इंफाल/नई दिल्ली : मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार ने 'एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' के अध्यक्ष तथा तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है (FIR against Editors Guild members ). सिंह ने उन पर करीब चार महीने से अधिक समय से जातीय संघर्ष का दंश झेल रहे राज्य में स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया.
एडिटर्स गिल्ड ने हाल में दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा पर मीडिया में आई खबरें एकतरफा हैं. इसके साथ ही उसने राज्य नेतृत्व पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया था.
सिंह ने कहा, 'राज्य सरकार ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की है, जो मणिपुर राज्य में स्थिति को और बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.'
इन पर प्राथमिकी दर्ज : जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें एडिटर्स गिल्ड की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और तीन सदस्य - सीमा गुहा, भारत भूषण तथा संजय कपूर शामिल हैं.
गुहा, भूषण और कपूर ने जातीय हिंसा पर मीडिया रिपोर्ताज का अध्ययन करने के लिए पिछले महीने राज्य का दौरा किया था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले 'सभी समुदायों' के प्रतिनिधियों से मिलना चाहिए था, न कि 'केवल कुछ वर्गों से.'
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने की प्राथमिकी वापस लेने की मांग : मणिपुर में जातीय हिंसा के मीडिया कवरेज का अध्ययन करने वाली एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने निंदा की.
पीसीआई ने यहां एक बयान में कहा, 'यह राज्य में शांति बहाल करने के कदम उठाने के बजाय संदेशवाहक को ही निशाने पर लेने का मामला है. हम मांग करते हैं कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और इसके तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी तत्काल वापस ली जाए.' मणिपुर में जातीय हिंसा के मीडिया कवरेज का अध्ययन करने वाली एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने निंदा की.
पीसीआई ने यहां एक बयान में कहा, 'यह राज्य में शांति बहाल करने के कदम उठाने के बजाय संदेशवाहक को ही निशाने पर लेने का मामला है. हम मांग करते हैं कि एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सीमा मुस्तफा और इसके तीन सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी तत्काल वापस ली जाए.'
(पीटीआई-भाषा)