नई दिल्ली: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा (Former Japanese PM Yoshihide Suga) ने कहा है कि जापान ने भारत में पांच साल में 5 ट्रिलियन येन का निवेश और ऋण देने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ साझेदारी बढ़ाने के लिए जापान में निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच पूर्ण सहमति है. सुगा भारत में जापानी निवेश को बढ़ावा देने के लिए जापान के 100 सदस्यों वाले एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए भारत की यात्रा पर हैं.
सुगा ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और कीडनरेन (जापान बिजनेस फेडरेशन) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'भारत-जापान @75:¥ 5 ट्रिलियन साझेदारी को साकार करना' विषय पर उन्होंने दोहराया कि पिछले साल जापान सरकार ने भारत के साथ आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के माध्यम से अगले पांच साल में भारत में पांच ट्रिलियन येन के निवेश और ऋण देने का लक्ष्य रखा था.
अपनी यात्रा के दौरान सुगान ने हाई स्पीड रेलवे (शिंकानसेन) परियोजना के निर्मान स्थल का निरीक्षण करने के लिए अहमदाबाद की भी दौरा किया. सुगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत करने का कार्यक्रम है. सुगा ने भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा को महसूस कर सकता हूं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद हम भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहेंगे और हमने भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर का निवेश करने का लक्ष्य रखा है. सुगा ने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और अब भी यह तेजी से बढ़ रही है और वित्त वर्ष 2022 में आर्थिक विकास दर 7.2% के उच्च स्तर पर है.
सुगा ने कहा, 'इस साल के अंत तक भारत के दुनिया की सबसे बड़ी आबादी बनने की भी उम्मीद है. मैंने भारत की जीवंतता देखी और भारतीय अर्थव्यवस्था की गति को सीधे महसूस करने में सक्षम हुआ. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के महत्व पर पूरी तरह सहमत हैं. उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि भारतीय उद्योग के प्रतिनिधि जापान में निजी कंपनियों के साथ अपना सहयोग मजबूत करेंगे और जापान-भारत आर्थिक संबंधों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा, 'आपकी गतिविधियां हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों के स्तंभ होंगी. हमें उम्मीद है कि आप जापान-भारत संबंधों के विकास और गहराई के लिए हमारा समर्थन करना जारी रखेंगे.'
बता दें कि पिछले साल भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान तत्कालीन जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने पीएम मोदी के साथ साइबर सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी, अपशिष्ट जल प्रबंधन, शहरी विकास, स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी और बांस-आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने पर छह समझौतों का आदान-प्रदान किया था. इस बीच, भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष आर दिनेश ने फोरम को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध अनुकरणीय हैं, जो न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि साझा मूल्यों, आपसी सम्मान और समृद्ध भविष्य की दृष्टि पर आधारित हैं.
उन्होंने कहा कि नवप्रवर्तन और प्रौद्योगिकी जापान और भारत के भविष्य के सहयोग की कुंजी हैं. संयुक्त अनुसंधान एवं विकास पहल अपार संभावनाओं को उजागर कर सकती है और हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती हैं. उन्होंने दोहराया कि बुनियादी ढांचे, उन्नत विनिर्माण, डिजिटल और स्वच्छ ऊर्जा सहित कुछ क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना भविष्य को एक साथ आकार देने और निवेश लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने आगे कहा, 'इनोवेशन और टेक्नोलॉजी इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अंतर्निहित विषय होगा.'
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