मुंबई : पूर्व आईपीएस अधिकारी पीके जैन ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर होटलों एवं बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का निर्देश देने संबंधी आरोप को गंभीर करार दिया है.
उन्होंने कहा कि मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
जैन ने कहा, 'मेरे विचार से भ्रष्टाचार निरोधी कानून के तहत मामला दर्ज करना ही सही रास्ता हैं. देशमुख को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि परमबीर सिंह को पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने के लिए उनके पद से हटाया जा सकता है तो मंत्री पर भी यही नियम लागू होना चाहिए है और उन्हें अपने पद पर बने नहीं रहना चाहिए.'
जैन ने कहा, 'अदालत की निगरानी में विशेष जांच टीम (एसआईटी) से मामले की जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'आरोप सही है या गलत यह अलग मामला है.'
जैन ने दावा किया, 'नेता अगर किसी अधिकारी को पसंद करते हैं तो उन्हें मनचाही तैनाती देते हैं और जो अधिकारी उनकी नहीं सुनता तो उसे किनारे लगा दिया जाता है.'
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गौरतलब है कि 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी जैन महाराष्ट्र राज्य आईपीएस अधिकारी संघ के पूर्व सचिव रहे चुके हैं और उन्होंने प्रधान सचिव (गृह), मुंबई पुलिस के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) जैसी प्रमुख जिम्मेदारियां निभाई हैं.
(इनपुट : पीटीआई-भाषा)