पटनाः चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर किंग मेकर की भूमिका में थे. अब बिहार की राजनीति में भाग्य आजमा रहे हैं. प्रशांत किशोर दो अक्टूबर 2022 से पदयात्रा पर हैं. इस दौरान लोगों से मुलाकात भी कर रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से जुड़ रहे हैं. हाल के दिनों में अवकाश प्राप्त आईएएस और आईपीएस प्रशांत किशोर के जन सुराज अभियान से जुड़े थे. लेकिन, इन्हीं अधिकारियों में कुछ अधिकारियों ने प्रशांत किशोर पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
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पीके के दावे पर उठे सवालः पिछले दिनों जनसुराज ने 12 अवकाश प्राप्त आईपीएस को ज्वाइन कराने का दावा किया था. प्रशांत किशोर की टीम के द्वारा पूर्व आईपीएस ऑफिसर को ज्वाइन कराया गया था. प्रशांत किशोर की टीम ने 12 आईपीएस ऑफिसर के नाम की चर्चा की थी, कुछ इनमें से कुछ ऐसे नाम सामने आ रहे हैं जिससे प्रशांत किशोर ने कथित रूप से सहमति नहीं ली थी. उन्हें भी पीके की टीम में शामिल मान लिया गया.
पूर्व IPS के आरोपः पूर्व आईपीएस ने प्रशांत किशोर के अभियान पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. पूर्व आईपीएस और आईजी रह चुके एम रहमान ने प्रशांत किशोर और उनकी टीम पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एम रहमान ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है. एम रहमान के अलावा पूर्व आईपीएस शंकर झा ने भी असहमति जतायी है. इसके अलावा पूर्व आईपीएस सीपी किरण अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन उन्हें भी अभियान से जोड़ लिया गया.
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"मैं हज करके आया हूं. हाजी होने के नाते मेरी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं अपने परिवार के साथ समय बीता रहा हूं. प्रशांत किशोर की टीम में मुझे कैसे शामिल कर लिया गया, नहीं मालूम. मुझसे किसी तरह की सहमति नहीं ली गई है. मेरे साथ एक तरीके से धोखा हुआ है. मैं पूरे घटनाक्रम की तीखी भर्त्सना करता हूं"- एम रहमान, पूर्व आईजी
सबने दी थी सहमतिः प्रशांत किशोर की टीम से जुड़े सदस्य ओम से जब दूरभाष के जरिए बात की गई तो उन्होंने कहा कि जितने भी पूर्व आईपीएस को अभियान से जोड़ा गया था सब ने सहमति दी थी. बगैर सहमति के किसी को नहीं जोड़ा गया था. आपको बता दें कि प्रशांत किशोर की टीम के द्वारा 7 मई 2023 को 12 पूर्व आईपीएस अधिकारियों को सदस्यता दिलाने की बात कही गई थी.
भाजपा-जदयू के निशाने पर PK: जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर राजनीति का व्यवसायीकरण कर रहे हैं. इस घटना से उनकी कलई खुल गई है. युवाओं को भरमा कर वह सियासी रोटी सेंकना चाहते हैं. प्रशांत किशोर को बिहार की जनता समझ चुकी है. वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने प्रशांत किशोर पर वार करते हुए कहा कि वो प्रशांत किशोर को बिहार की राजनीति में प्रसांगिक नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह का काम किया है उसी काम के लिए वह जाने जाते हैं. जिस किसी के साथ उन्होंने गड़बड़ किया है उन्हें कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.