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firing at Assam Meghalaya border - असम-मेघालय सीमा पर फायरिंग, 6 की मौत, 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित

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Published : Nov 22, 2022, 11:49 AM IST

Updated : Nov 22, 2022, 7:04 PM IST

असम मेघालय सीमा पर फायरिंग की घटना हुई है, जिसमें छह लोग मारे गए. इनमें से पांच पश्चिम जयंतिया पहाड़ी के हैं, जबकि एक असम फॉरेस्ट का गार्ड है. घटना मंगलवार सुबह की है. असम-मेघालय सीमा पर स्थित मुक्रोह इलाके में फायरिंग हुई. यह जानकारी मेघालय के डीजीपी एलआर बिश्नोई ने दी. कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

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असम मेघालय सीमा पर फायरिंग, मेघालय डीजीपी ने दी जानकारी

शिलांग/गुवाहाटी : मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि असम पुलिस और राज्य के वन रक्षकों द्वारा मंगलवार को 'अकारण' गोलीबारी के बाद मेघालय के पांच नागरिकों और असम के एक वन रक्षक सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुक्रोह गांव में प्रवेश किया और 'अकारण' गोलीबारी की, जिसमें मेघालय के पांच नागरिक मारे गए. फायरिंग में असम के एक अज्ञात फॉरेस्ट गार्ड की भी मौत हो गई.

संगमा ने कहा कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने मुकरोह गांव में लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और उसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस और वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके बाद उन्होंने फायरिंग की. संगमा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य के गृह मंत्री लहकमेन रिंबुई ने घटनास्थल का दौरा किया और मेघालय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.

मुख्यमंत्री के अनुसार, थल शादाप (45), निखासी धर (65) और सिक तलंग (55) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ताल नर्टियांग (40) और चिरुप सुमेर (40) ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. संगमा ने मीडिया को बताया, "मेघालय सरकार ने उस घटना की कड़ी निंदा की जिसमें असम पुलिस और असम के वन रक्षकों ने मेघालय में प्रवेश किया और अकारण गोलीबारी की. राज्य सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाएगी और इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

उन्होंने कहा कि मृतकों के प्रति सम्मान और शोक व्यक्त करने के लिए राज्य सरकार ने शिलॉन्ग चेरी ब्लॉसम उत्सव सहित सभी आधिकारिक त्योहारों को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की. अगले कदम के बारे में फैसला करने के लिए मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी. उन्होंने कहा, "मैं राज्य के सभी नागरिकों से दिवंगत आत्माओं और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने की अपील करता हूं. मैं अपने नागरिकों से राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने की भी अपील करता हूं. राज्य सरकार कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है."

"हमने इस कठिन समय में एक साथ खड़े होने के लिए पारंपरिक प्रमुखों, रंगबाह शोंगों और धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और गैर सरकारी संगठनों के साथ चर्चा करने, सूचित करने और उनके समर्थन के लिए अपील करने के लिए एक बैठक की." इस बीच, असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने पहले मंगलवार को कहा कि वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह करीब 3 बजे अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका.

उन्होंने कहा, "जब वनकर्मी अवैध खेप को जब्त करने के लिए ट्रक के पास पहुंचे, तो उसने भागने की कोशिश की. गार्ड ने फायरिंग की और गाड़ी का टायर पंक्चर कर दिया. चालक और उसके सहायक सहित तीन लोगों को पकड़ लिया गया, लेकिन अन्य मौके से फरार होने में सफल रहे." इसके बाद वन अधिकारियों ने निकटतम पुलिस स्टेशन जिरिकेंडिंग को सूचित किया और अतिरिक्त बल के लिए अनुरोध किया. पुलिस के मुताबिक जब एक टीम वहां पहुंची तो भारी संख्या में मेघालय के लोगों ने उन्हें धारदार हथियारों से घेर लिया.

अली ने कहा, "गुस्साई भीड़ ने गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग की. हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस टीम को गोलियां चलानी पड़ीं. एक वन होम गार्ड और खासी समुदाय के कुछ सदस्य गोलीबारी में मारे गए." हिंसक घटना के बाद, किसी भी अप्रिय घटना और सार्वजनिक सुरक्षा को रोकने के लिए असम के कई वाहनों को जोरबत में मेघालय में प्रवेश करने से रोका गया.

(एक्स्ट्रा इनपुट- IANS)

शिलांग/गुवाहाटी : मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा कि असम पुलिस और राज्य के वन रक्षकों द्वारा मंगलवार को 'अकारण' गोलीबारी के बाद मेघालय के पांच नागरिकों और असम के एक वन रक्षक सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले के मुक्रोह गांव में प्रवेश किया और 'अकारण' गोलीबारी की, जिसमें मेघालय के पांच नागरिक मारे गए. फायरिंग में असम के एक अज्ञात फॉरेस्ट गार्ड की भी मौत हो गई.

संगमा ने कहा कि असम पुलिस और वन रक्षकों ने मुकरोह गांव में लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका और उसके बाद बड़ी संख्या में गांव के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस और वन रक्षकों को घेर लिया, जिसके बाद उन्होंने फायरिंग की. संगमा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य के गृह मंत्री लहकमेन रिंबुई ने घटनास्थल का दौरा किया और मेघालय पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.

मुख्यमंत्री के अनुसार, थल शादाप (45), निखासी धर (65) और सिक तलंग (55) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ताल नर्टियांग (40) और चिरुप सुमेर (40) ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. संगमा ने मीडिया को बताया, "मेघालय सरकार ने उस घटना की कड़ी निंदा की जिसमें असम पुलिस और असम के वन रक्षकों ने मेघालय में प्रवेश किया और अकारण गोलीबारी की. राज्य सरकार न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाएगी और इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी."

उन्होंने कहा कि मृतकों के प्रति सम्मान और शोक व्यक्त करने के लिए राज्य सरकार ने शिलॉन्ग चेरी ब्लॉसम उत्सव सहित सभी आधिकारिक त्योहारों को रद्द करने का फैसला किया है. उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की. अगले कदम के बारे में फैसला करने के लिए मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी. उन्होंने कहा, "मैं राज्य के सभी नागरिकों से दिवंगत आत्माओं और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने की अपील करता हूं. मैं अपने नागरिकों से राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने की भी अपील करता हूं. राज्य सरकार कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है."

"हमने इस कठिन समय में एक साथ खड़े होने के लिए पारंपरिक प्रमुखों, रंगबाह शोंगों और धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और गैर सरकारी संगठनों के साथ चर्चा करने, सूचित करने और उनके समर्थन के लिए अपील करने के लिए एक बैठक की." इस बीच, असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के पुलिस अधीक्षक इमदाद अली ने पहले मंगलवार को कहा कि वन विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह करीब 3 बजे अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोका.

उन्होंने कहा, "जब वनकर्मी अवैध खेप को जब्त करने के लिए ट्रक के पास पहुंचे, तो उसने भागने की कोशिश की. गार्ड ने फायरिंग की और गाड़ी का टायर पंक्चर कर दिया. चालक और उसके सहायक सहित तीन लोगों को पकड़ लिया गया, लेकिन अन्य मौके से फरार होने में सफल रहे." इसके बाद वन अधिकारियों ने निकटतम पुलिस स्टेशन जिरिकेंडिंग को सूचित किया और अतिरिक्त बल के लिए अनुरोध किया. पुलिस के मुताबिक जब एक टीम वहां पहुंची तो भारी संख्या में मेघालय के लोगों ने उन्हें धारदार हथियारों से घेर लिया.

अली ने कहा, "गुस्साई भीड़ ने गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की मांग की. हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस टीम को गोलियां चलानी पड़ीं. एक वन होम गार्ड और खासी समुदाय के कुछ सदस्य गोलीबारी में मारे गए." हिंसक घटना के बाद, किसी भी अप्रिय घटना और सार्वजनिक सुरक्षा को रोकने के लिए असम के कई वाहनों को जोरबत में मेघालय में प्रवेश करने से रोका गया.

(एक्स्ट्रा इनपुट- IANS)

Last Updated : Nov 22, 2022, 7:04 PM IST
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