तिरुवल्लुर (चेन्नई) : अवाडी पुलिस ने फर्जी समाचार फैलाने और तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के बीच भय की भावना पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल 'ओपइंडिया डॉट कॉम' के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, अवाडी में थिरुनिंद्रावुर पुलिस स्टेशन ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) आईटी विंग के सदस्य की शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया है. शिकायत में कहा गया है कि वेबसाइट के सीईओ राहुल रुसन और संपादक नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
इधर, तमिलनाडु सरकार ने बिहारी प्रवासी मजदूरों पर कथित 'हमलों' की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने सोमवार को कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए वीडियो फर्जी थे . उनमें से ज्यादातर का तमिलनाडु से कोई संबंध ही नहीं था. तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने भी मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने का आग्रह किया था. साथ ही लोगों से सोशल मीडिया पर ऐसे किसी भी संदेश को नहीं फैलाने के लिए कहा जो 'अपमानजनक' या भ्रामक हो.
इससे पहले बताया गया कि पुलिस अधिकारी प्रवासी श्रमिकों के पास पहुंचे. अधिकारियों ने श्रमिकों को आश्वस्त किया कि यहां बिहारी श्रमिकों या किसी अन्य राज्य के श्रमिकों पर हमले की ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने मीडिया में जो कुछ भी देखा है वे सभी फर्जी वीडियो हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की पहुंच से प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षा का यकीन हो गया है. उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर उत्तर भारतीय श्रमिक काम कर रहे थे. हमने पुलिस गश्त तेज कर दी है. हिंदी भाषी पुलिस अधिकारी लगातार श्रमिकों के संपर्क में हैं.
अधिकारी ने बताया कि इरोड, त्रिपुर, कोयम्बटूर और चेन्नई में विशेष हेल्पलाइन नबंर जारी किये गये हैं. जिसपर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से एक भी शिकायत नहीं आई है. (एएनआई) अवाडी पुलिस ने फर्जी समाचार फैलाने और तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों के बीच भय की भावना पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल 'ओपइंडिया डॉट कॉम' के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, अवाडी में थिरुनिंद्रावुर पुलिस स्टेशन ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) आईटी विंग के सदस्य की शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया है.
शिकायत में कहा गया है कि वेबसाइट के सीईओ राहुल रुसन और संपादक नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. इधर, तमिलनाडु सरकार ने बिहारी प्रवासी मजदूरों पर कथित 'हमलों' की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने सोमवार को कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए वीडियो फर्जी थे . उनमें से ज्यादातर का तमिलनाडु से कोई संबंध ही नहीं था.
तमिलनाडु के डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने भी मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने का आग्रह किया था. साथ ही लोगों से सोशल मीडिया पर ऐसे किसी भी संदेश को नहीं फैलाने के लिए कहा जो 'अपमानजनक' या भ्रामक हो.
इससे पहले बताया गया कि पुलिस अधिकारी प्रवासी श्रमिकों के पास पहुंचे. अधिकारियों ने श्रमिकों को आश्वस्त किया कि यहां बिहारी श्रमिकों या किसी अन्य राज्य के श्रमिकों पर हमले की ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने मीडिया में जो कुछ भी देखा है वे सभी फर्जी वीडियो हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस की पहुंच से प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षा का यकीन हो गया है.
उन्होंने कहा कि जिन जगहों पर उत्तर भारतीय श्रमिक काम कर रहे थे. हमने पुलिस गश्त तेज कर दी है. हिंदी भाषी पुलिस अधिकारी लगातार श्रमिकों के संपर्क में हैं. अधिकारी ने बताया कि इरोड, त्रिपुर, कोयम्बटूर और चेन्नई में विशेष हेल्पलाइन नबंर जारी किये गये हैं. जिसपर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से एक भी शिकायत नहीं आई है.
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(एएनआई)