नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार मध्य जिला की कमान एक महिला डीसीपी को सौंपी गई है. यह डीसीपी 2010 बैच की आईपीएस श्वेता चौहान हैं. 64 साल पहले बने इस जिले में अभी तक किसी महिला अधिकारी को डीसीपी/एसपी नहीं लगाया गया था. इसकी बड़ी वजह कहीं न कहीं जिले का संवेदनशील होना माना जाता है. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने यहां पहली बार महिला डीसीपी को लगाकर महत्वपूर्ण संदेश दिया है.
मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि मध्य जिला जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में उन्हें काम करने का मौका दिया गया है. यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जिस तरीके का विश्वास उन पर दिखाया गया है, वह उस पर खरा उतरने की कोशिश करेंगी.
उन्होंने बताया कि मध्य जिला में एक तरफ जहां पुरानी दिल्ली का इलाका है, तो वहीं दूसरी तरफ राजघाट एवं जामा मस्जिद जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं. पुरानी दिल्ली का यह क्षेत्र संवेदनशील है. यहां पर अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं और पुलिस खासतौर से उनके बीच सामंजस्य बनाये रखती है.
डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि मध्य जिला में महत्वपूर्ण बाजार जैसे करोल बाग, चावड़ी बाजार, पहाड़गंज आदि आते हैं. अभी के समय में आतंकी हमले के अलर्ट को लेकर इन बाजारों में खासतौर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गए हैं. वहां पर खुद वरिष्ठ अधिकारी भी पैदल पेट्रोलिंग करते हैं.
उन्होंने बताया कि आस-पास में कई बड़े सरकारी दफ्तरों की इमारत भी है. मध्य जिला इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दोनों की ही परेड निकलती है. यहां पर फिरोजशाह कोटला स्टेडियम हैं, जहां मैच के दौरान पूरी सुरक्षा व्यवस्था जिले की पुलिस संभालती है. नवरात्र के मौके पर झंडेवालान मंदिर पर, उन्होंने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करवाये हैं.
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डीसीपी श्वेता चौहान ने कहा कि अनुभव हमारे साथ चलता है. जमीनी स्तर पर किया गया काम ही भविष्य में आपकी मदद करता है. वह इस जिले में वर्ष 2014 में बतौर कमला मार्केट एसीपी काम कर चुकी हैं. उस समय पहाड़गंज सब डिवीजन में डेनिश महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी. उस समय दूसरा सब डिवीजन होने के बावजूद इस केस पर उन्होंने काम किया था. इस मामले में आरोपी गिरफ्तार भी हुए थे.
घटना के समय उन्होंने खुद पीड़िता से बातचीत कर पूरे मामले को समझा और केस की बारीकियों को जाना. एसीपी रहते हुए उन्होंने रामलीला मैदान में काफी चहल-पहल और इंतजाम देखे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शपथ समारोह को रामलीला मैदान में लगभग एक लाख लोगों की भीड़ के साथ सुरक्षापूर्वक सम्पन्न करवाने का अनुभव भी उनके पास है.
डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि अपराध पर लगाम लगाना पुलिस का मुख्य काम है. खासतौर से स्ट्रीट क्राइम को रोकना उनकी प्राथमिकता है. इसके लिए लगातार उनकी टीम झपटमारों, लुटेरों एवं सेंधमारों को पकड़ने का काम कर रही है. उनका प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा बदमाश पकड़े जाएं, ताकि अपराध पर लगाम लगे.
उन्होंने बताया कि लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए वह ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी अपराध से संबंधित समस्या है, तो वह सीधे दरियागंज स्थित दफ्तर में मिल सकते हैं. उनका प्रयास है कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की समस्याओं का समाधान करें और जिले को अपराध मुक्त बनाएं.