नई दिल्लीः दिल्ली के कथित शराब घोटाले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने गुरुवार को याचिका दाखिल कर दिल्ली हाईकोर्ट के बेल नहीं देने के फैसले को चुनौती दी है. 3 जुलाई को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए सिसोदिया को जमानत नहीं दिया था कि आप राज्य में शक्तिशाली पद पर रहे हैं. जेल से बाहर निकलने पर गवाहों को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
ED केस में हाईकोर्ट ने मंगलवार को ही सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की थी. जबकि, इससे पहले मई में CBI वाले केस में जमानत याचिका खारिज कर दी थी. निचली अदालत (राउज एवेन्यू) ने अप्रैल में याचिका खारिज की थी.
आज ही कोर्ट ने फिजिकली पेश करने का दिया है आदेशः वहीं, गुरुवार सुबह ही राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस मांग को ठुकरा दिया, जिसमें सिसोदिया को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश करने की मांग की गई थी. AAP नेता के वकील ने दलील दी कि उन्हें प्रभावी सुनवाई के लिए शारीरिक रूप से पेश होने का अधिकार है. अदालत में पेश करने के अधिकार में कटौती नहीं की जानी चाहिए. इस पर कोर्ट ने अपनी सहमति दे दी.
साढ़े चार माह से जेल में बंद हैं सिसोदियाः दिल्ली की नई आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में सिसोदिया को CBI ने 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. तब से तिहाड़ जेल में हैं. बाद में जेल में ही ED ने इससे जुड़े मनी लॉंड्रिंग मामले में पूछताछ की और 9 मार्च को गिरफ्तार कर लिया. इतने दिनों के बीच हाईकोर्ट ने सिसोदिया को पत्नी से मिलने के लिए एक दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक की छूट दी थी. तब उन्होंने दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा में पिछले महीने पत्नी से मुलाकात की. उस दौरान उनकी पत्नी ने सोशल मीडिया पर एक पत्र जारी कर अपना दर्द जाहिर किया था.