हैदराबाद: विराट कोहली ने भारतीय टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान कर दिया है. बिल्कुल उसी अंदाज में, जिसके लिए उन्हें जाना जाता है. बिल्कुल उसी कार्यशैली में, जो BCCI) की पहचान है.
कोहली ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर कप्तानी छोड़ने वाला लंबा नोट पोस्ट किया. साथ ही मीडिया पर पिछले दिनों चलने वाले कयास सही साबित हो गए. खासकर महेंद्र सिंह धोनी की बतौर मेंटोर एंट्री के बाद ये कयास लगाए गए थे. जानते हैं कोहली के कप्तानी छोड़ने की कुछ वजहें.
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खराब रिकॉर्ड...
कोहली तकरीबन सात साल से भारत के कप्तान हैं, लेकिन वे टीम को आईसीसी का एक भी टूर्नामेंट नहीं जिता सके हैं. एक कप्तान के तौर पर यह बड़ी नाकामी है. टीम उनकी कप्तानी में आईसीसी वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल (2019) और चैंपियंस ट्रॉफी (2017) का फाइनल हार चुकी है.
साल 2016 में भारत में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान भी विराट ही कप्तान थे. तब भी भारत सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़ सका था. कप्तानी छोड़ने के वक्त विराट के जेहन में यह बात भी रही होगी.
टीम पर कमजोर पकड़
बता दें, कोहली साल 2019 तक हर फॉर्मेट के नंबर-1 भारतीय बल्लेबाज रहे. साल 2015 से 2019 के बीच तो वे दुनिया के सबसे प्रभावशाली बल्लेबाज थे. साल 2020 से उनकी फॉर्म में गिरावट आई है. ऐसे में खास बात यह कि इसका असर टीम के प्रदर्शन पर नहीं पड़ा.
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टीम विराट के कमजोर प्रदर्शन या उनके टीम में न रहने के बावजूद जीतती रही. इससे टीम इंडिया की विराट पर निर्भरता कम होने लगी. ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज की जीत इस सफर में मील का पत्थर साबित हुई. ऑस्ट्रेलिया में जीत के बाद ही बीसीसीआई प्रबंधन और चयनकर्ताओं को यह भरोसा हुआ कि टीम इंडिया विराट के बिना भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है.
अन्य कुछ वजहें...
- विराट कोहली पर टीम इंडिया की निर्भरता कम होते ही रोहित शर्मा वनडे और टी-20 फॉर्मेट के बाद टेस्ट टीम में भी छा गए.
- हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर वे भारत के बेस्ट बल्लेबाज साबित हुए. रोहित को वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बनाए जाने की मांग विश्व कप 2019 के बाद से होती रही है.
- ऐसे में यह संयोग ही है कि विराट जब कमजोर पड़ते गए, तब रोहित ने उनकी जगह लेने में कोताही नहीं बरती.
- आईपीएल में रोहित ने अपनी टीम को बार-बार चैंपियन बनाकर भी बताया कि वे कप्तानी का हुनर जानते हैं.
- यह भी एक बात है, जो दबी जुबान में तो सब कहते हैं, लेकिन खुलकर कोई नहीं. जब खिलाड़ियों की आलोचना पर कॉमेंटेटर अपना जॉब गंवा देते हों तो कप्तान के खिलाफ बोलने का रिस्क कोई क्यों ले.
- लेकिन यह 16 आने सच है कि विराट अपनी कप्तानी के लिए कभी पसंद नहीं किए गए.
- भारत ने उनकी कप्तानी में सबसे अधिक टेस्ट मैच जीते हैं. वनडे और टी-20 मैच में उनकी कप्तानी का रिकॉर्ड शानदार है.
- विराट कोहली के इस फैसले का एक कारण यह भी है कि वे शायद वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी भविष्य में भी करते रहना चाहते हैं.
- उन्होंने टी-20 टीम की कमान छोड़कर यह संकेत दिया है कि वे कप्तानी के प्रति लालची नहीं है.
- ऐसे में अब अगर भारत अक्टूबर में टी-20 वर्ल्ड कप जीता तो विराट की कप्तानी में चार चांद लग जाएंगे. अगर भारत हारा तो विराट काफी हद तक आलोचना से बच निकलेंगे.
- विराट की कोशिश है कि वे वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में कम से कम वर्ल्ड कप 2023 (ODI) तक भारत के कप्तान बनें रहें.