुधार के कोई संकेत नहीं हैं.
उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को लिखा, 'मानव जीवन के लिए खतरे की गंभीरता और नागरिकों के जीवन की रक्षा और सुरक्षा के लिए इस अदालत पर संवैधानिक जिम्मेदारी को देखते हुए, अदालत राजनीतिक रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी कर सकती है.'
कुमार ने कोरोना के इलाज के लिए अपनी प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए कोविड टीकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और टीकों के आयात की अनुमति देने की मांग की.
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उन्होंने कहा, 'अदालत सभी आयु समूहों को वैक्सीन उपलब्ध कराने, विशेष रूप से बुजुर्ग और दुर्बल लोगों के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है.'
उन्होंने राजनीतिक रैलियों, धार्मिक सभाओं को व्यापाक रूप से कोरोना फैलाने के लिए जिम्मेदार बताते हुए आलोचना की. कुमार ने हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले को एक सुपर-स्प्रेडिंग इवेंट के रूप में उद्धृत किया, जहां लगभग 2,000 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
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साथ ही उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनाव अभियान शामिल हैं, जहां राजनीतिक नेताओं ने कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़े पैमाने पर रैलियां की.
कुमार ने कहा कि इसके रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस तरह की सभाओं को रोकने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. समय-समय पर कुछ राज्य सरकारों ने घोषित प्रतिबंधों के पालन में ढिलाई देखी जाती है.