नारायणपेट: तेलंगाना के नारायणपेट जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 6 साल की उम्र से लापता एक लड़का 15 साल की उम्र में अपने माता-पिता से मिला. सबसे खास बात यह है कि अपने परिवार के इस मिलन की वजह फुटबॉल का खेल बना. मिली जानकारी के अनुसार 15 वर्षीय मोहम्मद दानिश मुंबई में रह रहा है और यहीं पर एक स्कूल में पढ़ाई कर रहा है. वह 6 साल की उम्र में लापता हो गया था और मुंबई पहुंच गया था. यहां वह एक देखभाल केंद्र रह रहा है.
पढ़ाई के साथ-साथ वह फुटबॉल भी खेलता है. फुटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के चलते दानिश को हाल ही में अंडर-15 राष्ट्रीय टीम के लिए चुना गया. चुनाव के बाद अधिकारियों ने उसका निजी ब्योरा मांगा, लेकिन देखभाल केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उसके निजी ब्योरे की जानकारी नहीं है. नतीजतन अधिकारियों ने दानिश की उंगलियों के निशान का परीक्षण किया तो उसके आधार और माता-पिता का पूरा विवरण उनके सामने आ गया.
इससे अधिकारियों को यह जानकारी मिली कि दानिश तेलंगाना राज्य से ताल्लुक रखता है और वह नारायणपेट जिला मुख्यालय के बहारपेट के मोहम्मद मोइज़ और शबाना का बेटा है. इस जानकारी के सामने आने के बाद दानिश की जिंदगी में एक नया मोड़ आया, जब उसे पता चला कि उसके माता-पिता पिछले 9 सालों से अपने बेटे को ढूंढने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार दानिश 16 दिसंबर 2014 को बिना किसी को कुछ बताए घर छोड़कर चला गया था.
काफी तलाश करने के बाद भी उसके नहीं मिलने पर परिजनों ने स्थानीय थाने में शिकायत कराई थी. वह हैदराबाद से ट्रेन से मुंबई पहुंच गया. वहां वह चाइल्ड केयर सेंटर (सीडब्ल्यूसी) के अधिकारियों को मिला, जिन्होंने उसकी देखभाल शुरू की और उसे स्कूल में भर्ती करा दिया. अभी दानिश नौवीं कक्षा में पढ़ रहा है. अधिकारियों द्वारा कई बार उसकी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों की जांच के बाद उसके आधार के माध्यम से उसका पता खोजने में सफलता मिली है.
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फुटबॉल टीम के चयनकर्ताओं से विवरण जानने के बाद, उन्होंने नारायणपेट अधिकारियों को सूचित किया. महबूबनगर जिला बाल कल्याण अधिकारी वेणुगोपाल और डीसीपीओ कुसुमलता ने दानिश के माता-पिता को सूचित किया और उन्हें मुंबई बुलाया गया. सूचना मिलने के बाद दानिश के माता-पिता अपने बेटे से मिलने पहुंचे. अधिकारियों ने दानिश को आधिकारिक दस्तावेजों के साथ उन्हें सौंप दिया. 9 साल बाद अपने बेटे से मिलकर माता-पिता बेहद खुश थे.