नई दिल्ली : रेलवे ने पहली बार निजी कंपनियों को व्हील प्लांट (wheel plant) लगाने, हाई स्पीड ट्रेनों के लिए पहिए बनाने के लिए निविदा जारी की है.रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत 18 महीने में व्हील प्लांट लगेगा. अश्विनी वैष्णव ने प्रति वर्ष 600 करोड़ रुपये में 80,000 पहियों की खरीद का आश्वासन दिया है. रेल मंत्री के मुताबिक टेंडर इस शर्त पर दिया जाएगा कि मेक इन इंडिया प्लांट भी पहियों का निर्यातक होगा; निर्यात बाजार होगा यूरोप.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे ने पहियों का निर्यातक बनने का खाका तैयार किया है. शुक्रवार को पहिया संयंत्र बनाने के लिए एक निविदा जारी की गई है, जो हर साल कम से कम 80,000 पहियों का निर्माण करेगी. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि रेलवे ने निजी कंपनियों को भारत में हाई स्पीड ट्रेनों के लिए व्हील प्लांट और व्हील बनाने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक टेंडर जारी किया है.
भारतीय रेलवे को हर साल दो लाख पहियों की जरूरत होती है. योजना के मुताबिक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) एक लाख पहिए मुहैया कराएगा, बाकी एक नया 'मेक इन इंडिया' प्लांट मुहैया कराएगा.
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि निविदा इस शर्त पर दी जाएगी कि संयंत्र पहियों का भी निर्यातक होगा और निर्यात बाजार यूरोप होगा. वैष्णव ने कहा कि निविदा में कहा गया है कि संयंत्र को 18 महीने के भीतर स्थापित करना होगा. दरअसल वंदे भारत ट्रेन के पहिए युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंस गए थे और उनके उत्पादन के लिए निर्धारित समय सीमा को पूरा करने के लिए उन्हें एयरलिफ्ट करना पड़ा था.
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(PTI)