शिमला: आज वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को साल का पहला चंद्र ग्रहण है. यह चंद्रग्रहण देश के पूर्वोत्तर भाग में और पश्चिम बंगाल के कुछ भागों में दिखाई पड़ेगा. देश के बाकी भागों में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अमित कुमार शर्मा के बताया कि यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है, इसलिए साल के पहले चंद्रग्रहण का भारत में कोई सूतककाल मान्य नहीं होगा.
कहां-कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
चंद्रमा के, छाया से गुजरने के दौरान चंद्र ग्रहण पृथ्वी के रात्रि वाले हिस्से से दिखेगा. इस तरह 26 मई 2021 को ग्रहण देखने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में होंगे. अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी यह दिखेगा लेकिन आरंभिक चरण का ही चंद्र ग्रहण नजर आएगा.
भारत में चंद्र ग्रहण
भारत में यह चंद्रग्रहण ज्यादा स्थानों पर नहीं दिखेगा. नॉर्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में इसे देखा जा सकता है. ओडिशा के तटीय इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप से कुछ देर के लिए यह नजर आ सकता है. पूर्वोत्तर में सिक्किम को छोड़कर कई हिस्सों से इसे देखा जा सकेगा.
किस वक्त दिखेगा ग्रहण
ग्रहण का आंशिक चरण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर प्रारंभ होगा. कुल चरण भारतीय समय के अनुसार 4 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा जो 4 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगा. आंशिक चरण शाम 6 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. भारत में ग्रहण को सबसे ज्यादा समय तक पोर्ट ब्लेयर से देखा जा सकता है. यहां शाम 5 बजकर 38 मिनट से 5 बजकर 45 मिनट तक ग्रहण देखा जा सकता है.
चंद्र ग्रहण में सूतकाल
"ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू होता है. लेकिन यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण है. साथ ही भारत में कुछ स्थानों पर आंशिक ही दिखाई देगा. इसलिए इस साल के पहले चंद्रग्रहण का भारत में कोई सूतक काल मान्य नहीं होगा."
-डॉ. अमित कुमार शर्मा, पीएचडी ज्योत्षाचार्य
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सालभर में चार ग्रहण लगेंगे
26 मई को पहला चंद्र ग्रहण लगेगा. यह दिन वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा है. इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं. दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा. पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को है. यह दिन येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावास्या है. वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को लगेगा.