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जम्मू कश्मीर : पांच सरकारी कर्मचारी सेवा से बर्खास्त, जानें वजह - jk govt employees terminated

जम्मू और कश्मीर में पांच सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. सरकारी सूत्र के मुताबिक, इन सरकारी कर्मचारियों को आतंकी संबंधों, नार्को-टेरर सिंडिकेट चलाने और आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रतिबंधित संगठनों की सहायता करने के लिए बर्खास्त किया गया.

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Published : Oct 15, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Oct 15, 2022, 6:00 PM IST

जम्मू : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में एक पुलिसकर्मी समेत चार सरकारी कर्मचारियों और एक बैंक प्रबंधक को सेवा से बर्खास्त (jk govt employees terminated) कर दिया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी मिली. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि पांचों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया, जिनमें से अधिकांश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को लेकर मामले दर्ज हैं. अधिकारी ने कहा कि अनुच्छेद 311 केंद्र शासित प्रदेश या राज्य के तहत नागरिक सेवाओं में नियोजित व्यक्ति की बर्खास्तगी का प्रावधान करता है.

उन्होंने कहा, 'इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के संज्ञान में आयी थीं, क्योंकि इन्हें राज्य की सुरक्षा के हितों के लिए हानिकर गतिविधियों में संलिप्त पाया गया.' जिन व्यक्तियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है, उनमें बारामूला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का प्रबंधक अफाक अहमद वानी, जम्मू कश्मीर पुलिस की आक्जिलरी इकाई में कांस्टेबल तनवीर सलीम डार, ग्राम स्तरीय कर्मी सैयद इफ्तिखार अंद्राबी, बारामूला में जल शक्ति विभाग में अर्दली-सह-चौकीदार इरशाद अहमद खान और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी अनुमंडल हंदवाड़ा में सहायक लाइनमैन अब्दुल मोमिन पीर शामिल हैं.

  • Jammu and Kashmir | Five govt employees have been terminated from service for terror links, running narco-terror syndicate and aiding proscribed outfits to carry out terror attacks: Govt Sources

    — ANI (@ANI) October 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रवक्ता ने कहा कि प्राप्त जानकारी, रिकॉर्ड और संज्ञेय सामग्री की जांच के लिए सरकार द्वारा 30 जुलाई, 2020 को गठित समिति ने पांचों को बर्खास्त करने की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ऐसे कर्मचारियों की संख्या केंद्र शासित प्रदेश में बढ़कर 44 हो गई है, जिन्हें 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' के लिए सेवा से बर्खास्त किया गया है. बर्खास्तगी की प्रक्रिया पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई थी और सरकारी सेवा से बर्खास्त किए गए व्यक्तियों में पाकिस्तानी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन के तीन बेटे और दागी पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र सिंह (अब हटा दिया गया) शामिल हैं.

अफाक अहमद वानी, सैयद इफ्तिखार अंद्राबी और अब्दुल मोमिन पीर उन कई व्यक्तियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा मादक पदार्थ-आतंकवाद रैकेट मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इस रैकेट का खुलासा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 11 जून, 2020 को किया गया था. कुल 21 किलोग्राम हेरोइन और 1.35 करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी की गई है. प्रवक्ता ने कहा, 'वानी एक मादक पदार्थ-आतंकवाद मॉड्यूल का हिस्सा रहा है और हेरोइन की बिक्री, खरीद, ढुलाई और रखने में शामिल है.' उन्होंने कहा कि पीर मादक पदार्थ-आतंकवाद वित्तपोषण में भी शामिल था और वितरण नेटवर्क का हिस्सा रहा है.

प्रवक्ता ने कहा कि पीर 2016 और 2017 में आतंकवाद-अलगाववादी अभियानों के व्यापक उद्देश्यों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान गया था. उन्होंने कहा कि अंद्राबी ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठनों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में भी काम किया है. प्रवक्ता ने कहा, 'उसके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित आतंकवादियों के साथ नजदीकी संबंध थे और वह मादक पदार्थ-आतंकवाद वित्तपोषण में शामिल हो गया था. उसे 'डबल एजेंट' कहा जा सकता है, क्योंकि उसने भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बहुत करीबी संबंध बनाए रखे.' उन्होंने कहा कि तनवीर सलीम डार कई आतंकी गतिविधियों में शामिल पाया गया है.

जम्मू : जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में एक पुलिसकर्मी समेत चार सरकारी कर्मचारियों और एक बैंक प्रबंधक को सेवा से बर्खास्त (jk govt employees terminated) कर दिया है. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी मिली. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि पांचों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया, जिनमें से अधिकांश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को लेकर मामले दर्ज हैं. अधिकारी ने कहा कि अनुच्छेद 311 केंद्र शासित प्रदेश या राज्य के तहत नागरिक सेवाओं में नियोजित व्यक्ति की बर्खास्तगी का प्रावधान करता है.

उन्होंने कहा, 'इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के संज्ञान में आयी थीं, क्योंकि इन्हें राज्य की सुरक्षा के हितों के लिए हानिकर गतिविधियों में संलिप्त पाया गया.' जिन व्यक्तियों को सेवा से बर्खास्त किया गया है, उनमें बारामूला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का प्रबंधक अफाक अहमद वानी, जम्मू कश्मीर पुलिस की आक्जिलरी इकाई में कांस्टेबल तनवीर सलीम डार, ग्राम स्तरीय कर्मी सैयद इफ्तिखार अंद्राबी, बारामूला में जल शक्ति विभाग में अर्दली-सह-चौकीदार इरशाद अहमद खान और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी अनुमंडल हंदवाड़ा में सहायक लाइनमैन अब्दुल मोमिन पीर शामिल हैं.

  • Jammu and Kashmir | Five govt employees have been terminated from service for terror links, running narco-terror syndicate and aiding proscribed outfits to carry out terror attacks: Govt Sources

    — ANI (@ANI) October 15, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रवक्ता ने कहा कि प्राप्त जानकारी, रिकॉर्ड और संज्ञेय सामग्री की जांच के लिए सरकार द्वारा 30 जुलाई, 2020 को गठित समिति ने पांचों को बर्खास्त करने की सिफारिश की. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ऐसे कर्मचारियों की संख्या केंद्र शासित प्रदेश में बढ़कर 44 हो गई है, जिन्हें 'राष्ट्र विरोधी गतिविधियों' के लिए सेवा से बर्खास्त किया गया है. बर्खास्तगी की प्रक्रिया पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई थी और सरकारी सेवा से बर्खास्त किए गए व्यक्तियों में पाकिस्तानी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाउद्दीन के तीन बेटे और दागी पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र सिंह (अब हटा दिया गया) शामिल हैं.

अफाक अहमद वानी, सैयद इफ्तिखार अंद्राबी और अब्दुल मोमिन पीर उन कई व्यक्तियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा मादक पदार्थ-आतंकवाद रैकेट मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इस रैकेट का खुलासा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 11 जून, 2020 को किया गया था. कुल 21 किलोग्राम हेरोइन और 1.35 करोड़ रुपये से अधिक की बरामदगी की गई है. प्रवक्ता ने कहा, 'वानी एक मादक पदार्थ-आतंकवाद मॉड्यूल का हिस्सा रहा है और हेरोइन की बिक्री, खरीद, ढुलाई और रखने में शामिल है.' उन्होंने कहा कि पीर मादक पदार्थ-आतंकवाद वित्तपोषण में भी शामिल था और वितरण नेटवर्क का हिस्सा रहा है.

प्रवक्ता ने कहा कि पीर 2016 और 2017 में आतंकवाद-अलगाववादी अभियानों के व्यापक उद्देश्यों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान गया था. उन्होंने कहा कि अंद्राबी ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठनों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में भी काम किया है. प्रवक्ता ने कहा, 'उसके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित आतंकवादियों के साथ नजदीकी संबंध थे और वह मादक पदार्थ-आतंकवाद वित्तपोषण में शामिल हो गया था. उसे 'डबल एजेंट' कहा जा सकता है, क्योंकि उसने भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ बहुत करीबी संबंध बनाए रखे.' उन्होंने कहा कि तनवीर सलीम डार कई आतंकी गतिविधियों में शामिल पाया गया है.

Last Updated : Oct 15, 2022, 6:00 PM IST
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