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जानिए, पेंटर से कैसे करोड़ों का मालिक बना गायत्री प्रजापति - कोर्ट समाचार

समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन को एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आइए जानते हैं, इस मामले में कब क्या हुआ और पेंटर से कैसे करोड़ों का मालिक बना गायत्री प्रजापति.

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Published : Nov 12, 2021, 8:05 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चल रहे सामूहिक बलात्कार मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने गायत्री समेत तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

18 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रजापति सहित 6 अभियुक्तों पर गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था. आइए जानते हैं इस मामले में कब क्या हुआ?

2013 : चित्रकूट स्थित एक कार्यक्रम में पीड़िता तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से पहली बार मिली.
2014 : पीड़िता के अनुसार गायत्री प्रजापति ने उसके साथ पहली बार दुराचार किया.
2016: पीड़िता ने कहा कि गायत्री अन्य लोगों के साथ 2016 तक यौन शोषण करते रहे.
17 अक्टूबर 2016: पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर पहली बार मामले की शिकायत की.
16 फरवरी 2017: सर्वोच्च न्यायालय ने उप्र पुलिस को पीड़िता की शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया.
18 जुलाई 2017: पुलिस ने गायत्री प्रजापति और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
02 नवंबर 2021: केस से जुड़े आरोपियों के बयान दर्ज किए गए.
08 नवंबर 2021: अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी की
10 नवंबर 2021: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी व आशीष कुमार को दोषी करार दिया गया. अमरेंद्र उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल और रूपेश्वर उर्फ रूपेश को दोषमुक्त किया.

गायत्री प्रजापति का राजनीतिक सफर
16 जुलाई 1963 : अमेठी जिले के परसावां गांव में कुम्हार सुकई राम के घर जन्म हुआ.
1984 : अमेठी के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में पुताई का काम शुरू किया और बाद में ठेकेदारी करने लगे.
1993 : पहली बार बहुजन क्रांति दल के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ा और हार गए.
1996 : मुलायम सिंह यादव के नजदीक आए और समाजवादी पार्टी से टिकट मिला. अमेठी विधानसभा चुनाव लड़ा और हारे.
2002 : विधान सभा चुनाव लड़ा और तीसरी बार भी हारे.
2007 : इस विधान सभा चुनाव में सपा से टिकट नहीं मिला
2012 : समाजवादी पार्टी के टिकट पर चौथी बार विधान सभा चुनाव लड़े और कांग्रेस की अमीता सिंह को पराजित किया.
2013 : मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश यादव की सरकार में राज्य मंत्री (सिंचाई विभाग) बने. शिवपाल यादव इस विभाग के कैबिनेट मंत्री थे.
2013 : जुलाई में खनन विभाग में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री बने.
2013 : लखनऊ में भूमि से अवैध कब्जे में हाईकोर्ट का नोटिस, प्रशासन को कब्जा खाली कराने का निर्देश.
2014 : खनन विभाग में ही प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाए गए.
2014 : लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख प्रचारकों में शुमार हुए और हेलीकॉप्टर से प्रचार किया.
2014 : अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने से लेकर कई अन्य आरोपों में लोकायुक्त से पहली बार शिकायत.
2016 : हाईकोर्ट ने खनन विभाग में शिकायतों को देखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया. गायत्री पर कई आरोप लगे.
12 सितंबर 2016 : तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया. मुलायम नाराज हुए.
26 सितंबर 2016 : बर्खास्तगी के पंद्रह दिन बाद दोबारा मंत्री बनाए गए.
18 फरवरी 2017 : गायत्री प्रजापति और उसके छह सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज.
2017: विधान सभा चुनाव में भाजपा की गरिमा सिंह से पराजित हुए.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ चल रहे सामूहिक बलात्कार मामले में शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने गायत्री समेत तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

18 फरवरी 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गायत्री प्रजापति सहित 6 अभियुक्तों पर गैंगरेप व पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था. आइए जानते हैं इस मामले में कब क्या हुआ?

2013 : चित्रकूट स्थित एक कार्यक्रम में पीड़िता तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति से पहली बार मिली.
2014 : पीड़िता के अनुसार गायत्री प्रजापति ने उसके साथ पहली बार दुराचार किया.
2016: पीड़िता ने कहा कि गायत्री अन्य लोगों के साथ 2016 तक यौन शोषण करते रहे.
17 अक्टूबर 2016: पीड़िता ने पुलिस महानिदेशक से मिलकर पहली बार मामले की शिकायत की.
16 फरवरी 2017: सर्वोच्च न्यायालय ने उप्र पुलिस को पीड़िता की शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया.
18 जुलाई 2017: पुलिस ने गायत्री प्रजापति और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
02 नवंबर 2021: केस से जुड़े आरोपियों के बयान दर्ज किए गए.
08 नवंबर 2021: अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी की
10 नवंबर 2021: पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी व आशीष कुमार को दोषी करार दिया गया. अमरेंद्र उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल और रूपेश्वर उर्फ रूपेश को दोषमुक्त किया.

गायत्री प्रजापति का राजनीतिक सफर
16 जुलाई 1963 : अमेठी जिले के परसावां गांव में कुम्हार सुकई राम के घर जन्म हुआ.
1984 : अमेठी के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में पुताई का काम शुरू किया और बाद में ठेकेदारी करने लगे.
1993 : पहली बार बहुजन क्रांति दल के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ा और हार गए.
1996 : मुलायम सिंह यादव के नजदीक आए और समाजवादी पार्टी से टिकट मिला. अमेठी विधानसभा चुनाव लड़ा और हारे.
2002 : विधान सभा चुनाव लड़ा और तीसरी बार भी हारे.
2007 : इस विधान सभा चुनाव में सपा से टिकट नहीं मिला
2012 : समाजवादी पार्टी के टिकट पर चौथी बार विधान सभा चुनाव लड़े और कांग्रेस की अमीता सिंह को पराजित किया.
2013 : मंत्रिमंडल विस्तार में अखिलेश यादव की सरकार में राज्य मंत्री (सिंचाई विभाग) बने. शिवपाल यादव इस विभाग के कैबिनेट मंत्री थे.
2013 : जुलाई में खनन विभाग में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री बने.
2013 : लखनऊ में भूमि से अवैध कब्जे में हाईकोर्ट का नोटिस, प्रशासन को कब्जा खाली कराने का निर्देश.
2014 : खनन विभाग में ही प्रोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाए गए.
2014 : लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रमुख प्रचारकों में शुमार हुए और हेलीकॉप्टर से प्रचार किया.
2014 : अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने से लेकर कई अन्य आरोपों में लोकायुक्त से पहली बार शिकायत.
2016 : हाईकोर्ट ने खनन विभाग में शिकायतों को देखते हुए सीबीआई जांच का आदेश दिया. गायत्री पर कई आरोप लगे.
12 सितंबर 2016 : तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया. मुलायम नाराज हुए.
26 सितंबर 2016 : बर्खास्तगी के पंद्रह दिन बाद दोबारा मंत्री बनाए गए.
18 फरवरी 2017 : गायत्री प्रजापति और उसके छह सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज.
2017: विधान सभा चुनाव में भाजपा की गरिमा सिंह से पराजित हुए.

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