नई दिल्ली: आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम के जैन का विस्तारित कार्यकाल 21 जून को पूरा हो रहा है. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के पद के लिए यह पद एक वाणिज्यिक बैंकर के लिए आरक्षित है. सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के गैर-कार्यकारी चेयरमैन सहित पांच उम्मीदवारों का नाम छांटा गया है. सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति खोज समिति (एफएसआरएएससी) दिल्ली में उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेगी.
साक्षात्कार में चुने गए नाम को अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति के पास भेजा जाएगा. खोज समिति में कैबिनेट सचिव के अलावा आरबीआई गवर्नर, वित्तीय सेवा सचिव और दो स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं. आरबीआई अधिनियम, 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए, जो इस समय एम के जैन, माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रबी शंकर हैं. डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति तीन साल के लिए की जाती है. उनके कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है. डिप्टी गवर्नर को प्रति माह 2.25 लाख रुपये का वेतन तथा अन्य भत्ते मिलते हैं.
रिजर्व बैंक कानून के अनुसार केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होते है. इनमें से दो केंद्रीय बैंक के अंदर से, एक वाणिज्यिक बैंकर और एक कोई अर्थशास्त्री होता है तो मौद्रिक नीति विभाग की अगुवाई करता है.
(पीटीआई-भाषा)
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