पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी की पार्टी को अभी तक विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है. इस बात को लेकर जब जीतन राम मांझी से पूछा गया तो उन्होंने सधे हुए अंदाज में जवाब दिया. हालांकि इस दौरान सरकार के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दिखाते हुए सरकार की खामियों को भी गिना डाला.
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''हम लोग उस बैठक में रहें या न रहें लेकिन जब बुलाया जाएगा तो हम लोग उस बैठक में जाएंगे. अभी तक जेडीयू-आरजेडी की ओर से हमें निमंत्रण नहीं मिला है''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
विपक्षी एकता की बैठक में HAM को निमंत्रण नहीं : जीतन राम मांझी ने कहा कि वो विपक्षी एकता को लेकर होने वाली बैठक में उन्हें अभी तक निमंत्रण नहीं आया है. जेडीयू और आरजेडी की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में 15 दलों का नाम गिनाया गया था, लेकिन मांझी की पार्टी का नाम नहीं होने से कई सवाल छोड़ गया. हालांकि जानकार ये भी बताते हैं कि मांझी को बैठक में ड्रॉप करने की वजह उनकी पार्टी द्वारा मांगी जा रही 5 सीटों पर चुनाव लड़ने के बयानों को लेकर है. जब इस मुद्दे पर मांझी से पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सीट नहीं, बल्कि महागठबंधन और उसमें भी 'नीतीश' उनके लिए मायने रखते हैं.
''हम कुछ नहीं समझते. पांच या 4 सीट का कोई मतलब नहीं है. हम नीतीश कुमार के साथ हैं. हमको एक भी सीट न मिलेगी तो भी हम नीतीश के साथ हैं. हम चाहते हैं कि विपक्षी एकता मजबूत हो. नीतीश कुमार बैठक में हैं तो समझिए हम भी हैं.''- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
नीतीश से बैठक के बाद सब सेट? : इसी दौरान जीतन राम मांझी ने बिहार में स्टीमेट घोटाले का जिन्न फिर निकाला. उन्होंने कहा कि बिहार में आज भी ज्यादा स्टीमेट बनाकर और उसके मुकाबले काम और गुणवत्ता में कटौती करके घोटाला किया जा रहा है. मांझी ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई है जिसमें किसी तरह की कोई राजनीतिक बात नहीं हुई. हमारे सभी विधायक साथ में थे और हम लोग अपने विधानसभा में अटके कामों को लेकर मिलने गए थे. इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए कोई बात नहीं हुई थी.
5 सीटों की डिमांड पड़ गई भारी? : बता दें कि जीतन राम मांझी की पार्टी लोकसभा की 5 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दावा ठोंकती आ रही है. खुद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष संतोष मांझी भी इसका दावा कर चुके हैं. उन्होंने मांग रखी है कि उन्होंने इन पांच लोकसभा सीटों पर मजबूती से काम किया है. हालांकि HAM ये भी कहती आ रही है कि वो नीतीश के साथ दृढ़ता से खड़े हैं.