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स्टॉक मार्केट में उठापटक से घबराएं नहीं मगर जरूर याद रखें वारेन बफेट का मंत्र - स्टॉक मार्केट

अगर आप फाइनेंशियल लेवल पर रिस्क लेने का माद्दा रखते हैं तो स्टॉक मार्केट में जल्द पैसा कमाने के ज्यादा मौके हैं. ऐसे कई निवेशक हैं, जिन्होंने स्टॉक मार्केट से मोटी कमाई की, कई लोगों के पैसे भी शेयरों के चक्कर में डूब गए. हमें इन्वेस्टमेंट करने से पहले वॉरेन बफेट के मंत्र को याद रखना चाहिए. उन्होंने सलाह दी थी कि सारे अंडों को एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए. हमें अपने निवेश को रियल एस्टेट, गोल्ड, जमीन, म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों में भी बांटना चाहिए.

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Published : Apr 30, 2022, 6:20 PM IST

हैदराबाद : शेयर बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव का सामना करता है, इसके बावजूद यह निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. स्टॉक मार्केट में हमेशा अस्थिरता नहीं रहती है और निवेशकों को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. पहले कोरोना महामारी और अब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर मार्केट पर असर पड़ा है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपना हड़बड़ी में अपना इन्वेस्टमेंट हटा लें. मुनाफा कमाने के लिए बाजार में बने रहना ही बेहतर है. एक्सपर्टस का मानना है कि शेयर बाजार में मंदी, महामारी, युद्ध और राजनीतिक उथल-पुथल का प्रभाव पड़ा है मगर यह मार्केट में मजबूती आना भी तय है. हो सकता है कि अभी के हालात में इन्वेस्ट की गई रकम की वैल्यू थोड़ी कम हो गई हो मगर लंबे समय में फायदा होने की संभावना बनी रहेगी. अगर आप थोड़े रिस्क के साथ इन्वेस्ट कर सकते हैं तो स्टॉक मार्केट में निवेश जारी रखें.

यह एक फैक्ट है कि आज स्टॉक मार्केट में अस्थिरता बनी है, मगर सिर्फ इसी आधार पर हम अपना निवेश वापस नहीं ले सकते हैं. अगर फाइनेंशियल गोल हासिल करने के लिए पैसा निकालना अनिवार्य है तभी मार्केट से अपने निवेश को खत्म करें. आपके पास रूस और यूक्रेन की कंपनियों में शेयर हैं तो आप मार्केट से बाहर आ सकते हैं. इसके अलावा, आपको छोटे-छोटे कारणों से शेयरों को बेचना सही नहीं है. ध्यान रखें कि यदि आपके डीमैट खाते में इनवेस्टमेंट लाल रंग में दिखाई देता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे स्थायी रूप से बने रहेंगे. यदि आप इससे डर गए तो लॉन्ग टर्म मुनाफे का मौका खो देंगे, इसलिए, आपको तब तक निवेश करना चाहिए, जब तक कि आपके लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते.

शेयर बाजार में निवेश की गई रकम की चिंता करने वालों को वारेन बफेट के मंत्र पर अमल करना चाहिए. उन्होंने सलाह दी थी कि सारे अंडों को एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए. इसका मतलब यह है कि हमें अपने निवेश को किसी एक कैटिगरी या सेक्टर में बनाए नहीं रखना चाहिए. अगर स्टॉक मार्केट के खिलाड़ी है तो रियल एस्टेट, गोल्ड, जमीन, म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों में भी बांटकर निवेश करें. अगर आपने ऐसा कर रखा है तो आप स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में होने वाले उतार-चढ़ाव से नहीं परेशान होंगे. हम आर्थिक रूप से तभी मजबूत होंगे जब हमारे लक्ष्य के आधार पर निवेश का सही मिश्रण होगा.

जब कभी स्टॉक मार्केट में उलटफेर होगा तब आपके फाइनेंशियल गोल आपका मार्गदर्शन करेंगे कि निवेश जारी रखना है या नहीं.उदाहरण के लिए, आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में पांच साल के लिए निवेश किया है. तीन साल बाद युद्ध जैसी स्थिति आ गई और बाजार में गिरावट शुरू हो गई. फिर आप क्या करेंगे. आपके मैच्युरिटी को पूरा होने में दो साल बाकी हैं, इसलिए यह उम्मीद रखें कि आपका निवेश आगे बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस आधार पर आप अपना निवेश जारी रखें.

अगर हम बीच में ही अपना निवेश वापस ले लेते हैं तो मैच्युरिटी के बाद मिलने वाले फायदे से वंचित रह जाएंगे. निवेशकों को एक बात समझना जरूरी है. जब कभी ग्लोबल संकट होता है तो बाजार में इसकी स्वभाविक प्रतिक्रिया होती है और नुकसान होता ही है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आपाधापी में अपने पुराने इनवेस्टमेंट को खत्म कर दें क्योंकि छोटी-छोटी गलतियां बाद में महंगी पड़ सकती हैं.

पढ़ें : एलआईसी के आईपीओ के लिए बड़े निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी

हैदराबाद : शेयर बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव का सामना करता है, इसके बावजूद यह निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प है. स्टॉक मार्केट में हमेशा अस्थिरता नहीं रहती है और निवेशकों को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. पहले कोरोना महामारी और अब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर मार्केट पर असर पड़ा है, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपना हड़बड़ी में अपना इन्वेस्टमेंट हटा लें. मुनाफा कमाने के लिए बाजार में बने रहना ही बेहतर है. एक्सपर्टस का मानना है कि शेयर बाजार में मंदी, महामारी, युद्ध और राजनीतिक उथल-पुथल का प्रभाव पड़ा है मगर यह मार्केट में मजबूती आना भी तय है. हो सकता है कि अभी के हालात में इन्वेस्ट की गई रकम की वैल्यू थोड़ी कम हो गई हो मगर लंबे समय में फायदा होने की संभावना बनी रहेगी. अगर आप थोड़े रिस्क के साथ इन्वेस्ट कर सकते हैं तो स्टॉक मार्केट में निवेश जारी रखें.

यह एक फैक्ट है कि आज स्टॉक मार्केट में अस्थिरता बनी है, मगर सिर्फ इसी आधार पर हम अपना निवेश वापस नहीं ले सकते हैं. अगर फाइनेंशियल गोल हासिल करने के लिए पैसा निकालना अनिवार्य है तभी मार्केट से अपने निवेश को खत्म करें. आपके पास रूस और यूक्रेन की कंपनियों में शेयर हैं तो आप मार्केट से बाहर आ सकते हैं. इसके अलावा, आपको छोटे-छोटे कारणों से शेयरों को बेचना सही नहीं है. ध्यान रखें कि यदि आपके डीमैट खाते में इनवेस्टमेंट लाल रंग में दिखाई देता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे स्थायी रूप से बने रहेंगे. यदि आप इससे डर गए तो लॉन्ग टर्म मुनाफे का मौका खो देंगे, इसलिए, आपको तब तक निवेश करना चाहिए, जब तक कि आपके लक्ष्य हासिल नहीं हो जाते.

शेयर बाजार में निवेश की गई रकम की चिंता करने वालों को वारेन बफेट के मंत्र पर अमल करना चाहिए. उन्होंने सलाह दी थी कि सारे अंडों को एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए. इसका मतलब यह है कि हमें अपने निवेश को किसी एक कैटिगरी या सेक्टर में बनाए नहीं रखना चाहिए. अगर स्टॉक मार्केट के खिलाड़ी है तो रियल एस्टेट, गोल्ड, जमीन, म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों में भी बांटकर निवेश करें. अगर आपने ऐसा कर रखा है तो आप स्टॉक मार्केट और म्यूचुअल फंड में होने वाले उतार-चढ़ाव से नहीं परेशान होंगे. हम आर्थिक रूप से तभी मजबूत होंगे जब हमारे लक्ष्य के आधार पर निवेश का सही मिश्रण होगा.

जब कभी स्टॉक मार्केट में उलटफेर होगा तब आपके फाइनेंशियल गोल आपका मार्गदर्शन करेंगे कि निवेश जारी रखना है या नहीं.उदाहरण के लिए, आप सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए म्यूचुअल फंड में पांच साल के लिए निवेश किया है. तीन साल बाद युद्ध जैसी स्थिति आ गई और बाजार में गिरावट शुरू हो गई. फिर आप क्या करेंगे. आपके मैच्युरिटी को पूरा होने में दो साल बाकी हैं, इसलिए यह उम्मीद रखें कि आपका निवेश आगे बेहतर रिटर्न दे सकता है. इस आधार पर आप अपना निवेश जारी रखें.

अगर हम बीच में ही अपना निवेश वापस ले लेते हैं तो मैच्युरिटी के बाद मिलने वाले फायदे से वंचित रह जाएंगे. निवेशकों को एक बात समझना जरूरी है. जब कभी ग्लोबल संकट होता है तो बाजार में इसकी स्वभाविक प्रतिक्रिया होती है और नुकसान होता ही है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि आपाधापी में अपने पुराने इनवेस्टमेंट को खत्म कर दें क्योंकि छोटी-छोटी गलतियां बाद में महंगी पड़ सकती हैं.

पढ़ें : एलआईसी के आईपीओ के लिए बड़े निवेशकों ने दिखाई दिलचस्पी

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