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उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल बोले- गोवा में UCC लागू है तो देश में क्यों नहीं हो सकता?

उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' यूपी के कौशांबी पहुंचे. यहां उन्होंने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने समान नागरिक संहिता पर खुलकर बातचीत भी की.

डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यूसीसी पर बातचीत की.
डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यूसीसी पर बातचीत की.
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Published : Jul 4, 2023, 8:39 PM IST

डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यूसीसी पर बातचीत की.

कौशांबी : उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' मंगलवार को कौशांबी पहुंचे. उन्होंने जिले में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि UCC (यूनिफार्म सिविल कोड) गोवा में 1857 से लागू है, यदि गोवा में है तो देश में क्यों नहीं लागू हो सकता है?. देश में समान नागरिक संहिता से महिला-पुरुष के अधिकारों में बराबरी आएगी. महिला सम्मान के लिए यह कानून वरदान साबित होगा.

2 दिवसीय कार्यक्रम में लिया हिस्सा : उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल इन दिनों 4 संसदीय क्षेत्र (हमीरपुर, फतेहपुर, कौशांबी एवं बांदा) के दौरे पर हैं. वह जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं. मंगलवार को वह कौशाम्बी जिले के भरवारी नगर पालिका में आयोजित 2 दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. आम जनमानस के प्रबुद्ध वर्ग से चर्चा कर केंद्र सरकार के कार्यों का फीड बैक लिया.

महिलाओं को मिलेगा यूसीसी का फायदा : डॉ. पोखरियाल ने कहा कि मुफ्त मकान, पेयजल, बिजली, गैस एवं राशन की सुविधा दी जा रही है. यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो इलाज के लिए आयुष्मान भारत जैसी योजना की यात्रा को ही रामराज कहते हैं. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने यूसीसी कानून (यूनिफार्म सिविल कोड) पर कहा कि एक समान नागरिक संहिता से सबसे अधिक फायदा महिलाओं को मिलने वाला है. खासकर बेटियों को संपत्ति के अधिकार से लेकर शादी विवाद के बाद होने वाले उत्पीड़न में यह कानून उनके लिए वरदान साबित होगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दिया उदाहरण : पूर्व सीएम ने मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले हलाला व हिन्दू महिलाओं की सती प्रथा का जिक्र किया. कानून के लागू होने से पहले उन्होंने इस पर खुले दिल से चर्चा करने की बात कही. उन्होंने NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) का उदाहरण दिया. कहा कि इसे लागू करने से पहले सरकार ने 33 करोड़ छात्र -छात्राओं, अध्यापकों, वैज्ञानिकों से चर्चा की, इसके बाद इसे लागू किया. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने NEP 2020 को गेम चेंजर कहा है.

कुछ लोगों का काम है अच्छे को बुरा कहना : पूर्व सीएम ने बिना विपक्ष के किसी नेता का नाम लिए कहा कि पीएम का विजन देश को एकता व अखंडता देना है. इससे तहत यूसीसी पर काम शुरू किया गया है. लॉ कमीशन इस पर काम कर रहा है. कुछ लोगों का काम है अच्छे को बुरा कहना. जबकि सही मायने मे इस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए. महाराष्ट्र के सियासी उठा-पटक पर पूर्व सीएम डॉ. रमेश निशंक ने कहा महाराष्ट्र में सियासी भूकंप आते रहते हैं, और वह आते रहेंगे.

यह भी पढ़ें : बढ़ते टमाटर के दामों पर डिप्टी सीएम बोले, तुलनात्मक रूप से यहां कम है महंगाई

डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने यूसीसी पर बातचीत की.

कौशांबी : उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' मंगलवार को कौशांबी पहुंचे. उन्होंने जिले में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि UCC (यूनिफार्म सिविल कोड) गोवा में 1857 से लागू है, यदि गोवा में है तो देश में क्यों नहीं लागू हो सकता है?. देश में समान नागरिक संहिता से महिला-पुरुष के अधिकारों में बराबरी आएगी. महिला सम्मान के लिए यह कानून वरदान साबित होगा.

2 दिवसीय कार्यक्रम में लिया हिस्सा : उत्तराखंड के पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल इन दिनों 4 संसदीय क्षेत्र (हमीरपुर, फतेहपुर, कौशांबी एवं बांदा) के दौरे पर हैं. वह जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं. मंगलवार को वह कौशाम्बी जिले के भरवारी नगर पालिका में आयोजित 2 दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे. आम जनमानस के प्रबुद्ध वर्ग से चर्चा कर केंद्र सरकार के कार्यों का फीड बैक लिया.

महिलाओं को मिलेगा यूसीसी का फायदा : डॉ. पोखरियाल ने कहा कि मुफ्त मकान, पेयजल, बिजली, गैस एवं राशन की सुविधा दी जा रही है. यदि किसी की तबीयत खराब हो जाए तो इलाज के लिए आयुष्मान भारत जैसी योजना की यात्रा को ही रामराज कहते हैं. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने यूसीसी कानून (यूनिफार्म सिविल कोड) पर कहा कि एक समान नागरिक संहिता से सबसे अधिक फायदा महिलाओं को मिलने वाला है. खासकर बेटियों को संपत्ति के अधिकार से लेकर शादी विवाद के बाद होने वाले उत्पीड़न में यह कानून उनके लिए वरदान साबित होगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति का दिया उदाहरण : पूर्व सीएम ने मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले हलाला व हिन्दू महिलाओं की सती प्रथा का जिक्र किया. कानून के लागू होने से पहले उन्होंने इस पर खुले दिल से चर्चा करने की बात कही. उन्होंने NEP 2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) का उदाहरण दिया. कहा कि इसे लागू करने से पहले सरकार ने 33 करोड़ छात्र -छात्राओं, अध्यापकों, वैज्ञानिकों से चर्चा की, इसके बाद इसे लागू किया. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने NEP 2020 को गेम चेंजर कहा है.

कुछ लोगों का काम है अच्छे को बुरा कहना : पूर्व सीएम ने बिना विपक्ष के किसी नेता का नाम लिए कहा कि पीएम का विजन देश को एकता व अखंडता देना है. इससे तहत यूसीसी पर काम शुरू किया गया है. लॉ कमीशन इस पर काम कर रहा है. कुछ लोगों का काम है अच्छे को बुरा कहना. जबकि सही मायने मे इस पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए. महाराष्ट्र के सियासी उठा-पटक पर पूर्व सीएम डॉ. रमेश निशंक ने कहा महाराष्ट्र में सियासी भूकंप आते रहते हैं, और वह आते रहेंगे.

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