अमरावती : आंध्र प्रदेश के पांच किसानों ने अलग-अलग घटनाओं में कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली. वहीं, एक किसान की पत्नी की हालत नाजुक है. सबसे चौंकाने वाला ये है कि जिन पांच किसानों ने आत्महत्या की है, उनमें से चार रायलसीमा क्षेत्र के हैं. नंदयाल जिले में दो और वाईएसआर और श्री सत्यसाई जिलों में एक-एक किसान ने आत्महत्या की है. इन किसानों ने आत्महत्या इसलिए कर ली क्योंकि वह कर्ज चुकाने और परिवार का खर्च उठाने में असमर्थ थे.
वाईएसआर जिले के ब्रह्मंगरीमाथम मंडल के मल्लेगुडीपाडु गांव के किसान पुल्लालचेरुवु कोंडारेड्डी (55) पांच एकड़ में धान और कपास की खेती करते थे. बताया जाता है कि उन्हें पांच साल से घाटा हो रहा था, नतीजतन उसने बैंक में जमीन गिरवी रख दी और साढ़े तीन लाख रुपये कर्ज लिया. परिचितों से भी करीब सात लाख रुपये लिए. कर्ज नहीं चुका पाने के कारण वे परेशान थे. करीब तीन दिन पहले उसने कीटनाशक पी लिया. परिजन तिरुपति के स्विम्स अस्पताल ले गए लेकिन शुक्रवार की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
एक अन्य घटना में श्रीसत्यसाई जिले के गुड़ीबंद मंडल के किसान नरसिम्हप्पा (46) की मौत हो गई. उनकी एक पत्नी, बेटा और बेटी है. बेटी की शादी हो गई, बेटे ने इंटर की पढ़ाई की और आर्थिक तंगी के कारण अपनी डिग्री पूरी नहीं कर सका. उसने दो साल के लिए दो एकड़ जमीन लीज पर लेकर कपास के बीज की खेती की, लेकिन नुकसान हुआ.उस पर 5 लाख रुपये का कर्ज था. शुक्रवार को जब घर में कोई नहीं था तो उसने कीटनाशक पी लिया. शनिवार को अनंतपुर सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
15 लाख का था कर्ज : वहीं, नंदयाला जिले के नदिमिगेरी में पियापिली मंडल के किसान श्रीहरि और उसकी पत्नी ने आत्महत्या का प्रयास किया. श्रीहरि ने अपने चार एकड़ में विभिन्न फसलों की खेती की. तीन साल से कोई उपज नहीं थी. उन्हें 7.50 लाख रुपये तक उधार लेने पड़े. कर्ज चुकाने के लिए पिछले साल नल्लाबल्ली गांव के पास एक नर्सरी स्थापित की गई थी. इसके लिए बैंक से साढ़े सात लाख रुपये का और कर्ज लिया गया. नर्सरी में नुकसान होने से कर्ज का बोझ बढ़ गया, इससे तंग आकर उसने पत्नी उमा महेश्वरी के साथ शनिवार को नर्सरी में कीटनाशक पी लिया. दोनों को कुरनूल अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान श्रीहरि की मौत हो गई. उमा महेश्वरी की हालत गंभीर है.
इसी जिले में इसी तरह की एक और घटना में कोठापल्ली मंडल के गुववलकुंतला गांव के मांडा वेंकटेश्वर रेड्डी (59) ने कीटनाशक पीकर जान दे दी. उनके पास एक एकड़ जमीन थी जबकि तीन एकड़ जमीन पट्टे पर ले रखी थी.दो साल तक लगातार घाटे में रहने के कारण उन्हें 5 लाख रुपये तक का कर्ज लेना पड़ा. कर्ज चुकाने के लिए परिवार कुरनूल चला गया. वेंकटेश्वर रेड्डी वहां रोजगार न मिलने से परेशान थे.
इसी क्रम में वह गणेश चतुर्थी समारोह में भाग लेने के लिए अपने परिवार के साथ अपने गृहनगर आए. शुक्रवार की रात कीटनाशक पीने से उनकी मौत हो गई. वहीं, पलनाडु जिले के करमपुडी मंडल के ओपीचारला के किसान नेलापति वेंकटेश्वरलु (51) ने अपनी तीन एकड़ के अलावा 9.70 एकड़ जमीन लीज पर दी थी. इसके लिए 10 लाख रुपये का कर्ज लिया था. अच्छी फसल नहीं होने से परेशान होकर उसने फंदा लगाकर जान दे दी.
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