बाराबंकी : मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट लेकर जाने वाली एम्बुलेंस के मामले में बाराबंकी में मुकदमा दर्ज किया गया है. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह की तहरीर पर अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय के खिलाफ नगर कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. नगर कोतवाल ने मुकदमा दर्ज किए जाने की पुष्टि की.
बीते बुधवार को पंजाब के रोपड़ जेल में बंद मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पेश करते वक्त जिस एंबुलेंस से ले जाया गया था, वो बिना फिटनेस के दौड़ रही थी. इसके बाद सूबे में हड़कंप मच गया. जिस एंबुलेंस का प्रयोग किया गया उसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी जिले में लेकिन हैरानी की बात ये कि इसका फिटनेस नहीं है. जानकारी के बाद बाराबंकी प्रशासन ने फाइलें खंगालनी शुरू की तो एक अस्पताल के नाम पर एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन मिला. फिर पता चला कि उस नाम का कोई भी हॉस्पिटल बाराबंकी में नहीं है. अब प्रशासन ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया है.
एआरटीओ ने दर्ज कराया मुकदमा
एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय के खिलाफ क्राइम नम्बर 369/21 पर नगर कोतवाली में 420, 467, 468, 471 आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
बिना फिटनेस दौड़ रही थी एम्बुलेंस
पंजाब की रोपण जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को बुधवार को मोहाली की एक अदालत में पेश किया गया था. इस दौरान जिस एम्बुलेंस से मुख्तार को मोहाली ले जाया गया, वो एम्बुलेंस बाराबंकी की निकली, जिसका नम्बर UP41AT 7171 है. हैरान कर देने वाली बात ये है कि इसका रजिस्ट्रेशन तो है, लेकिन फिटनेस 31 जनवरी 2017 में एक्सपायर हो चुका है. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि ये एक निजी वाहन है, उसको कोई भी कहीं ले जा सकता है, जिसका रजिस्ट्रेशन तो है, लेकिन फिटनेस नहीं है. उन्होंने बताया कि कई बार नोटिस देने के बाद भी वाहन स्वामी ने फिटनेस नहीं कराया. उन्होंने बताया कि ये श्याम सन के नाम से पंजीकृत है, जिसके मालिक का नाम अलका राय है.
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पूरे दिन प्रशासन रहा हलकान
प्रकरण को लेकर गुरुवार को पूरा दिन प्रशासन हलकान रहा. नगर के रफीनगर में भी जांच की गई, जहां श्याम सन हॉस्पिटल बताया गया था, जो रजिस्ट्रेशन में दर्ज है, लेकिन ऐसा कोई भी हॉस्पिटल नहीं मिला. एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि जब वाहन के प्रपत्रों की जांच हुई तो उसमें जो अलका राय का वोटर आईडी लगी हुई थी वो संदिग्ध प्रतीत हुई, जिसकी एसडीएम ने जांच की. एसडीएम की जांच आख्या के बाद मुकदमा दर्ज कराया गया.