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कांग्रेस का दक्षिण के पांच राज्यों पर फोकस, यहां से 129 सदस्य पहुंचते हैं लोकसभा

2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस दक्षिण के पांच राज्यों पर खास फोकस कर रही है. ये वह पांच राज्य हैं, जहां से लोकसभा में 129 सदस्य पहुंचते हैं. पार्टी अध्यक्ष खड़गे इन राज्यों की चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Mallikarjun Kharge
मल्लिकार्जुन खड़गे
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Published : Jul 30, 2023, 7:17 PM IST

नई दिल्ली : मणिपुर मुद्दे पर संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress chief Mallikarjun Kharge) पांच दक्षिणी राज्यों में 2024 के राष्ट्रीय चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. ये वो पांच राज्य हैं जो कुल मिलाकर 129 सदस्यों को लोकसभा में भेजते हैं.

पार्टी नेताओं के मुताबिक खड़गे एआईसीसी और राज्य टीमों के साथ 1 अगस्त को केरल, 2 अगस्त को कर्नाटक और 3 अगस्त को तमिलनाडु की समीक्षा करेंगे. बाद में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के नेताओं को भी आमंत्रित किया जा सकता है. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करने के लिए खड़गे ने संबंधित राज्य के नेताओं के साथ समीक्षा सत्र शुरू किए हैं.

कांग्रेस ने हाल ही में कर्नाटक में शानदार जीत दर्ज करने के बाद दक्षिण भारत पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है. ये पूरा क्षेत्र भाजपा मुक्त हो गया है. कर्नाटक चुनावों के ठीक बाद खड़गे ने राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार को उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित किया था. उन्हें 2024 में राज्य में संसदीय सीटों पर रिकॉर्ड जीत सुनिश्चित करने का काम भी सौंपा था.

कर्नाटक लोकसभा में 28 सदस्य भेजता है. इसमें से बीजेपी ने 25 सीटें जीतकर राज्य में जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस, जेडी-एस और निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती थी.

कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी सचिव अभिषेक दत्त ने कहा, 'इस बार हम सभी 28 सीटें जीतना चाहते हैं. इसके लिए रणनीति समय पर तैयार की जाएगी. कांग्रेस के दावों ने विधानसभा चुनावों में खेल बदल दिया और एक बार जब ये योजनाएं सुचारु रूप से चलने लगेंगी, तो मतदाता बदलाव महसूस करेंगे. भाजपा बेनकाब हो गई है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मुख्य रूप से दक्षिण भारत में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए राज्य की राजधानी बेंगलुरु को 18 जुलाई को दूसरी विपक्षी एकता बैठक के स्थल के रूप में चुना गया था. हाल ही में कर्नाटक के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे साबित हुए हैं. वहीं, केरल उसके लिए आशाजनक राज्य था. जहां 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में उसने 20 लोकसभा सीटों में से 19 सीटें जीती थीं.

वायनाड से राष्ट्रीय चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी ने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को पिछले साल केरल में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी. पूर्व सांसद राहुल गांधी हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता ओमन चांडी को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे थे.

'2019 के परिणाम दोहराएंगे' : केरल के एआईसीसी प्रभारी तारिक अनवर ने कहा, 'हम अगले साल 2019 के परिणाम दोहराएंगे.' तेलंगाना, जिसे 2013 में आंध्र प्रदेश से अलग कर बनाया गया है, और मूल राज्य को कांग्रेस प्रबंधकों को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. कांग्रेस वहां फिर से अपनी पकड़ बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

2019 में, बीआरएस ने तेलंगाना की कुल 17 लोकसभा सीटों में से 9 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस के पास 3, बीजेपी के पास 4 और एआईएमआईएम के पास एक सीट थी.

खड़गे ने जमीनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहले ही तेलंगाना की सभी 17 संसदीय सीटों पर एआईसीसी पर्यवेक्षकों को तैनात कर दिया है, जिनका उपयोग 2024 की चुनावी रणनीति के लिए किया जाएगा.

आंध्र प्रदेश में, वाईएसआरसीपी ने कुल 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल की थी और कांग्रेस के सामने चुनौती बनी हुई है. तमिलनाडु में, DMK-कांग्रेस गठबंधन ने 2019 के चुनावों में कुल 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 पर जीत हासिल की थी. चूंकि राज्य में गठबंधन मजबूत हो रहा है, इसलिए कांग्रेस डीएमके से अधिक सीटें मांगते हुए गठबंधन को और मजबूत करने के लिए काम करेगी.

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पार्टी नेताओं के मुताबिक खड़गे एआईसीसी और राज्य टीमों के साथ 1 अगस्त को केरल, 2 अगस्त को कर्नाटक और 3 अगस्त को तमिलनाडु की समीक्षा करेंगे. बाद में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के नेताओं को भी आमंत्रित किया जा सकता है. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी को तैयार करने के लिए खड़गे ने संबंधित राज्य के नेताओं के साथ समीक्षा सत्र शुरू किए हैं.

कांग्रेस ने हाल ही में कर्नाटक में शानदार जीत दर्ज करने के बाद दक्षिण भारत पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया है. ये पूरा क्षेत्र भाजपा मुक्त हो गया है. कर्नाटक चुनावों के ठीक बाद खड़गे ने राज्य इकाई के प्रमुख डीके शिव कुमार को उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित किया था. उन्हें 2024 में राज्य में संसदीय सीटों पर रिकॉर्ड जीत सुनिश्चित करने का काम भी सौंपा था.

कर्नाटक लोकसभा में 28 सदस्य भेजता है. इसमें से बीजेपी ने 25 सीटें जीतकर राज्य में जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस, जेडी-एस और निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती थी.

कर्नाटक के प्रभारी एआईसीसी सचिव अभिषेक दत्त ने कहा, 'इस बार हम सभी 28 सीटें जीतना चाहते हैं. इसके लिए रणनीति समय पर तैयार की जाएगी. कांग्रेस के दावों ने विधानसभा चुनावों में खेल बदल दिया और एक बार जब ये योजनाएं सुचारु रूप से चलने लगेंगी, तो मतदाता बदलाव महसूस करेंगे. भाजपा बेनकाब हो गई है.'

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मुख्य रूप से दक्षिण भारत में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए राज्य की राजधानी बेंगलुरु को 18 जुलाई को दूसरी विपक्षी एकता बैठक के स्थल के रूप में चुना गया था. हाल ही में कर्नाटक के नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे साबित हुए हैं. वहीं, केरल उसके लिए आशाजनक राज्य था. जहां 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में उसने 20 लोकसभा सीटों में से 19 सीटें जीती थीं.

वायनाड से राष्ट्रीय चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी ने रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को पिछले साल केरल में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी. पूर्व सांसद राहुल गांधी हाल ही में पार्टी के दिग्गज नेता ओमन चांडी को श्रद्धांजलि देने भी पहुंचे थे.

'2019 के परिणाम दोहराएंगे' : केरल के एआईसीसी प्रभारी तारिक अनवर ने कहा, 'हम अगले साल 2019 के परिणाम दोहराएंगे.' तेलंगाना, जिसे 2013 में आंध्र प्रदेश से अलग कर बनाया गया है, और मूल राज्य को कांग्रेस प्रबंधकों को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. कांग्रेस वहां फिर से अपनी पकड़ बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

2019 में, बीआरएस ने तेलंगाना की कुल 17 लोकसभा सीटों में से 9 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस के पास 3, बीजेपी के पास 4 और एआईएमआईएम के पास एक सीट थी.

खड़गे ने जमीनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहले ही तेलंगाना की सभी 17 संसदीय सीटों पर एआईसीसी पर्यवेक्षकों को तैनात कर दिया है, जिनका उपयोग 2024 की चुनावी रणनीति के लिए किया जाएगा.

आंध्र प्रदेश में, वाईएसआरसीपी ने कुल 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल की थी और कांग्रेस के सामने चुनौती बनी हुई है. तमिलनाडु में, DMK-कांग्रेस गठबंधन ने 2019 के चुनावों में कुल 39 लोकसभा सीटों में से 38 पर जीत हासिल की थी. कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 पर जीत हासिल की थी. चूंकि राज्य में गठबंधन मजबूत हो रहा है, इसलिए कांग्रेस डीएमके से अधिक सीटें मांगते हुए गठबंधन को और मजबूत करने के लिए काम करेगी.

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