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India Or Bharat: भारत-इंडिया विवाद पर अधीर बोले- उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए क्योंकि... - भारत गणराज्य

इंडिया या भारत के विवाद में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों से इतनी नफरत है तो भाजपा को सबसे पहले राष्ट्रपति भवन खाली कर देने चाहिए. जरूरत पड़े तो उसे गोले से उड़ा देना चाहिए. पढ़ें पूरी खबर...

India Or Bharat
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 6, 2023, 12:04 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 12:14 PM IST

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

नई दिल्ली : जी20 विश्व नेताओं को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर काफी हलचल मच गई है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस कदम पर केंद्र की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह देश के संविधान को 'बदलने' की दिशा में पहला कदम है. न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से बात करते हुए अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विपक्षी गुट-भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के गठन के बाद से इंडिया शब्द से 'डरती' है.

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर सरकार को ब्रिटिश शासन से समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों और अंग्रेजी से इतनी दिक्कत है तो आपने 'भारत का महामहिम' क्यों नहीं कहा; आपने 'भारत का प्रेसिडेंट' क्यों लिखा? मुझे लगता है कि वे (बीजेपी) 'इंडिया' शब्द से डरते हैं.

उन्होंने कहा कि जब से इंडिया ब्लॉक बना है, पीएम की 'इंडिया' के प्रति नफरत बढ़ गई है. अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा, अगर भाजपा को ब्रिटिश शासन से इतनी ही समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह पहले वायसराय हाउस था. उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि अगर वे 'बाहरी लोगों' से जुड़ी हर चीज बदलना चाहते हैं तो 'हिंदू' शब्द भी बदल दें.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

उन्होंने सवाल किया कि क्या आप अब से खेलो इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया नहीं कहेंगे? हमें 'भारत' शब्द से कोई दिक्कत नहीं है. मैं सिर्फ यह सुझाव देना चाहता हूं कि उन्हें (भाजपा) पहले हिंदू शब्द बदलना चाहिए क्योंकि यह भी विदेशियों द्वारा दिया गया है और इंडिया शब्द भी उसी से बना है. उन्होंने कहा कि सरकार को क्रांतिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ये सब संविधान बदलने के संकेत हैं. वे संविधान के पहले अनुच्छेद को बदलना चाहते हैं जो कहता है- इंडिया दैट इज भारत.

लोकसभा सांसद ने आगे सुझाव दिया कि देश के लोगों को यह तय करना चाहिए कि देश के लिए दो नाम होने चाहिए या जितने चाहें उतने. उन्होंने कहा कि यह केवल कुछ लोगों द्वारा तय नहीं किया जाना चाहिए. देश के लोगों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए. उन्हें यह तय करना चाहिए कि वे देश के लिए दो नाम चाहते हैं या एक या कई.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

विशेष रूप से, यह पहली बार है कि सरकार ने आधिकारिक निमंत्रण पर इंडिया के बजाय 'रिपब्लिक ऑफ भारत' का उपयोग किया है. आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इंडोनेशिया की आगामी यात्रा पर एक सरकारी पुस्तिका में उन्हें भारत के प्रधान मंत्री के रूप में भी संदर्भित किया गया है.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

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हालांकि, इस कदम ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है क्योंकि कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है, जबकि सत्तारूढ़ सरकार ने फैसले का स्वागत किया है. इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने दावा किया है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को मिल रही लोकप्रियता से घबरा गई है.

(एएनआई)

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

नई दिल्ली : जी20 विश्व नेताओं को राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में इंडिया की जगह भारत लिखे जाने पर काफी हलचल मच गई है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इस कदम पर केंद्र की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि यह देश के संविधान को 'बदलने' की दिशा में पहला कदम है. न्यूज एजेंसी 'एएनआई' से बात करते हुए अधीर रंजन ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विपक्षी गुट-भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के गठन के बाद से इंडिया शब्द से 'डरती' है.

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि अगर सरकार को ब्रिटिश शासन से समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों और अंग्रेजी से इतनी दिक्कत है तो आपने 'भारत का महामहिम' क्यों नहीं कहा; आपने 'भारत का प्रेसिडेंट' क्यों लिखा? मुझे लगता है कि वे (बीजेपी) 'इंडिया' शब्द से डरते हैं.

उन्होंने कहा कि जब से इंडिया ब्लॉक बना है, पीएम की 'इंडिया' के प्रति नफरत बढ़ गई है. अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा, अगर भाजपा को ब्रिटिश शासन से इतनी ही समस्या है तो उन्हें तुरंत राष्ट्रपति भवन छोड़ देना चाहिए क्योंकि यह पहले वायसराय हाउस था. उन्होंने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि अगर वे 'बाहरी लोगों' से जुड़ी हर चीज बदलना चाहते हैं तो 'हिंदू' शब्द भी बदल दें.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

उन्होंने सवाल किया कि क्या आप अब से खेलो इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और मेक इन इंडिया नहीं कहेंगे? हमें 'भारत' शब्द से कोई दिक्कत नहीं है. मैं सिर्फ यह सुझाव देना चाहता हूं कि उन्हें (भाजपा) पहले हिंदू शब्द बदलना चाहिए क्योंकि यह भी विदेशियों द्वारा दिया गया है और इंडिया शब्द भी उसी से बना है. उन्होंने कहा कि सरकार को क्रांतिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. ये सब संविधान बदलने के संकेत हैं. वे संविधान के पहले अनुच्छेद को बदलना चाहते हैं जो कहता है- इंडिया दैट इज भारत.

लोकसभा सांसद ने आगे सुझाव दिया कि देश के लोगों को यह तय करना चाहिए कि देश के लिए दो नाम होने चाहिए या जितने चाहें उतने. उन्होंने कहा कि यह केवल कुछ लोगों द्वारा तय नहीं किया जाना चाहिए. देश के लोगों को इस प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए. उन्हें यह तय करना चाहिए कि वे देश के लिए दो नाम चाहते हैं या एक या कई.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

विशेष रूप से, यह पहली बार है कि सरकार ने आधिकारिक निमंत्रण पर इंडिया के बजाय 'रिपब्लिक ऑफ भारत' का उपयोग किया है. आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी की इंडोनेशिया की आगामी यात्रा पर एक सरकारी पुस्तिका में उन्हें भारत के प्रधान मंत्री के रूप में भी संदर्भित किया गया है.

अधीर रंजन चौधरी ने एएनआई से बात की.

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हालांकि, इस कदम ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है क्योंकि कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया है, जबकि सत्तारूढ़ सरकार ने फैसले का स्वागत किया है. इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने दावा किया है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को मिल रही लोकप्रियता से घबरा गई है.

(एएनआई)

Last Updated : Sep 6, 2023, 12:14 PM IST
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