मदुरै : ग्रामीण और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए अहिंसा बाजार 26 सितंबर तक मदुरै गांधी स्मारक संग्रहालय में आयोजित किया जा रहा है. इसमें दक्षिण भारत के 120 से अधिक निर्माता ग्रामीण और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर प्रदर्शनी और सेमिनार में भाग लेंगे. जेसी कुमारप्पा ( J.C Kumarappa) के गांधीवादी अर्थशास्त्र पर आधारित, अहिंसक अर्थशास्त्र महासंघ ने मदुरै गांधी स्मारक संग्रहालय के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया है.
आयोजन में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और पांडिचेरी जैसे राज्यों के निर्माता भाग ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास अहिंसक बाजार पर आधारित हो. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में 150 से अधिक उत्पादक समूह अहिंसा बाजार में भाग लेते हैं. ये सभी अपने गांव के आधार पर बहुत छोटे पैमाने पर इस उत्पादन में शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि वे स्थानीय स्तर पर जो आवश्यक है उसके लिए उत्पादन में संलग्न हैं. इस आयोजन में विभिन्न राज्यों के युवा भी भाग लेंगे. इस वजह से उनके लिए अहिंसक अर्थव्यवस्था के बारे में जानने का अवसर भी बनाया गया है.
कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को अहिंसक अर्थव्यवस्था के प्रति जागरूक करना और उन्हें अपने आवास पर ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए जागरूक करना है. इस दौरान विशेष रूप से पांच दिनों में विभिन्न प्रकार के शिक्षकों और विद्वानों के साथ सत्र और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से जनता को अहिंसक बाजार के उद्देश्य और गतिविधियों के बारे में जानने का मौका दिया गया है. बता दें कि 22 सितंबर के दिन बहुत पहले गांधीजी ने मदुरै में हाफ ड्रेस उपवास रखा था. इसलिए, हम उस दिन को ध्यान में रखते हुए अहिंसा बाजार कार्यक्रम की शुरुआत कर रहे हैं.
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