ETV Bharat / bharat

Foreign Saints in junagadh: महाशिवरात्रि के दौरान जूनागढ़ की गिरि तलहटी में धुनी लगाएंगी विदेशी साध्वी - गिरि की तलहटी

रूस से साध्वी अन्नपूर्णा देवी पिछले साल गुजरात के महाशिवरात्रि मेले में आई थीं. पिछले साल उन्होंने कोई धुनी नहीं लगाई थी, लेकिन इस बार वे पहली बार सनातन धर्म के साधु के रूप में भवनाथ गिरि के चरणों में बैठी नजर आएंगी. महाशिवरात्रि मेले के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि कोई विदेशी तपस्वी धुनी लगाएगी (Foreign Saints in junagadh).

Foreign Saints in junagadh
अन्नपूर्णा देवी
author img

By

Published : Feb 13, 2023, 8:07 PM IST

सुनिए साध्वी अन्नपूर्णा देवी ने क्या कहा

जूनागढ़ : महाशिवरात्रि के मौके पर गिरि की तलहटी अब नागा साधुओं की मौजूदगी से शिवमय होती नजर आ रही है. शिवरात्रि मेले के इतिहास में पहली बार कोई विदेशी तपस्वी धुनी लगाने जा रही है. मूल रूप से रूस की रहने वाली और पिछले एक साल से लगातार भारत भ्रमण कर रहीं अन्नपूर्णा देवी महाशिवरात्रि मेले में शिव की पूजा अर्चना करने आई हैं (Foreign Saints in junagadh).

शिवरात्रि मेला शुरू होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. सनातन धर्म संस्कृति में गहरी आस्था रखने वाली रूस की एक साध्वी अन्नपूर्णा देवी धुनी लगाने गिरनार आई हैं. अन्नपूर्णा गिरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं. एक परिवार यानि सनातन धर्म और सनातन धर्म की साधना से ईश्वर की कृपा से आज महाशिवरात्रि मेले में धुनी जलाने का सौभाग्य मिला है. जिसे लेकर वे काफी एक्साइटेड नजर आ रही हैं.

अन्नपूर्णा देवी का मानना ​​है कि 'आत्मा और परमात्मा हमारे शरीर रूप में निवास करते हैं. ऐसा सुना है कि शिवरात्रि के पावन पर्व पर धुनी लगाने से जो आंतरिक आनंद मिलता है उसे शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है.'

उनका कहना है कि 'ऐसा कहा जाता है कि गिरनार की तपोभूमि में महापुरुष युग पुरुषों और स्वयं देवताओं ने भी तपस्या और भक्ति की थी. ऐसे पवित्र स्थान पर शिवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर शिव की पूजा करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है. मैं पांच दिनों तक भगवान शिव की प्रार्थना और पूजा करूंगी. प्रार्थना और भगवान शिव की पूजा करके दुनिया भर में शांति-भाईचारा और खुशी के लिए प्रार्थना करूंगी.' शिवरात्रि मेले में रूसी साध्वी अन्नपूर्णा देवी सनातन धर्म से बहुत प्रभावित हैं.

पढ़ें- Mahashivratri 2023 : केवल भारत में ही नहीं नेपाल व बांग्लादेश में भी मनायी जाती है महाशिवरात्रि

सुनिए साध्वी अन्नपूर्णा देवी ने क्या कहा

जूनागढ़ : महाशिवरात्रि के मौके पर गिरि की तलहटी अब नागा साधुओं की मौजूदगी से शिवमय होती नजर आ रही है. शिवरात्रि मेले के इतिहास में पहली बार कोई विदेशी तपस्वी धुनी लगाने जा रही है. मूल रूप से रूस की रहने वाली और पिछले एक साल से लगातार भारत भ्रमण कर रहीं अन्नपूर्णा देवी महाशिवरात्रि मेले में शिव की पूजा अर्चना करने आई हैं (Foreign Saints in junagadh).

शिवरात्रि मेला शुरू होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. सनातन धर्म संस्कृति में गहरी आस्था रखने वाली रूस की एक साध्वी अन्नपूर्णा देवी धुनी लगाने गिरनार आई हैं. अन्नपूर्णा गिरी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, हम सभी एक ही ईश्वर की संतान हैं. एक परिवार यानि सनातन धर्म और सनातन धर्म की साधना से ईश्वर की कृपा से आज महाशिवरात्रि मेले में धुनी जलाने का सौभाग्य मिला है. जिसे लेकर वे काफी एक्साइटेड नजर आ रही हैं.

अन्नपूर्णा देवी का मानना ​​है कि 'आत्मा और परमात्मा हमारे शरीर रूप में निवास करते हैं. ऐसा सुना है कि शिवरात्रि के पावन पर्व पर धुनी लगाने से जो आंतरिक आनंद मिलता है उसे शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल है.'

उनका कहना है कि 'ऐसा कहा जाता है कि गिरनार की तपोभूमि में महापुरुष युग पुरुषों और स्वयं देवताओं ने भी तपस्या और भक्ति की थी. ऐसे पवित्र स्थान पर शिवरात्रि जैसे पवित्र अवसर पर शिव की पूजा करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है. मैं पांच दिनों तक भगवान शिव की प्रार्थना और पूजा करूंगी. प्रार्थना और भगवान शिव की पूजा करके दुनिया भर में शांति-भाईचारा और खुशी के लिए प्रार्थना करूंगी.' शिवरात्रि मेले में रूसी साध्वी अन्नपूर्णा देवी सनातन धर्म से बहुत प्रभावित हैं.

पढ़ें- Mahashivratri 2023 : केवल भारत में ही नहीं नेपाल व बांग्लादेश में भी मनायी जाती है महाशिवरात्रि

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.