नई दिल्ली : सऊदी अरब की रहने वाली महिला की अपने मृत पति की अस्थियों को भारत वापस लाने की मांग पर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि उन्होंने सऊदी अरब के उच्चाधिकारियों से हाल में मुलाकात की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो मृतक की अस्थियों को जल्द भारत लाने की कोशिश कर रहा है. उसके बाद जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने पांच अप्रैल को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया.
मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृतक को गलती से बताया था मुस्लिम
बता दें कि पिछले 18 मार्च को कोर्ट ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वो सऊदी अरब की रहने वाली महिला की अपने मृत पति के कब्र में दफन शव की अस्थियों को भारत वापस लाने की कार्रवाई में तेजी लाएं. सुनवाई के दौरान विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट और वीसा डिवीजन के डायरेक्टर विष्णु कुमार शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया था कि महिला के पति संजीव कुमार का मृत्यु प्रमाण-पत्र में मुस्लिम होने की गलती उनके नियोजक सालेम अब्दुल्ला साद अल सकर की तरफ से की गई थी.
प्रोटोकॉल का नहीं हुआ पालन
विष्णु कुमार शर्मा ने बताया था कि सऊदी अरब में जब भी किसी भारतीय की मौत की खबर भारतीय कांसुलेट को दी जाती है, तो बिना भारतीय कांसुलेट के अनापत्ति प्रमाण पत्र के उसके शव को दफनाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन संजीव कुमार की मौत के मामले में ऐसा नहीं किया गया.
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उन्होंने बताया कि संजीव कुमार का अंतिम संस्कार 17 फरवरी को बिना भारतीय कांसुलेट को बताए गैर मुस्लिम कब्रिस्तान में किया गया, जबकि भारतीय कांसुलेट को इसकी जानकारी 18 फरवरी को मिली. उसके बाद भारतीय कांसुलेट ने सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय को 21 और 24 फरवरी और 7 मार्च को इस संबंध में पत्र लिखा. शर्मा ने बताया था कि भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी संजीव कुमार के शव की अस्थियों को निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सऊदी अरब के प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.