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पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की जमानत याचिका रद्द - दस वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा

हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की जमानत याचिका मद्रास हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद रद्द कर दी है. इस सिलसिले में मद्रास हाई कोर्ट के दस वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है.

सीएस कर्णन
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Published : Feb 16, 2021, 3:34 PM IST

चेन्नई : मद्रास हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की जमानत याचिका मंगलवार को रद्द कर दी है.

इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय के दस वकीलों ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है.

पत्र में, बताया गया है कि पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन ने सोशल मीडिया पर एक अपमानजनक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों ने महिला अदालत के कर्मचारियों का यौन शोषण किया था.

इसमें उन्होंने आरोपी के नाम का भी उल्लेख किया है. यह आईपीसी के सेक्शन 292 और 354A और 506 के अलावा IT एक्ट के खिलाफ है. इसलिए उन्होंने मांग की कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के बिजबेहाड़ा में आइईडी विस्फोट, कोई हताहत नहीं

इसके अलावा, पत्र में कहा गया है कि पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की गतिविधियां बहुत अहम थीं. इतना ही नहीं, इनके सेवानिवृत्त न्यायाधीश बनुमति के घर में घुसने के अराजक कृत्य का भी उल्लेख है.

पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन पिछले साल 2 दिसंबर से चेन्नई की पुझल जेल में बंद थे. इसलिए उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस मामले में न्यायाधीश वी. भारतीदासन की मौजूदगी में सुनवाई हुई. इस पर सीएस कर्णन का कहना था कि वह अपनी गतिविधियों के लिए माफी मांगने के लिए तैयार थे.

हालांकि, न्यायाधीश ने सीएस कर्णन को जमानत देने से इनकार कर दिया. इससे पहले, सत्र न्यायालय ने भी सीएस कर्णन को जमानत देने से इनकार कर दिया था.

चेन्नई : मद्रास हाई कोर्ट ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की जमानत याचिका मंगलवार को रद्द कर दी है.

इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय के दस वकीलों ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे को पत्र लिखा है.

पत्र में, बताया गया है कि पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन ने सोशल मीडिया पर एक अपमानजनक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीशों ने महिला अदालत के कर्मचारियों का यौन शोषण किया था.

इसमें उन्होंने आरोपी के नाम का भी उल्लेख किया है. यह आईपीसी के सेक्शन 292 और 354A और 506 के अलावा IT एक्ट के खिलाफ है. इसलिए उन्होंने मांग की कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

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इसके अलावा, पत्र में कहा गया है कि पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन की गतिविधियां बहुत अहम थीं. इतना ही नहीं, इनके सेवानिवृत्त न्यायाधीश बनुमति के घर में घुसने के अराजक कृत्य का भी उल्लेख है.

पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन पिछले साल 2 दिसंबर से चेन्नई की पुझल जेल में बंद थे. इसलिए उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस मामले में न्यायाधीश वी. भारतीदासन की मौजूदगी में सुनवाई हुई. इस पर सीएस कर्णन का कहना था कि वह अपनी गतिविधियों के लिए माफी मांगने के लिए तैयार थे.

हालांकि, न्यायाधीश ने सीएस कर्णन को जमानत देने से इनकार कर दिया. इससे पहले, सत्र न्यायालय ने भी सीएस कर्णन को जमानत देने से इनकार कर दिया था.

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