देहरादून: उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है. पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर मैदानी इलाकों में दिखने लगा है. गंगा के साथ-साथ यमुना नदी का जल स्तर भी लगातार बढ़ रहा है, इससे दिल्ली समेत यूपी और हरियाणा के यमुना नदी से लगे इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. उत्तराखंड में यमुना अपने खतरे के निशान से मात्र 2 मीटर नीचे यानी 452.93 मीटर पर बह रही है.
यमुना का जल स्तर बढ़ने से उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित डाकपत्थर बैराज के सारे गेट खोल दिए गए हैं. ऐसे में एक बार फिर दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यमुना के अलावा गंगा और समेत अन्य नदियां भी खतरे के निशान के करीब बह रही है. रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और भागीरथी भी उफान पर है.
खतरे के निशान को पार कर गई गंगा: रविवार यानी 23 जुलाई को टिहरी बांध का जलस्तर 803.38 आरएल मीटर था. इसके साथ रविवार को टिहरी बांध से 235 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया था. टिहरी बांध से छोड़ा गया पानी करीब 5 घंटे में हरिद्वार पहुंचता है और उसके बाद दूसरे राज्य में करीब 24 से 30 घंटे लगते हैं.
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के इंचार्ज शाहिद शेख की मानें तो 23 जुलाई को पहाड़ों में लगातार बारिश की वजह से 1600 क्यूमेक्स पानी श्रीनगर बांध में पहुंचा था, जिसे धीरे-धीरे छोड़ दिया गया है. जबकि 24 जुलाई यानी आज 2500 क्यूमेक्स पानी श्रीनगर बांध में पहुंचा है. जिसे धीरे-धीरे करके छोड़ा जा रहा है.
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चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही गंगा: परियोजना के इंचार्ज ने बताया कि टिहरी से होते हुए यह पानी हरिद्वार भीमगोड़ा बैराज पर पहुंचता है. मौजूदा समय में भीमगोड़ा बैराज की स्थिति यह है कि यहां पर गंगा 293.20 मीटर पर बह रही है. हरिद्वार में गंगा का वार्निंग लेवल 293.00 मीटर है, जबकि डेंजर लेवल 294.00 मीटर है. अगर पहाड़ों में निरंतर ऐसे ही बरसात होती रही तो बहुत जल्द हरिद्वार में भी गंगा वार्निंग लेवल के पार पहुंच सकती है.
मौसम विभाग की चेतावनी: मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक प्रदेश के टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है.
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