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भारतीय सामान की खेप लेकर INSTC के रास्ते पहली रूसी ट्रेन ईरान पहुंची - consignment of indian goods

आईएनएसटीसी का उपयोग करके पहली बार रूस की ट्रेन भारत के लिए माल लेकर कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए ईरान पहुंच गई है.

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INSTC arrives in Iran
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Published : Jul 13, 2022, 10:27 PM IST

नई दिल्ली: महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) का उपयोग करके पहली बार रूस की ट्रेन भारत के लिए माल लेकर कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए लगभग 3,800 किमी की यात्रा करके ईरान पहुंच गई है.

ईरानी मीडिया की खबर के अनुसार, 39 फ्रेट कंटेनरों के साथ ट्रेन ने तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर सरखास स्टेशन के जरिए मंगलवार को ईरान में प्रवेश किया. आईएनएसटीसी 7,200 किलोमीटर लंबी बहुविध परिवहन परियोजना है, जिससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के लिए माल भेजा जा सकता है. भारत इस परियोजना का समर्थन करता रहा है.

यह भी पढ़ें: भारत ने चीन को दिया कड़ा 'संदेश', लेह में की राफेल की तैनाती

खबर के मुताबिक, सरखास रेलवे स्टेशन से माल की खेप को 1,600 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग का इस्तेमाल करते हुए दक्षिण ईरान में बंदर अब्बास पत्तन ले जाया जाएगा, जहां से इसे समुद्री मार्ग से भारत भेजा जाएगा. तेहरान टाइम्स की खबर के अनुसार, ईरान के अधिकारियों ने ट्रेन का स्वागत करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया और इसमें प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर के साथ परिवहन, तेल, उद्योग और कृषि मंत्रियों ने भाग लिया.

यह भी पढ़ें: तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए गुजरात-राजस्थान में नई रेलवे लाइन : शाह

खबर के अनुसार, ट्रेन छह जुलाई को रूस के चेखव स्टेशन से रवाना हुई थी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ईरान की यात्रा कर सकते हैं और उनकी बातचीत में क्षेत्र में संपर्क और मजबूत करने का विषय भी आ सकता है. भारत भी क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने पर जोर दे रहा है. वह चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान के साथ काम कर रहा है. भारत ने इस बंदरगाह को आईएनएसटीसी के दायरे में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है.

नई दिल्ली: महत्वाकांक्षी अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) का उपयोग करके पहली बार रूस की ट्रेन भारत के लिए माल लेकर कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से होते हुए लगभग 3,800 किमी की यात्रा करके ईरान पहुंच गई है.

ईरानी मीडिया की खबर के अनुसार, 39 फ्रेट कंटेनरों के साथ ट्रेन ने तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर सरखास स्टेशन के जरिए मंगलवार को ईरान में प्रवेश किया. आईएनएसटीसी 7,200 किलोमीटर लंबी बहुविध परिवहन परियोजना है, जिससे भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के लिए माल भेजा जा सकता है. भारत इस परियोजना का समर्थन करता रहा है.

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खबर के मुताबिक, सरखास रेलवे स्टेशन से माल की खेप को 1,600 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग का इस्तेमाल करते हुए दक्षिण ईरान में बंदर अब्बास पत्तन ले जाया जाएगा, जहां से इसे समुद्री मार्ग से भारत भेजा जाएगा. तेहरान टाइम्स की खबर के अनुसार, ईरान के अधिकारियों ने ट्रेन का स्वागत करने के लिए एक समारोह का आयोजन किया और इसमें प्रथम उप राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबेर के साथ परिवहन, तेल, उद्योग और कृषि मंत्रियों ने भाग लिया.

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खबर के अनुसार, ट्रेन छह जुलाई को रूस के चेखव स्टेशन से रवाना हुई थी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह ईरान की यात्रा कर सकते हैं और उनकी बातचीत में क्षेत्र में संपर्क और मजबूत करने का विषय भी आ सकता है. भारत भी क्षेत्रीय संपर्क मजबूत करने पर जोर दे रहा है. वह चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए ईरान के साथ काम कर रहा है. भारत ने इस बंदरगाह को आईएनएसटीसी के दायरे में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है.

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