हैदराबाद : तेलंगाना के रंगारेड्डी में एक फार्महाउस पर पुलिस छापेमारी के संबंध में टीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है. पुलिस ने गुरुवार को तीन आरोपियों - रामचंद्र भारती, नंदा कुमार और सिम्हायाजी स्वामी के खिलाफ आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मोइनाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई. वहीं, पुलिस ने फार्म हाउस को अपने कब्जे में लेकर एक बार फिर से सघन निरीक्षण किया है. इधर, शमशाबाद के डीसीपी जगदीश्वर रेड्डी फार्महाउस पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं.
प्राथमिकी में टीआरएस विधायक ने आरोप लगाया कि दिल्ली के रामचंद्र भारती और हैदराबाद के नंद कुमार दोनों भाजपा के लोग हैं. ये भाजपा के लोग उनसे मिले और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए 100 करोड़ रुपये की पेशकश की. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा में शामिल नहीं होने पर उन्हें आपराधिक मामलों और ईडी/सीबीआई द्वारा छापे मारी की धमकी भी दी गई थी.
टीआरएस के चार विधायकों को खरीदने की कोशिश के मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है. तीनों आरोपियों को गुप्त इलाकों में पूछताछ की जा रही है. इन चारों विधायकों की खरीद-फरोख्त के पीछे किसका हाथ है, इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है. उनके मोबाइल को जब्त कर लिया गया है और कॉल डिटेल्स निकाले जा रहे हैं. इससे संबंधित पूरा ब्योरा एकत्र कर अदालत में पेश किया जाएगा. आरोपियों के खिलाफ विधायकों की खरीद के मामले में धारा 120बी के तहत भ्रष्टाचार निरोधक कानून 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मोइनाबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. तीनों आरोपियों को आज उपरापल्ली कोर्ट में पेश किया जाएगा.
इस घटना में भाजपा का नाम लिए जाने पर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने टीआरएस पर सवाल उठाए हैं. रेड्डी ने कहा कि पूरा खेल जानबूझकर रचा गया है, क्योंकि टीआरएस डरी हुई है. रेड्डी ने कहा कि प्रगति भवन में ही पूरी घटना घटी है, ऐसा क्यों है. उन्होंने कहा कि क्या विधायक के खरीदने से सरकार गिर जाती है क्या.
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने भाजपा को बदनाम करने की साजिश रची. उन्होंने टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम, महत्वपूर्ण पद का लालच देकर भाजपा में आने के लालच देने के टीआरएस के आरोपों को खारिज कर दिया. रेड्डी ने कहा कि बीजेपी को चार विधायकों को पार्टी में शामिल करने से कुछ हासिल नहीं होता. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने मामले के आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस को ब्योरा देना चाहिए कि यह पैसा टीआरएस विधायकों का है या यह मुख्यमंत्री केसीआर के फार्महाउस से आया है.
उन्होंने कहा कि अगर केसीआर ईमानदार हैं, तो उन्हें मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का आदेश देना चाहिए. टीआरएस पर पलटवार करते हुए रेड्डी ने कहा कि टीआरएस ही दलबदल को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने सवाल किया, 'क्या टीआरएस ने कई विधायकों और सांसदों को अपनी पार्टी में शामिल होने का लालच नहीं दिया. पार्टी ने कांग्रेस के 12 विधायकों को कितना भुगतान किया, जो पहले टीआरएस में शामिल हुए थे.'
उन्होंने आरोप लगाया कि मुनुगोड़े उपचुनाव हारने के डर से टीआरएस नाटक कर रही है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा को जनता का समर्थन प्राप्त है और टीआरएस तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव में जीत नहीं पाएगी, भले ही वह हजारों करोड़ खर्च कर दे. उन्होंने आरोप लगाया कि टीआरएस नेता केटीआर ने मुनुगोड़े के एक भाजपा नेता को फोन कर उन्हें टीआरएस में शामिल होने का लालच दिया. किशन रेड्डी ने कहा कि टीआरएस ने दुब्बाक उपचुनाव में भी यही रणनीति अपनाई, लेकिन भाजपा जीती.
रेड्डी ने कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं. रेड्डी का दावा है कि नंदकुमार, जिन पर आरोप लगे हैं, उनका केसीआर परिवार से संबंध है.
(एक्स्ट्रा इनपुट- IANS)