नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों के मामले पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगा. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न से संबंधित विवाद ठोस सुनवाई के चरण में पहुंच गया है और दोनों गुटों की पहली व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की गई है जिसके लिए मंगलवार को आवश्यक आदेश जारी किया गया.
आयोग ने दोनों समूहों को निर्देश दिया कि यदि कोई अन्य बयान या दस्तावेज है तो वे इसे नौ दिसंबर शाम पांच बजे तक जमा कराएं. इस महीने की शुरुआत में, आयोग ने शिवसेना के विरोधी गुटों को 23 नवंबर तक पार्टी के नाम और उसके प्रतीक पर अपने-अपने दावों के समर्थन में नए दस्तावेज जमा कराने को कहा था. साथ ही उसने दोनों धड़ों से कहा था कि वे आयोग को सौंपे गए दस्तावेज एक दूसरे से साझा करें.
अक्टूबर में एक अंतरिम आदेश में आयोग ने दोनों गुटों को पार्टी के नाम या उसके चिह्न धनुष और तीर का उपयोग करने से रोक दिया था. बाद में, आयोग ने पार्टी के नाम के रूप में ठाकरे गुट को शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे और शिंदे गुट को बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया था. निर्वाचन आयोग ने कहा था कि अंतरिम आदेश विवाद के अंतिम निर्धारण तक जारी रहेगा.
शिंदे ने शिवसेना के 55 में से 40 विधायकों और लोकसभा में इसके 18 में से 12 सदस्यों के समर्थन का दावा करते हुए ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी. शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में ठाकरे के इस्तीफे के बाद, शिंदे भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे.
ये भी पढ़ें : Gujarat Election : पीएम मोदी को 'रावण' बताकर बदजुबानी के जाल में फिर 'उलझी' कांग्रेस !