नई दिल्ली: 26 जनवरी, 1950 को गुरुवार की सुबह सर्द थी. हवा उत्साह से भरी हुई थी. दिल्ली इस दिन के लिए हफ्तों से तैयारी कर रही थी. इस आयोजन की रिहर्सल शुरू हो गई थी. क्योंकि यह आखिरकार एक ऐतिहासिक दिन था. वह दिन जब भारत खुद को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करेगा और भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को कार्यालय में स्थापित किया जाएगा. जैसे ही दिन निकला, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सुबह-सुबह जुलूस या 'प्रभात फेरी' देखी गई, जिसमें हर्षित नागरिक ढोल पीट रहे थे और शंख बजा रहे थे, देशभक्ति के गीत गा रहे थे. दिन के आगमन की घोषणा कर रहे थे. पूरे देश में इसी तरह के जश्न मनाए गए थे.
इरविन एम्फीथिएटर में हुई थी पहली परेड
भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को मनाया (India celebrated first Republic Day on 26 January) था. जब भारत का संविधान लागू हुआ था. उस दिन परेड इरविन एम्फीथिएटर में हुई थी, जिसे वर्तमान में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम से जाना जाता है. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो अपनी पत्नी के साथ शामिल हुए थे. परेड के दौरान अन्य प्रमुख हस्तियां भी मौजूद रहीं. वर्षों के संघर्ष के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिली। यह संविधान सभा थी जिसने भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया था.
हालांकि भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था, लेकिन यह तारीख के ऐतिहासिक महत्व के कारण 26 जनवरी को लागू हुआ. राजपथ पर साल 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई. परेड में विभिन्न प्रकार के प्रदर्शनों के साथ-साथ एक सेना मार्चिंग बैंड भी शामिल था. इस कार्यक्रम में देश की कई नामी हस्तियों ने शिरकत की. मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे, जो अपनी पत्नी के साथ आए थे. यह सिलसिला आज तक बना हुआ है. अब आठ किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट से गुजरती हुई लालकिला पर खत्म होती है.
100 से अधिक विमानों ने लिया था भाग
प्रारंभ से ही, भारत का गणतंत्र दिवस परेड एक भव्य समारोह और एक शानदार नजारा रहा है. जो देश की उपलब्धियों, सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता को अत्याधुनिक युद्ध उपकरण, फ्लाईपास्ट, स्टंट और ज्वलंत, विषयगत झांकियों के माध्यम से प्रदर्शित करता है. इरविन एम्फीथिएटर में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड का प्रदर्शन किया गया (First Republic Day Prade was held at Irwin Stadium) था, जहां भारत के नव-शपथ लेने वाले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (President of India Dr Rajendra Prasad) के बाद सशस्त्र बलों के 3,000 अधिकारियों और 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था. कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के लिए दिल्ली की सड़कों से गुजरे थे.
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