भुवनेश्वर : पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश के कारण जलग्रहण क्षेत्रों में महानदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. जिसके बाद ओडिशा के कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने हीराकुद जलाशय के और आठ गेट बंद कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि ऊपरी और निचले जलग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण महानदी की सभी सहायक नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है.
विशेष राहत आयुक्त पी. के. जेना ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश होने की वजह से हीराकुद जलाशय में और ज्यादा पानी आ रहा है. उन्होंने कहा कि तेल नदी से डेढ़ लाख क्यूसेक की बजाय तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी महानदी नदी में आ रहा है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है. जेना ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "बाढ़ को मध्यम दर्जे तक रखने के लिए हमें हीराकुड बांध के आठ द्वार बंद करने पड़े. रविवार को 34 की बजाय 26 गेटों से पानी छोड़ा जा रहा था."
सोमवार को शाम छह बजे बैराज से 10.41 लाख क्यूसेक पानी बह रहा था. इसमें और वृद्धि के आसार हैं. जेना ने कहा कि राज्य सरकार बाढ़ के पानी को कटक के पास 10.5 लाख क्यूसेक की सीमा के अंदर रखने का प्रयास कर रही है. इसलिए आठ गेटों को बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था. बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारियों ने संबंधित जिलाधिकारियों और जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को सतर्क रहने और स्थिति पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रपड़ा और पुरी में विशेष इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं.
(पीटीआई-भाषा)