लंदन : पिछले पांच से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे विमानन कंपनी ‘किंगफिशन एयरलाइंस’ के पूर्व मालिक विजय माल्या ने अदालत की अवमानना के मामले में उसे चार महीने की सजा देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमवार को निराशा जताई. उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अदालत की अवमानना के मामले में सोमवार को चार महीने की सजा सुनाई. इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह कारावास की सजा काटने के लिए भगोड़े कारोबारी की उपस्थिति सुनिश्चित करे, जो 2016 से ब्रिटेन में है.
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66 वर्षीय माल्या ने कहा कि मेरे पास उच्चतम न्यायालय के फैसले पर यह कहने के अलावा और कुछ नहीं है कि मैं जाहिर तौर पर निराश हूं. न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने माल्या पर 2000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. माल्या को अवमानना के लिए नौ मई, 2017 को दोषी ठहराया गया था. शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका 2020 में खारिज कर दी थी. न्यायालय ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर भेजने को लेकर माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया था.
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अदालत की अवमानना संबंधी कानून, 1971 के अनुसार, अदालत की अवमानना पर छह महीने तक की साधारण कैद या 2,000 रुपये तक का जुर्माने या दोनों सजा हो सकती है. माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक ऋण धोखाधड़ी का आरोप है. माल्या को अवमानना के लिए 2017 में दोषी ठहराया गया था और उनकी प्रस्तावित सजा के निर्धारण के लिए मामले को सूचीबद्ध किया जाना था. शीर्ष अदालत ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या की ओर से दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में खारिज कर दी थी. न्यायालय ने अदालती आदेशों को धता बताकर अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ डॉलर भेजने को लेकर उन्हें अवमानना का दोषी माना था.