भोपाल : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) में शिक्षा मंत्रालय के तहत, मदरसों में भगवत गीता और रामायण पेश करने की योजना पर यूपी और उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस नेता अजीज कुरैशी ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला.
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बात करते हुए, कुरैशी ने कहा कि भाजपा सरकार इन चीजों को 'एक विशेष समुदाय को खुश करने के लिए' कर रही है.
उन्होने कहा, 'शिक्षा नीति में गीता और रामायण को शामिल करने के लिए सरकार का स्वागत है, लेकिन उन्हें सिखों, ईसाइयों और जैनियों की पवित्र पुस्तकों को भी अन्य धार्मिक पुस्तकों की तरह शामिल करना चाहिए'. अगर बीजेपी सरकार को लगता है कि वे लोगों की मानसिकता बदलकर उन्हें विशेष धार्मिक किताबें पढ़ा सकते हैं, तो वे गलत हैं.
हालांकि, आपत्ति दर्ज कराने के बाद, बीजेपी सरकार ने सफाई देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यह अनिवार्य रुप से लागू नहीं होगा. यह पूरी तरह से छात्र पर निर्भर होगा यदि वह चाहे तो इन किताबों को भी पढ़ सकते हैं.
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि मदरसों को SPQEM (मदरसों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान) के तहत मान्यता है कि मदरसों के छात्रों को मुख्य विषयों के अलावा अन्य विषयों को भी पढ़ने की छूट रहेगी. अन्य विषय पढ़ने के लिए उन्हे बाध्य नहीं किया जा सकता है.
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आधिकारिक तौर पर एनआईओएस से मान्यता प्राप्त कुल 100 मदरसे हैं, जिनमें 50 हजार छात्रों की संख्या है. इसके अलावा सरकार की लगभग 500 और मदरसों को मान्यता देने की योजना है