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डीआरडीओ के पूर्व वैज्ञानिक सुधींद्र हल्दोदेरी का निधन - बेंगलुरु समाचार

पूर्व डीआरडीआरओ वैज्ञानिक सुधींद्र हल्दोदेरी का शनिवार को निधन हो गया. दिल का दौरा दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली.

Former DRDO scientist,bangalore news
वैज्ञानिक सुधींद्र हल्दोदेरी
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Published : Jul 2, 2021, 11:03 PM IST

बेंगलुरु: पूर्व डीआरडीआरओ वैज्ञानिक, एचएएल इंजीनियर और विज्ञान लेखक सुधींद्र हल्दोदेरी का शनिवार को निधन हो गया. आज दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली. एक हफ्ते पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बताते चलें कि शनिवार को ही उन्हें कन्नड़ पुस्तक प्राधिकरण डॉ. अनुपमा निरंजन चिकित्सा एवं विज्ञान साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई. ऐसे में उनका आज ही उनका निधन होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. चिकित्सकों ने बताया है कि ऑक्सीजन सप्लाई समस्या होने से उनकी मौत हुई. उनके परिवार में पत्नी और बेटी हैं. परिवार के सदस्यों ने उनके अंगों को बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज को देने का वादा किया है.

पढ़ें: Corona Treatment: DRDO की 2-डीजी दवा नहीं उपलब्ध, डॉक्टर कर रहे हैं प्रिसक्राइब

सुधींद्र को साइंस फिक्शन की उनकी रचनाओं और कन्नड़ भाषा के समाचार पत्रों में लिखने वाले एक स्तंभकार के रूप में जाना जाता है. वह ऊंचाई पर चलने वाले हेलीकॉप्टरों के तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए वायु सेना की ओर से गठित तकनीकी समिति के सदस्य भी थे.

उनको अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने डीआडीओ के गैस टर्बाइन रिसर्च डिवीजन में काम किया और कावेरी नामक एक इंजन विकसित किया. उन्होंने रक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, कोविड संकट पर वैज्ञानिक जानकारी सहित किसी भी विकास के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण का सह-लेखन भी किया.

बेंगलुरु: पूर्व डीआरडीआरओ वैज्ञानिक, एचएएल इंजीनियर और विज्ञान लेखक सुधींद्र हल्दोदेरी का शनिवार को निधन हो गया. आज दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली. एक हफ्ते पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बताते चलें कि शनिवार को ही उन्हें कन्नड़ पुस्तक प्राधिकरण डॉ. अनुपमा निरंजन चिकित्सा एवं विज्ञान साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई. ऐसे में उनका आज ही उनका निधन होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है. चिकित्सकों ने बताया है कि ऑक्सीजन सप्लाई समस्या होने से उनकी मौत हुई. उनके परिवार में पत्नी और बेटी हैं. परिवार के सदस्यों ने उनके अंगों को बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज को देने का वादा किया है.

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सुधींद्र को साइंस फिक्शन की उनकी रचनाओं और कन्नड़ भाषा के समाचार पत्रों में लिखने वाले एक स्तंभकार के रूप में जाना जाता है. वह ऊंचाई पर चलने वाले हेलीकॉप्टरों के तकनीकी मुद्दों के समाधान के लिए वायु सेना की ओर से गठित तकनीकी समिति के सदस्य भी थे.

उनको अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने डीआडीओ के गैस टर्बाइन रिसर्च डिवीजन में काम किया और कावेरी नामक एक इंजन विकसित किया. उन्होंने रक्षा, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, कोविड संकट पर वैज्ञानिक जानकारी सहित किसी भी विकास के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण का सह-लेखन भी किया.

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